सुधि पाठकों!
बुधवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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दोहे
"नरकासुर का नाश"
( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
राधे का संसार
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रूप की यह चतुर्दशी
आइए आज कुछ अपेक्षाकृत युवा चेहरों के साथ
मनाते हैं आज
सुनते हैं दिगम्बर नासवा,
गुरप्रीत सिंह, राजीव भरोल,
अंशुल तिवारी तथा निर्मल सिद्धू की ग़ज़लें।
पंकज सुबीर
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गांधीगीरी
अपनी नेतागीरी चमकाने को,
दबंग को गांधीगीरी दिखाने को।
वे पहुँच गये लेकर गुलाब के फूल,
पर वह नहीं हुआ अनुकूल...
मन के वातायन पर
Jayanti Prasad Sharma
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दीपपर्व पर शुभकामनाएं चिट्ठाकारों,चर्चाकारों, पाठकों, टिप्पणीकारों और दर्शकों के लिये। सुन्दर दीपावली चर्चा में 'उलूक' की बकबक को जगह देने के लिये आभार राधा जी।
जवाब देंहटाएंआप सबको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंदीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसबको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
आप सबको दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंsatshriakaljio.blogspot.com
जवाब देंहटाएंसात्विक भावबोध और परम्परा इतिहास से सम्पुष्ट दोहावली राधा तिवारी जी की।
मेरे कष्टों को हरो, राम भक्त हनुमान।
कहकर सब जन कर रहे, गंगा में स्नान।।
श्री कृष्ण ने कर दिया, नरकासुर का नाश।
मुक्त किए बंधक सभी, खोले उनके पाश।।
नरकासुर की मौत थी, नारी के ही हाथ।
सतभामा ने था दिया, श्रीकृष्ण का साथ।।
बनी सारथी कृष्ण की, बंधक मुक्त कराय।
अब जग में कैसे रहे, ऐसे करो उपाय।।
कृष्णपक्ष के अन्त में, आया कातिक मास।,
छोटी दीवाली तभी, मना रहा संसार।।
तन पर तेल लगाय कर ,करो नित्य स्नान।
मुक्त नर्क से होइये, करके कुछ शुभ दान।।
ग़ज़लों का बेहतरीन गुलदस्ता जैसे हाथ आ गया हो ,
जवाब देंहटाएंवो जो बिछड़ा था बरसों से मुसाफिर आ गया है।
सुबीर संवाद ग़ज़ल का मेला है। बधाई !
सत्श्रीअकालजीओ
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जवाब देंहटाएंsatshriakaljio.blogspot.com
दीप खुशियों के जलाओ, आ रही दीपावली।
रौशनी से जगमगाती, भा रही दीपावली।।
क्या करेगा तम वहाँ, होंगे अगर नन्हें दिए,
रात झिल-मिल कर रही नभ में सितारों को लिए,
दीन की कुटिया में खाना, खा रही दीपावली।
रौशनी से जगमगाती, भा रही दीपावली।।
बेहतरीन भावबोध बिम्ब और गेयता से भीगा भीगा गीत शास्त्री जी का :
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