कई सरकार खूंटी पर, रखी थी टांग डेरे में-
रविकर
कई सरकार खूंटी पर, रखी थी टांग डेरे में।
अधिकतर भक्त दुर्जन के रहे अबतक अंधेरे में।
जयतु जय जांच अधिकारी, अदालत की सदा जय जय
चमत्कारी बलात्कारी पड़ा है आज फेरे में।
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माँ सामने खड़ी है मचल जाइए हुजूर ...
बहरों का है शहर ये संभल जाइए हुजूर
क्यों कह रहे हैं अपनी गज़ल जाइए हुजूर...
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बादल राजा(बरसात पर 10 हाइकु)
1.
ओ मेघ राजा
अब तो बरस जा
भगा दे गर्मी!
2.
बदली रानी
झूम-झूम बरसी
नाचती गाती!
3. ...
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पति परमेश्वर
सोनू आज तुमने फिर आने में देर कर दी ,देखो सारे बर्तन जूठे पड़ें है ,सारा घर फैला पड़ा है ,कितना काम है ।''मीना ने सोनू के घर के अंदर दाखिल होते ही बोलना शुरू कर दिया ,लेकिन सोनू चुपचाप आँखे झुकाए किचेन में जा कर बर्तन मांजने लगी ,तभी मीना ने उसके मुख की ओर ध्यान से देखा ,उसका पूरा मुहं सूज रहा था ,उसकी बाहों और गर्दन पर भी लाल नीले निशान साफ़ दिखाई दे रहे थे । ''आज फिर अपने आदमी से पिट कर आई है ''...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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बड़े आराम से यह कहा जा सकता है कि लालू मुलायम मायावती से लेकर जातिवादी राजनीति करते अपनी व्यक्तिगत दुकान चलाने वाले आरक्षण पैरोकारों से लेकर नवोदित "हार्दिक पटेल" जैसे लोगों तक की रैलियों में जो विशाल भीड़ उमड़ती है,वह भाड़े की होती है...
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सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रविकर जी।
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर रविकर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया चर्चा..
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जवाब देंहटाएंAABHAAR
विस्तृत चर्चा ... आभार मुझे भी आज शामिल करने का ...
जवाब देंहटाएं@दस्तक देता कुटिल काल है, प्रजातंत्र का बुरा हाल है...
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