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मंगलवार, जून 19, 2018

"कैसे होंगे पार" (चर्चा अंक-3006)

मित्रों! 
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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दोहे  

"कैसे होंगे पार"  

बहुत पुरानी है विधादोहों की श्रीमान। 
दोहों में ही निहित हैदुनिया भर का ज्ञान।।

नदिया की धारा प्रबलकैसे होंगे पार।  

नौका की मझधार मेंटूट गयी पतवार।।

जब से मैली हो गयीगंगा जी की धार।  

छल-बल की पतवार सेलोग उतरते पार... 
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Fathers Day पर पढ़िए  

अज्ञेय की कविता –  

चाय पीते हुए 

चाय पीते हुए

मैं अपने पिता के बारे में सोच रहा हूँ।
आप ने कभी

चाय पीते हुए
पिता के बारे में सोचा है... 
Alaknanda Singh  
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पिता का जीवन में महत्व 

संघर्ष का दूसरा नाम है पिता
बचपन से जो हमें सपने दिखाए वो है पिता
ऊँगली पकड़कर जो चलना सिखाये वो है पिता
हमारी जागीर और जमीर है पिता... 
aashaye पर garima  
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शामें जब खुबसूरत होती थी 

आज बंजर जमीन की
घासे पीली थी
धरती सूखी, पर
रातें काली नही थी
उसने बचपन से ही
तारों के आसपास जीने की
आदत डाल रखी थी.... 
हमसफ़र शब्द पर संध्या आर्य 
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बदचलन... 

हरिशंकर परसाई 

एक बाड़ा था। बाड़े में तेरह किराएदार रहते थे। 
मकान मालिक चौधरी साहब पास ही एक बँगले में रहते थे... 
yashoda Agrawal  
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बच्चे ज़मीन कैश सभी कुछ निगल गए ... 

सूरज खिला तो धूप के साए मचल गए
कुछ बर्फ के पहाड़ भी झट-पट पिघल गए

तहजीब मिट गयी है नया दौर आ गया
इन आँधियों के रुख तो कभी के बदल गए.... 
Digamber Naswa  
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किताबों की दुनिया - 182 

नीरज पर नीरज गोस्वामी  
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देश को कैसे विकास की राह पर आगे ले जाएँ  

हमारे देश की सबसे बड़ी और जन्मदाता समस्या है जनसँख्या। १३० + करोड़ की जनसँख्या में जिस तरह निरंतर वृद्धि हो रही है, उससे यह निश्चित लगता है कि अगले ५ वर्षों में हम चीन को पछाड़ कर विश्व के नंबर एक देश हो जायेंगे। लेकिन जिस तरह के हालात हमारे देश में हैं, उससे बढ़ती जनसँख्या अन्य समस्याओं की जन्मदाता बन जाती है। महंगाई , बेरोजगारी , संसाधनों की कमी , प्रदुषण और भ्रष्टाचार इसी की अवैध संतानें हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है। हालाँकि निसंदेह देश का विकास सरकार के हाथ में है, लेकिन सिर्फ सरकार को दोष देना सर्वथा अनुचित है... 
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल - 

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर चर्चा प्रस्तुति। 'उलूक' के सूत्र को स्थान देने के लिये आभार आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत sundar चर्चा आज की ...
    आभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  3. एक ब्लॉग जो दिल को छू गया वो है " चर्चा मंच "
    मेरी पोस्ट " राहुल गांधी , नाम मे क्या रखा है ? " को जगह देने के लीये ह्रदय से आभारी हु

    जवाब देंहटाएं

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