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सोमवार, नवंबर 12, 2018

"ऐ मालिक तेरे बन्दे हम.... " (चर्चा अंक-3153)

सुधि पाठकों!
 सोमवार की चर्चा में 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
राधा तिवारी (राधे गोपाल)  
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भारत देश  
( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )  

राधे का संसार
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ग़ज़ल  

"सरपंच मेरे गाँव के"  

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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लिखा हुआ  

रंगीन भी होता है  

रंगहीन भी होता है  

बस देखने वाली  

आँखों को पता होता है 


सुशील कुमार जोशी  
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सेल्फी खींच कर डीपी बनाओ  

कि हम जाग गये हैं अब 

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अँधेरे अँधेरों मे खो गए !!... 

मंजू मिश्रा 

yashoda Agrawal  
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बिहार का यह सूर्य मंदिर  

डेढ़ लाख साल पुराना है,  

छठ पूजा के दिन जुटते हैं  

यहां लाखों श्रद्धालु 

gondalivenews 
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वोट्स एप्प के लीये स्टीकर कैसे बनाए ?  

मोबाइल चाहे कोई भी हो 

AAWAZ पर SACCHAI 
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क्रान्ति तीर्थ काकोरी --  

भाग तीन 

क्रान्ति के रथं विस्फोट के कुछ ही वर्ष बाद ऐसी परिस्थितिया बनी जिनसे क्रान्ति की उस श्रृखला का आरम्भ हुआ जिसकी कडिया देश में और देश से बाहर जुडती चली गयी | 1903 में इंग्लैण्ड की सरकार ने घोर साम्राज्यवादी और तानाशाही मनोवृति के लार्ड कर्जन को भारत का गवर्नर जनरल एवं वायसराय नियुक्त कर दिया | हम उसके सभी कार्यो के लेखा जोखा नही लेंगे केवल इतना कहेंगे की सात वर्ष के अल्प समय में उसने भारत के लोगो को जितना छुब्द्द कर दिया , उतना शायद ही कोई और कर सकता ... 
sunil kumar  at  
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ऐ मालिक तेरे बन्दे हम.... 

दोस्तों ! मेरी आवाज़ के साथ-साथ  
मेरी पत्नी श्रीमती कंचनलता और बेटी शाम्भवी  
की आवाज में लीजिए प्रस्तुत है ये गीत..... 
PBCHATURVEDI प्रसन्नवदन चतुर्वेदी  at  
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माँ 

ना जाने कौन से देश तू बसती है  
अक्सर तेरी याद रह रह आती है  
समेटने बैठी हूं तेरी यादों को  
पर कागज के पन्नों में भी तू नहीं समाती है... 
अनीता लागुरी  at  
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कार्टून :-  

विकास की पेशी का दिन 


4 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर सोमवारीय चर्चा में 'उलूक'की वर्णान्धता को भी जगह देने के लिये आभार राधा जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन आलेख और अच्छी चर्चा प्रस्तुति मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं

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