आज तो दोस्ती के रंगों में सजी पोस्टों से रु-ब-रु हो जाइये और कुछ अलग - अलग रंग ज़माने के भी देखिये ……………उम्मीद है ये रंग आपको पसंद आयेंगे और दिल मे आपके उतर जायेंगे……………
दोस्ती के जज़्बे को जिस तरह आशीष जी ने बाँधा है वो काबिल-ए-तारीफ़ है….…आपको दोस्ती की दुनिया मे ले जायेगी और दोस्ती के जज़्बे को समझने को प्रेरित करेगी कि दोस्ती से बढकर कोई जज़्बा नही होता………………
_ __HAPPY FRIENDSHIP DAY_ आप सभी लोगों को मेरा नमस्कार आज एक ऐसा दिवस है जो जिसका इंतजार सभी दोस्तों को रहता जिसे आंग्ल भाषा मे कहा जाता है- freindship day. लेकिन आज के ...तकनीक
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हबीब साहब ने कितना सुन्दर संदेश दोस्ती के नाम किया है जिससे शांति ,सद्भाव और समरसता का उदय होता है……………उन्होने दोस्ती को एक खुला आकाश बताया है सच ये रिश्ता खुले आकाश सा कितना विस्तृत होता है जितनी चाहे उडान भरो ………सांसों से बँधी अटल विश्वास की डोर है दोस्ती …………उनके दोस्ती के जज़्बे को नमन्……………"सामजिक समरसता और सांप्रदायिक सद्भावना" का आधार - 'मित्रता'
सुधि मित्रों, सादर नमन, स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा का उद्घोष कर जन जन में उत्साह भर देने वाले अमर स्वतंत्रता संग्राम योद्धा लोकमान्य ...समाज
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सुशीला जी ने कितनी संजीदगी से हाल-ए-दिल बयां कर दिया…………एक मे दूजे के अस्तित्व को समेट दिया और द्वैत का भेद मिटा दिया…………
वह पूछता है- 'तुम इतना क्यूँ याद आती हो ' और सिवाय इसके कि यही सवाल मै उससे करूँ कुछ नहीं बचता है कहने को । ...समाज
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निखिल जी ने हालात का जैसा दर्दिला चित्रण किया है उससे इंसान सोचने को मजबूर हो जाता है कि किन हालात मे इंसान हर पल मर - मर के जी रहा है…………
अब यक़ीं आया उन्हें इस बात में जल गया सारा शहर उस रात में बोरियां भर-भर के ले आये ज़हर बांटता था अमरिका ख़ैरात में. जब कभी रोना हुआ चुपचाप से, हो गए आकर खड़े, ...कला
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आशुतोष मिश्र जी एक ऐसे वाकये का दिल दहलाने वाला चित्रण कर रहे हैं जिससे आज के समाज ,मीडिया और प्रशासन का चेहरा जनता के सामने आता है…………एक आम कमजोर और बेबस इंसान की कहीं भी सुनवाई नही है……
एक समय ऐसा भी था जब समुचे मध्य प्रदेश में एक ही समय पर अखबारों के माध्यम से लोगों को खबरें मिल जाया करतीं थीं । लेकिन आज ऐसा नहीं होता । हर जिले की खबर के लिए ...समाचार
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विमला जी एक बार फिर यादों की चादर को हटा रही हैं और एक वादे की गहराई नाप रही हैं…………
बेटी की सगाई परपगलाया मनबर्फ की चादर हटाखिल आये यादों के सुमनसुधारस पगीमन की फांकोंसे टपकने लगाशहतूती रसअमृत घोलतीवाणी का मिठासबोलने लगा था यूंकहो-दोगी ...समाज
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अरुणा राय जी किसी परिचय की मोहताज नहीं…………ह्र्दय की बेकली का कैसा भावभीना चित्रण किया है जहाँ शब्द गौण हो जाते हैं सिर्फ़ महसूस ही किया जाता है …………और दूसरी नज़्म मे मौन को मुखरित कर दिया सिर्फ़ उसका प्रवाह मोड कर्……………
