मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गीत
"इस धरा को रौशनी से जगमगायें"
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दोहे
"वृक्षों से मिलती हमें, ठंडी ठंडी छांव"
( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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क्यों कह देता होगा
कुछ भी लिखे को
कविता कोई कवि नहीं करते
बकबक लिखते हैं
दिमाग पर लगा कर जोर
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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जीने के इरादे करे...
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
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व्यथा कथा - एक गीत
जीवन एक कथा है सब कुछ छूटते जाने की
हाथ से बालू फिसले ऐसे वक़्त गुज़रता जाता हैबचपन बीता यौवन छूटा तेज़ बुढ़ापा आता हैजल की मीन को है आतुरता जाल में जाने कीजीवन एक कथा है सब कुछ छूटते जाने की...
हाथ से बालू फिसले ऐसे वक़्त गुज़रता जाता हैबचपन बीता यौवन छूटा तेज़ बुढ़ापा आता हैजल की मीन को है आतुरता जाल में जाने कीजीवन एक कथा है सब कुछ छूटते जाने की...
Smart Indian
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*** कितनी दूर हूँ...!***
अपराजिता पर
अमिय प्रसून मल्लिक
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एक ही ब्राउजर पर
एक ही समय में चलाएँ
दो व्हाट्सऐप अकाउंट।
Dinesh Prajapati
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तुम खुदा नहीं हो
मैं सो रहा था
मुझे सोने देते
चैन तो था
अब न सो पाऊंगा
और न जागा रह पाऊँगा
मझधार में जैसे हो नैया कोई
एक विशालकाय प्रेत की मानिंद हो गया हूँ...
vandana gupta
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दीपावली का आरोग्य चिन्तन
दीपावली जन-मन की प्रसन्नता, हर्षोल्लास एवं श्री-सम्पन्नता की कामना के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक की अमावस्या की काली रात्रि को जब घर-घर दीपकों की पंक्ति जल उठती है तो वह पूर्णिमा से अधिक उजियारी होकर 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' को साकार कर बैठती है। यह पर्व एक दिवसीय न होकर कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी से शुक्ल पक्ष की दूज तक बड़े हर्षोल्लास से सम्पन्न होता है। इसके साथ ही दीपावली को कई महान तथा पूज्य महापुरूषों के जीवन से सम्बद्ध प्रेरणाप्रद घटनाओं के स्मृति पर्व के रूप में भी याद किया जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन महाराज युधिष्ठिर का राजसूय-यज्ञ भी सम्पन्न हुआ था। राजा विक्रमादित्य भी इसी दिन सिंहासन पर बैठे थे। आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानंद सरस्वती, जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी तथा सर्वोदयी नेता आचार्य विनोबा भावे का स्वर्गारोहरण का भी यही दिवस है। सिक्खों के छठवें गुरु हरगोविन्द जी को भी इसी दिन कारावास से मुक्ति मिली। वेदान्त के विद्वान स्वामी रामतीर्थ का जन्म, ज्ञान प्राप्ति तथा निर्वाण, तीनों इसी दिन हुए थे...
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सरकार और रिज़र्व बैंक की
निरर्थक रस्साकशी
जिज्ञासा पर pramod joshi
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वक़्त ...
वक़्त के इक वार से पर्वत दहल गया
वक़्त के आँचल तले सपना कुचल गया
फर्श से वो अर्श पे पल भर में आ गए
वक़्त के हाथों में जो लम्हा मचल गया...
Digamber Naswa
देखते हैं एक छद्म शिव भक्त
राम मंदिर निर्माण धर्मादेश पर
क्या स्टेण्ड लेता है ?
Virendra Kumar Sharma
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कथा-गाथा :
सफारी :
दी जंगल यात्रा :
नरेश गोस्वामी
समालोचन पर arun dev
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प्यारी बेटी
Akanksha पर
Asha Saxena
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सुप्रभात। सुंदर प्रस्तुति। सभी को दीपावली पर्व की बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंदीपावली की हलचल के साथ अच्छी चर्चा ...
जवाब देंहटाएंसभी को शुभ दिवाली ...
आभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
सुन्दर चर्चा। दीपोत्सव की शुभकामनाएं। आभार आदरणीय 'उलूक' के कुछ भी को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली!
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