मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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क़ुद्रतन गोया मैं गंगाजल रहा हूँ
तू बता ऐसे ही क्या बेकल रहा हूँ
जिस तरह उल्फ़त में तेरी जल रहा हूँ...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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आतम औषध
मौसम विभाग, भारत के पूर्व महानिदेशक ड़ा.लक्ष्मण सिंह राठौड़ की कलम से....
स्वामी सम्पूर्णानन्द बाल्यकाल से ही शुक्र-ज्ञानी तथा वाकपटु थे| माँ-बाप का दिया नाम कोजा राम था| प्यार से लोग उन्हें कोजिया बुलाते थे| पर वे अपने आप को बचपन से ही सुन्दर व सम्पूर्ण मानते थे| इसलिए शिक्षा में विशेष रूचि नहीं रखते हुए अल्प आयु में ही बोध-ज्ञान मार्ग पर प्रशस्त हो गए थे| आठवीं कक्षा में अन्नुतीर्ण रहने के पश्चात्, वे चौसठ कलाएं सीखने में व्यस्त हो गए| अल्प समय में ही सभी विद्ध्याओं में निष्णात प्राप्त कर ली| परन्तु अति-विशिष्ट बीस एक विद्याओं जैसे कि गान, नृत्य, नाट्य, जल को बांधना, विचित्र सिद्धियाँ दिखलाना, इंद्रजाल-जादूगरी, चाहे जैसा वेष धारण करना, कूटनीति, ग्रंथ पाठन चातुर्य, तोता-मैना बोलियां बोलना, शकुन-अपशकुन जानना, शुभ-अशुभ बतलाना, सांकेतिक भाषा बनाना, नयी-नयी बातें निकालना, छल से काम निकालना, वस्त्रों को छिपाना या बदलना, द्यू्त क्रीड़ा, तंत्र-मन्त्र, विजय प्राप्त करवाना, भूत-प्रेत आदि को वश में करना इत्यादि में वाचस्पति हासिल कर ली...
स्वामी सम्पूर्णानन्द बाल्यकाल से ही शुक्र-ज्ञानी तथा वाकपटु थे| माँ-बाप का दिया नाम कोजा राम था| प्यार से लोग उन्हें कोजिया बुलाते थे| पर वे अपने आप को बचपन से ही सुन्दर व सम्पूर्ण मानते थे| इसलिए शिक्षा में विशेष रूचि नहीं रखते हुए अल्प आयु में ही बोध-ज्ञान मार्ग पर प्रशस्त हो गए थे| आठवीं कक्षा में अन्नुतीर्ण रहने के पश्चात्, वे चौसठ कलाएं सीखने में व्यस्त हो गए| अल्प समय में ही सभी विद्ध्याओं में निष्णात प्राप्त कर ली| परन्तु अति-विशिष्ट बीस एक विद्याओं जैसे कि गान, नृत्य, नाट्य, जल को बांधना, विचित्र सिद्धियाँ दिखलाना, इंद्रजाल-जादूगरी, चाहे जैसा वेष धारण करना, कूटनीति, ग्रंथ पाठन चातुर्य, तोता-मैना बोलियां बोलना, शकुन-अपशकुन जानना, शुभ-अशुभ बतलाना, सांकेतिक भाषा बनाना, नयी-नयी बातें निकालना, छल से काम निकालना, वस्त्रों को छिपाना या बदलना, द्यू्त क्रीड़ा, तंत्र-मन्त्र, विजय प्राप्त करवाना, भूत-प्रेत आदि को वश में करना इत्यादि में वाचस्पति हासिल कर ली...
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यह कैसा विरोध
अपना विरोध और असहमति प्रकट करने का एक अजब ही ट्रेंड चल पड़ा है फेसबुक पर इन दिनों ! विशेष रूप से यदि किसी महिला की आलोचना करनी हो तो लोग बड़े दम ख़म के साथ तैयारी करके न केवल तीखे एवं अपमान जनक ढंग से उस लेखिका और उसकी पोस्ट की बखिया उधेड़ने में लग जाते हैं बल्कि उस पोस्ट को अपनी वाल पर शेयर कर लेते हैं...
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ज़िन्दगी--गज़ल ---
डा श्याम गुप्त
राहों के रंग न जी सके, कोई ज़िन्दगी नहीं।
यूहीं चलते जाना दोस्त, कोई ज़िन्दगी नहीं...
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एक ग़ज़ल :
जो चढ़ रहा था वो सुरूर था----
वो जो चढ़ रहा था सुरूर था ,
जो उतर रहा है ख़ुमार है
वो नवीद थी तेरे आने की ,
तेरे जाने की ये पुकार है...
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक
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पथरी
पत्थरचट्टा, जिसे पाषाणभेद भी कहते हैं, यह पथरी नही दूर करता सिर्फ पथरी का दर्द दूर करता है।
जठराग्नि को तेज करने के लिए
भोजन के बाद सौंफ मिश्री अब बंद कर देनी चाहिए ।पूरे देश के पेट के मरीजों की तकलीफ का विश्लेषण करके मैंने यह नतीजा निकाला है कि अपने पेट की उपापचय की क्रिया अर्थात जठराग्नि को सही रखने के लिए जरूरी है कि भोजन के बाद 10 तुलसी के पत्ते 4 दाने काली मिर्च और सिर्फ एक पीपल का पत्ता चबाया जाना चाहिए।
लीवर की लाइन एवं लेंथ बिल्कुल दुरुस्त हो जाएगी।एक माह लगातार ले लीजियेगा उसके बाद गैप भी हो जाये तो चिंता की बात नही।
इसे चूर्ण बनाकर भी रखा जा सकता है...
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*अठारहवाँ अध्याय*
*(१८.२१-१८.२५)*
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जिन्दगी की ग़ज़ल गुनगुनाया करें -
जिन्दगी की ग़ज़ल गुनगुनाया करें
शेर भी आप दिलकश सुनाया करें
करने वादे तो आते तुम्हे हैं बहुत
आप वादे कभी तो निभाया करें...
My Unveil Emotions
जिन्दगी की ग़ज़ल गुनगुनाया करें
शेर भी आप दिलकश सुनाया करें
करने वादे तो आते तुम्हे हैं बहुत
आप वादे कभी तो निभाया करें...
My Unveil Emotions
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*" उरुग्वे "* एक ऐसा देश है ,
जिसमे औसतन हर एक आदमी के पास 4 गायें हैं ...
जिसमे औसतन हर एक आदमी के पास 4 गायें हैं ...
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कीचड़ का कारोबार हमारे इलाके में नगर परिषद् द्वारा जल निकासी के लिए नालियों का जो निर्माण हुआ है संभवतः उसका ठेका उसी आदमी को दिया गया होगा जिसने ...
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शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंसार्थक सूत्र, सुन्दर संकलन, बढ़िया प्रस्तुति ! मेरे आलेख को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार शास्त्री जी !
सुन्दर रविवारीय चर्चा
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा! मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार आदरणीय शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंहिंदीसक्सेस को आप भूल रहे हैं. www.hindisuccess.com
राम-राम
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक चर्चा...आभार
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