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सोमवार, जून 18, 2018

"पूज्य पिता जी आपका, वन्दन शत्-शत् बार" (चर्चा अंक-3005)

सुधि पाठकों!
सोमवार की चर्चा में 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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पूज्य पिता जी आपका, 

वन्दन शत्-शत् बार 

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक  
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प्रशासन में नए जोश का संचार कैसे? 

जिज्ञासा पर pramod joshi 
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" भारत भाग्य... "....  

कमलकिशोर पाण्डेय 

मेरी धरोहर पर yashoda Agrawal 
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तुम्हे लड़ना होगा 

Madhulika Patel  
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स्मृति शेष पिताजी -----  

कविता 

क्षितिज पर Renu  
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बाल कविता-  

अन्हरिया भेल सबल 

नव अंशु पर Amit Kumar  
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हे सीप तुझीसे पयोधि कथा 

अनकहे बोल पर anchal pandey  
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काहे को "रेस" लगाई 

कुछ अलग सा पर गगन शर्मा 
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बच्चों वाले खेल 

shashi purwar  
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शीर्षकहीन 

SADA 
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व्यंग्य क्षणिकाएं 

*अपराधी कौन ?*   
 नदियाँ सूखती हैं 
समुंदर के प्यार में 
 समुंदर प्यार करता तो  
नदियां पहाड़ चढ़ जातीं! 
किसी नदी की मृत्यु के लिए 
कोई मनुष्य जिम्मेदार नहीं... 
बेचैन आत्मा पर देवेन्द्र पाण्डेय 
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३१३. अमलतास से 

कविताएँ पर Onkar  
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ईद मुबारक 

सुबह से इन्तजार है  
तुम्हारे मोगरे जैसे खिले चेहरे को  
करीब से देखूं  
ईद मुबारक कह दूँ  
पर तुम शीरखुरमा,  
मीठी सिवईयाँ बांटने में लगी हो... 
Jyoti Khare 
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गहराती बहुआयामी गैर-बराबरी  

विकास-भ्रम का सच 

Randhir Singh Suman 
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6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल की. शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय राधा जी -- चर्चा मंच की आज की प्रस्तुती में अपनी रचना को पाकर बहुत ख़ुशी हुई | बाकी सभी अंक भी बेहतरीन है | आपके सहयोग की आभारी रहूंगी | सादर

    जवाब देंहटाएं

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