सुधि पाठकों!
सोमवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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कविता
"मत सीख यहाँ पर सिखलाओ"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
कई मित्र टिप्पणियाँ अक्सर,
सब रचनाओं पर देते हैं।
सुन्दर-बढ़िया लिख करके,
निज जान छुड़ा भर लेते हैं।।
कुछ तो बिना पढ़े ही,
केवल कॉपी-पेस्ट किया करते हैं।
खुश करने को बदले में ही,
वो प्रतिदान दिया करते हैं।।
रचना के बारे में भी तो,
कुछ ना कुछ लिख दिया करो।
आँख मूँद कर, एक तरह की,
नहीं टिप्पणी किया करो...
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गज़ल
" इमारत "
( राधा तिवारी " राधेगोपाल ")
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गरीब मेधावी छात्रो को
उच्च शिक्षा से वंचित करने की साजिश
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लग्न-राशि फल -
3 और 4 जून 2018
संगीता पुरी
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बहरुपी कलयुग
कोई दुनिया भर के श्रृंगार तले
आइने को धोका देता है
सब रंगो में रंग कर भी
जाने किस रंग को रोता है
कोई विधवा सा सब कुछ खो कर
बिन रंगों के जीता है...
आइने को धोका देता है
सब रंगो में रंग कर भी
जाने किस रंग को रोता है
कोई विधवा सा सब कुछ खो कर
बिन रंगों के जीता है...
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रूहानी प्यार ----
कविता --
रखेगें इसे दिल मेंसजा संवार हम !!
बदल जायेंगे जब - सुहाने ये मन के मौसम , ़
तनहाइयों में साँझ की घुटने लगेगा दम -
खुद को बहलायेंगें-इसको निहार हम...
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चन्द माहिया :
क़िस्त 45
1:
सब ग़म के भँवर में हैं
कौन किसे पूछे
सब अपने सफ़र में हैं
;2:
अपना ही भला देखा
देखी कब मैने
अपनी लक्षमन रेखा...
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बस प्यार एक सौगात यहाँ
ये जीवन इक बहती धारा,
नित सीख नया दे जाती है।
फिर जीने खातिर चुन चुके,
कुछ खुशियाँ भी ले आती है...
मनोरमा पर श्यामल सुमन
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अमीर व्यक्ति से भी अमीर
किसी समय दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति बिल गेट्स से किसी न पूछा - 'क्या इस धरती पर आपसे भी अमीर कोई है ? बिल गेट्स ने जवाब दिया - हां, एक व्यक्ति इस दुनिया में मुझसे भी अमीर है. कौन ---!!!!! बिल गेट्स ने बताया - एक समय में जब मेरी प्रसिद्धि और अमीरी के दिन नहीं थे, न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर था.. वहां सुबह सुबह अखबार देख कर, मैंने एक अखबार खरीदना चाहा,पर मेरे पास खुदरा पैसे नहीं थे.. सो, मैंने अखबार लेने का विचार त्याग कर उसे वापस रख दिया.. अखबार बेचने वाले काले लड़के ने मुझे देखा, तो मैंने खुदरा पैसे/सिक्के न होने की बात कही.. लड़के ने अखबार देते हुए कहा - यह मैं आपको मुफ्त में देता हूँ.....
Digvijay Agrawal at
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था हमसे किसी बात पे ख़फ़ा बहुत
था हमसे किसी बात पे ख़फ़ा बहुत
जब मिला तो, लिपट के रोया बहुत
अपने किस्से सुनाए, कामियाबी के
फिर मेरी हालत पे उदास हुआ बहुत...
जब मिला तो, लिपट के रोया बहुत
अपने किस्से सुनाए, कामियाबी के
फिर मेरी हालत पे उदास हुआ बहुत...
Mukesh Srivastava at
हमारी मत मानो
सीता जी के जन्म को लेकर बड़ा विवाद है भाई, कोई उन्हें जनकसुता कहता है तो कोई कोई उसे रावण की पुत्री तक सिद्ध करते हैं कोई उसे ऋषियों के रक्त से उत्पन्न बताते हैं अब हमारे उप मुख्यमंत्री उन्हें टेस्ट ट्यूब बेबी बता रहे हैं। अरे भाई इतना क्यों नहीं समझते जो सत्ता में पहुँच जाते हैं लोग उनकी उबासियों पर भी तर्क वितर्क करते हैं। सो आप तो चुप ही रहिये ये काम तो हमारे जैसे अज्ञानियों को सौंप दीजिए...
मेरी दुनिया पर Vimal Shukla
शुभ प्रभात सखी
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर ढंग से प्रस्तुत की गयी पठनीय चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार राधा बहन जी।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय राधा जी - हार्दिक आभार मेरे रचना को चर्चा मंच की शोभा बनाने के लिए | सभी लिंकों को का अवलोकन भी लिया मैंने |बहुत ज्ञान वर्धन हुआ |आपके सहयोग के लिए पुनः कोटिश आभार | सादर ====
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंलाजवाब संकलन
सभी रचनाएँ उत्क्रष्टता को प्राप्त है
सभी को खूब बधाई
मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आभार
सादर नमन शुभ रात्रि 🙇