गवाही में अदालत को, हुई शादी बताता है-
रविकर
कहे चालाक हर-गंगे, फिसलने पर नहाता है।
कृपण की जेब जब कटती, किया है दान, गाता है।
किसी की लुट रही अस्मत, खड़ा था मौन तब कायर--
गवाही में अदालत को, हुई शादी बताता है।
-- लोकनायक गोस्वामी तुलसीदास -- "जन्मदिन पर मुंशी प्रेमचन्द को शत-शत नमन"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
दोहे "हरी-भरी सब बेल"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') |
udaya veer singh
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नेह की संयोजना
shashi purwar
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मैंने छुआ, सहलाया उन्हें...शबनम शर्मा
yashoda Agrawal
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कल वापी, गुजरात में स्थित गायत्री मंदिर पर रामायण पाठ का आयोजन किया गया था| और शाम को भंडारे का आयोजन किया गया था| मै भी शाम के ६ बजे मंदिर परिसर में पंहुचा| तो रामायण पाठ ख़त्म हो चुका था| और भजन शुरू होने वाला था, मैंने देखा एक १२ वर्षीय बालक माइक पर था| और फिर उसने भजन गाना शुरू किया, और शमा बाँध दिया| पूरा मंदिर परिसर श्याममय हो गया था| कुछ विडियो यूट्यूब के माध्यम से प्रस्तुत कर रहा हूँ| आशा है आपको पसंद आयेगी...
Mere Man Ki पर
Rishabh Shukla
--क्रांतियाँ बेकार नहीं जातीं -
Jagadishwar Chaturvedi
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कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
--ब्राह्मण संस्थान ने जयंती पर दीतुलसीदास को श्रद्धांजलि
Rajesh Shrivastav
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पीपल प्रेमी की बाहों में
डॉ कविता भट्ट (हे न ब गढ़वाल विश्वविद्यालय,
साँसे कुछ रुक-रुककर चली जा रही थी
धड़कन बीमार कुछ-कुछ रुकी जा रही थी
डॉक्टर ने भेजा दवा का लम्बा चिट्ठा लिखकर
आँखें कृश देह रूपसी की मुँदी जा रही थीं...
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बादल गरज रहे हैं, बरस रहे हैं।
नदियां उफन रही हैं,
सृष्टि की प्यास बुझा रही हैं।
वृक्ष बीज दे रहे हैं
और धरती उन्हें अंकुरित कर रही है...
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नये सिरे सेब्लॉग-यात्रा का प्रारम्भ
सत्यार्थमित्र पर मौलिक रूप से ब्लॉग पोस्ट करने की आदत फ़ेसबुक ने छीन ली थी। जो मन में आया उसे तुरत-फुरत स्टेटस के रूप में फेसबुक पर डालकर छुट्टी ले लेने का आसान रास्ता पकड़ लिया था मैंने। अधिकतम चौबीस घंटे की सक्रिय आवाजाही पाने के बाद वह स्टेटस काल के गाल में समा जाया करता था। लेकिन इतने में ही करीब सौ पाठकों की लाइक्स व कुछ के कमेन्ट्स की खुराक मिल जाती थी। अधिक महत्वाकांक्षा न पालने के कारण इतने से काम चल जा रहा था। मैं ऐसा मान चुका था कि हिन्दी ब्लॉगरी की दुनिया प्रायः निष्क्रिय हो चुकी है। लेकिन खुशदीप सहगल जी के तगादे से एक बार फ़िर से हरकत शुरू हुई है...
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nise
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा।
जवाब देंहटाएंआभार रविकर जी।
सुप्रभात,
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा के लिए बधाई| मेरी रचना "श्याम" को स्थान देने के लिए आभार|
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबढ़िया रविकर चर्चा।
जवाब देंहटाएंरोचक चर्चा..
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
धन्यवाद।
सुन्दर चर्चा है ...
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