मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सेदोका.....
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
रे कवि मन बस अब वीरों का कर अभिनन्दन
भाए न मुझे बिंदिया या कजरे कंगन का वंदन...
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
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हो जाये तो अच्छा
न हँसने का दिल न रोने का मन
कुछ गुमसुम सी गुजर जाये तो अच्छा
न दोस्ती का नाता न बैर का रिश्ता
कुछ अजनबी ही रह जायें तो अच्छा...
डॉ. अपर्णा त्रिपाठी
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श्रृंगार
बोलो साजन
क्या ले आये हो
तुम मेरे श्रृंगार के लिए ?
किन प्रसाधनों से
और किन आभूषणों से
सजाना चाहते हो मुझे...
Sudhinama पर sadhana vaid
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सच को संवेदनशीलता से
उकेरती कहानियाँ
आज की भागमभाग भरी ज़िन्दगी में जो कुछ छीज रहा है, उसे संवेदनशीलता के साथ उकेरती हैं इस संग्रह की कहानियाँ | डॉ. फ़तेह सिंह भाटी ने किताब की भूमिका में कहा भी है कि "जीवन एक कला है। सुख, एक दूसरे के प्रति अपनापन, प्रेम, समर्पण, त्याग और समझ से अनुभूत कर सकते हैं, साधनों से नहीं। इंसान सुख के साधन बढ़ाता जाता है और इस हद तक कि उसके जीवन का लक्ष्य ही पैसा हो जाता है। सारी ऊर्जा इसमें लगाकर अंततः वह स्वयं को छला महसूस करता है।" संग्रह को पढ़ते हुए पाठक को यही बात या यूँ कहें कि यही सबक, उनकी कहानियों में भी मिलता है | मर्मस्पर्शी भाषा में आंचलिक शब्दों का प्रभावी इस्तेमाल कर रची गई इस ...
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अपनी उम्र बढ़ने से रोकने के उपाय
उम्र बढ़ती जाती है और यह जीवन चक्र का निश्चित क्रम है। लेकिन मुख्य प्रश्न यह है कि हम अपनी उम्र के साथ बढ़ते हुए कैसे कम से कम दवाइयों और डॉक्टरी सुख सुविधाओं को लेते हुए आगे बढ़ें। हममें से अधिकतर लोग स्वास्थ्य बीमा में बहुत सा पैसा खर्च करते हैं, लेकिन हममें से...
कल्पतरु पर Vivek
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महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रेरक जीवनी
Maharani Ahilyabai Holkar Biography in Hindi
Dr. Zakir Ali Rajnish
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सुना है नेहरूवंशी अवशेष
अबुधकुमार राहुल,
आर. आर. एस., इन दिनों क्या कर रही है -
भारत धर्मी समाज को बतलायेंगे
Virendra Kumar Sharma
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तुम्हारा संग
(राधातिवारी "राधेगोपाल")
मेरे जीवन की नदियां में तुम्हारा संग किनारा है
अगर तूफान भी आ जाए तेरा संग लगता प्यारा है...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचनाओं का चयन आज के चर्चामंच में ! मेरी रचना 'श्रृंगार' को आज के मंच पर स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
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