मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जम्मू कश्मीर के लोगों को
राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल किये बिना
वहाँ स्थितियाँ सामान्य नहीं हो सकतीं
क्रांति स्वर पर
विजय राज बली माथुर
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सावधान पार्थ!
सर संधान करो
ऐसी कई कहावतें हैं जिनके प्रयोग पर मुझे हमेशा से आपत्ति रही है, उनमें से एक है – निन्दक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाय। बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय। विद्वान कहने लगे हैं कि अपने निन्दक को अपने पास रखो, उसके लिये आंगन में कुटी बना दो। लेकिन मैं कहती हूँ कि अपने निन्दक को नहीं जो अपने दुश्मन की निंदा कर सके, उसे अपने पास रखो...
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पता ही नहीं चलता है
कि बिकवा कोई और
रहा है कुछ अपना
और गालियाँ मैं खा रहा हूँ
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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सुन्दर शनिवारीय चर्चा प्रस्तुति। आभार आदरणीय 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंआभार
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चामंच की प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने हेतु सह्रदय आभार आदरणीय
सादर