मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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तालमेल
(राधातिवारी "राधेगोपाल")
मेरे मन में भावों के भंडार आ रहे।
अल्फाजों के अंदर से उद्गार आ रहे।।
परिवार मैं तो आज कुछ कमी सी रह गई।
मिलकर रहो सब साथ में विचार आ रहे...
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मुंबई की आरआरएस विंग की शाखा
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का
इफ्तियार पार्टी देना
सोनिया संताप की वजह बन गया है
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इक उमर का उनिंदा हूँ मैं....
विकास शर्मा 'दक्ष'
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उम्मीद-ए-वफ़ा की फितरत से शर्मिंदा हूँ मैं,
ग़ज़ब कि दगा के हादसों के बाद ज़िंदा हूँ मैं,...
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
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सुबह की चाय में बिस्कुट डुबा कर ...
नहीं जाता है ये इक बार आ कर
बुढ़ापा जाएगा साँसें छुड़ा कर
फकत इस बात पे सोई नहीं वो
अभी सो जायेगी मुझको सुला कर...
Digamber Naswa
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मुमकिन है तुरपाई
बादल फटते, दूध भी फटता, मुश्किल है भरपाई।
फटते जब कपड़े या रिश्ते, मुमकिन है तुरपाई...
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कृष्ण - भक्त हसरत मोहानी की
मजार भी है फिरंगी महल में --
कृष्ण प्रताप सिंह
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क्रांति स्वर पर विजय राज बली माथुर
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चित्र-विचित्र
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शुभ अवसर देता सदा, सूर्योदय रक्ताभ।हो प्रसन्न सूर्यास्त यदि, उठा सके तुम लाभ।।
रविकर उफनाती नदी, उफनाता सद्-प्यार।कच्चा घट लेकर करे, वो वैतरणी पार...
रविकर उफनाती नदी, उफनाता सद्-प्यार।कच्चा घट लेकर करे, वो वैतरणी पार...
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जैसा देव वैसा पुजारी
कहावत है – जैसा देव वैसा पुजारी। काली माता का विभत्स रूप, तो पुजारी भी शराब का चढ़ावा चढ़ाते हैं, बकरा काटते हैं। डाकू गिरोह में डाकू ही शामिल होते हैं और साधु-संन्यासियों के झुण्ड में साधु-संन्यासी। डाकुओं का सरगना मन्दिर में जाकर भजन नहीं गाता और साधु कभी डाका नहीं डालता। जिस दिन डाकू सरदार ने भजन गाना शुरू कर दिया समझो उसके साथी डाकू उसका साथ छोड़ देंगे।
जितने डाके उतना ही सम्मान...
smt. Ajit Gupta
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुप्रभात | आज पढ़ने के लिए पर्याप्त लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंसुन्दर मंगलवारीय अंक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंविस्तृत लिंक चर्चा ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...
सदा की तरह सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
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