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गुरुवार, नवंबर 22, 2018

चर्चा - 3163

12 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद सुंदर रचनाओं से सजा गुलदस्ता तैयार है आज के अंक में,मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए हृदयतल से आभारी हूँ आदरणीय।
    सादर।

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  2. बेहतरीन लिंक्स, पठनीय सुंदर रचनाएँ ! चर्चामंच की खूबसूरत प्रस्तुति में अपनी रचना देखना अच्छा लगता है। सादर धन्यवाद आदरणीय !

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  3. अत्यंत सुन्दर एवं विविध रंग के सूत्रों का गुलदस्ता आज के मंच पर ! मेरी रचना को भी आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !

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  4. बेहतरीन चर्चा मंच की प्रस्तुति 👌

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  5. सार्थक लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा।
    आपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।

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  6. सुन्दर गुरुवारीय गुलदस्ते में 'उलूक' के सिम सिम को भी जगह देने के लिये आभार दिलबाग जी।

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  7. बेहतरीन लिंक्स.....दिलबाग जी
    आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका.....आभार !!

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  8. विविधरंगी रचनाओं के सूत्र देता आज का चर्चा मंच, आभार !

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  9. दिल बाग-बाग हो गया
    आभार
    सादर

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  10. बहुत सुन्दर लिंकों से सजी चर्चा प्रस्तुति।

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  11. झूठ के प्रभाव से, सत्य है डरा हुआ,
    बेबसी के भाव से, आदमी मरा हुआ,
    राम के ही देश में, राम बेकरार है।
    तन-बदन में आज तो, बुखार ही बुखार है।।
    सशक्त रचना है शास्त्री जी की।


    veerusa.blogspot.com
    veerujan.blogspot.com


    राम तो मरा नहीं है आदमी मरा हुआ ,
    सत्य को नकारने पे इस कदर अड़ा हुआ ,
    चोर -चोर खुद ही करे चोर बे-दयार है।

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  12. बहुत सुन्दर प्रस्तुति , आपको धन्यवाद।

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