veerujan.blogspot.com editplatter05.blogspot.com बहुत खूब !बिन पानी सब सून ,मोती मानुस चून खूब कही है ग़ज़ल बाग़ दिल -ए -वर्क ने , बात ये दीगर दिल की दुनिया में रख्खा क्या है ?
veerujan.blogspot.com editplatter05.blogspot.com बहुत खूब !बिन पानी सब सून ,मोती मानुस चून खूब कही है ग़ज़ल बाग़ दिल -ए -वर्क ने , बात ये दीगर दिल की दुनिया में रख्खा क्या है ?
veerujan.blogspot.com editplatter05.blogspot.com बहुत खूब !बिन पानी सब सून ,मोती मानुस चून जो जैसा दीखता है वही हो तब समय भी ठहरना चाहता है उन्नत ललाट हो जाता है जन्म देने वालों का आव बिना सब फीका आव बिना क्या होगा ? आशा
केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।
शुभ प्रभात भाई दिलबाग जी
जवाब देंहटाएंआभार...
सादर...
ज़मीं भी उसकी,ज़मी की नेमतें उसकी
जवाब देंहटाएंये सब उसी का है,घर भी,ये घर के बंदे भी
खुदा से कहिये,कभी वो भी अपने घर आयें!
१०.
तमाम सफ़हे किताबों के फड़फडा़ने लगे
हवा धकेल के दरवाजा़ आ गई घर में!
कभी हवा की तरह तुम भी आया जाया करो!!
बहुत खूब कही हैं त्रिपदी उसने ,
कहो उसे कभी द्रौपदी भी कहे।
veerujan.blogspot.com
editplatter05.blogspot.com
veerujan.blogspot.com
जवाब देंहटाएंeditplatter05.blogspot.com
खूब कही है ग़ज़ल बाग़ दिल -ए -वर्क ने ,
बात ये दीगर दिल की दुनिया में रख्खा क्या है ?
veerujan.blogspot.com
जवाब देंहटाएंeditplatter05.blogspot.com
बहुत खूब !बिन पानी सब सून ,मोती मानुस चून
खूब कही है ग़ज़ल बाग़ दिल -ए -वर्क ने ,
बात ये दीगर दिल की दुनिया में रख्खा क्या है ?
veerujan.blogspot.com
जवाब देंहटाएंeditplatter05.blogspot.com
बहुत खूब !बिन पानी सब सून ,मोती मानुस चून
खूब कही है ग़ज़ल बाग़ दिल -ए -वर्क ने ,
बात ये दीगर दिल की दुनिया में रख्खा क्या है ?
veerujan.blogspot.com
जवाब देंहटाएंeditplatter05.blogspot.com
बहुत खूब !बिन पानी सब सून ,मोती मानुस चून
जो जैसा दीखता है
वही हो तब समय भी
ठहरना चाहता है
उन्नत ललाट हो जाता है
जन्म देने वालों का
आव बिना सब फीका
आव बिना क्या होगा ?
आशा
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति । मेरी रचना को भी स्थान देने हेतु आभारी हूँ ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआभार आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
उम्दा चर्चा आज की |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएं|
सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाओं की चर्चा के बीच मेरी रचना कौ भी स्थान देने के लिए हृदयतल से अति आभार आपका आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसादर।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक सुंदर सूत्रों का परिचय देता चर्चा मंच..मुझे भी शामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी चर्चामंच की प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंआपकी सारी रचनाये बहुत ही सुन्दर है ।
जवाब देंहटाएं