सुधि पाठकों!
सोमवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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पूज्य पिता जी आपका,
वन्दन शत्-शत् बार
उच्चारण पर
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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प्रशासन में नए जोश का संचार कैसे?
जिज्ञासा पर pramod joshi
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" भारत भाग्य... "....
कमलकिशोर पाण्डेय
मेरी धरोहर पर yashoda Agrawal
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तुम्हे लड़ना होगा
Madhulika Patel
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स्मृति शेष पिताजी -----
कविता
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बाल कविता-
अन्हरिया भेल सबल
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हे सीप तुझीसे पयोधि कथा
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काहे को "रेस" लगाई
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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बच्चों वाले खेल
sapne(सपने) पर
shashi purwar
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शीर्षकहीन
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व्यंग्य क्षणिकाएं
*अपराधी कौन ?*
नदियाँ सूखती हैं
समुंदर के प्यार में
समुंदर प्यार करता तो
नदियां पहाड़ चढ़ जातीं!
किसी नदी की मृत्यु के लिए
कोई मनुष्य जिम्मेदार नहीं...
बेचैन आत्मा पर देवेन्द्र पाण्डेय
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३१३. अमलतास से
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ईद मुबारक
सुबह से इन्तजार है
तुम्हारे मोगरे जैसे खिले चेहरे को
करीब से देखूं
ईद मुबारक कह दूँ
पर तुम शीरखुरमा,
मीठी सिवईयाँ बांटने में लगी हो...
Jyoti Khare
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गहराती बहुआयामी गैर-बराबरी
विकास-भ्रम का सच
Randhir Singh Suman
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शुभ प्रभात सखी
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सार्थक चर्चा। आपका आभार राधा बहन जी।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल की. शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंआदरणीय राधा जी -- चर्चा मंच की आज की प्रस्तुती में अपनी रचना को पाकर बहुत ख़ुशी हुई | बाकी सभी अंक भी बेहतरीन है | आपके सहयोग की आभारी रहूंगी | सादर
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