१)यह बेकली ही हृदय की छाया है कैसे बता सकती हूँ कि क्या होता है हृदय हालाँकि उसे दिखला देना चाहती हूँ सामने वाले को पर शब्द इसमें जरा सहायक नहीं ...कला
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अनामिका जी के शाश्वत प्रश्न का उत्तर दीजिये अगर किसी के पास हो तो……………
धीमी धीमी साँसे चल रही हैं मैंने कहाअब मुझे उस शय्या पर लिटा दोजहाँ मैं चिरकाल की नींद सो सकूँ मुझे जाना है अब विदा होना है . लेकिन ये मन इन अंतिम घड़ियों में ...समाज
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अनिल जी शिवलिंग पर बेलपत्र चढाने का तरीका बता रहे हैं …………अरे सावन का सोमवार जो है आप भी तो जाते होंगे जल चढाने तो क्यूँ ना ये विधि विधान भी जाना जाये……………
...समाज
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अवधिया जी का कटाक्ष तो देखिये कुत्ता भी डर जाता है आज के …………से
(स्व. श्री हरिप्रसाद अवधिया रचित कविता) नेता बोला अपने कुत्ते से, ऐ श्वान बता- क्या तू मुझसे बढ़ कर पूँछ हिलाता है? मैं दुम-हीन भले ही हूँ पर, मेरा टेढ़ा मन दुम कहलाता है। कान ...समाज
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अजय झा जी के दर्द की इम्तिहाँ तो देखिये जब इंसान अपने ही घर मे मेहमान बन जाये……………
** *बस्तियां खाली करवाने को ,* *वो अक्सर उनमें ,* *आग लगा देते हैं ॥* * * *उतनी तो दुश्मनी नहीं कि ,* *कत्ल कर दें मेरा , इसलिए ,* *रोज़ , ज़हर ,बस ,* *ज़रा ज़रा देते हैं ॥* * * *मैंने कब कहा कि , गुनाह को...
रचना जी नारी के मौन विद्रोह को अपनी रचना मे उजागर कर रही हैं…………
क्यूँ नहीं कोई समझा मेरी पीड़ाजब मैने आँख पर पट्टी बाँध कर किया था विवाह एक अंधे से । पति प्रेम कह कर मेरे विद्रोह को समाज ने इतिहास मे दर्ज किया । और सच कहूँ आज भी इस बात का मुझे मलाल हैं कि ,मेरी आँखों की ...
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संगीता जी ने कितनी संजीदगी से दोस्ती के जज़्बे को बयाँ किया है कि ये जज़्बा सिर्फ़ एक दिन का मोहताज नही होता…………
कल अचानक ही इस नेट की दुनिया ने मेरे ज्ञान चक्षु खोल दिए और मुझे पहली बार ही पता चला कि -- साल भर में एक दिन दोस्ती का भी होता है शायद बाकी दिन लोग दुश्मनी निबाहते हैं । ये पश्चिमी सभ्यता भारतीय ...
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रश्मि के एक दिन की दास्ताँ अगर उनकी ही जुबानी सुनेंगे तो अलग ही आनन्द आयेगा…………
posted by rashmi ravija at अपनी, उनकी, सबकी बातें - 12 hours ago
घड़ी पर नज़र डाली, छः बजकर बीस मिनट, और मैने मोबाइल हाथों में लिया,मेसेज टाइप करने को कि I m ready और तभी घंटी बज उठी. सहेली का मिस्ड कॉल था. मोबाइल वहीँ रखा, क्यूंकि तेज बारिश हो रही थी. घर की चाबी उठाय...
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महिला किरदारों के अलग अलग रंग अगर देखने हों तो यहाँ आइये और ज़िन्दगी से रु-ब-रु हो जाइये…………
by vishal222 Followers : 2 Follow Message Block सिनेमा » gustakh.blogspot.com - ( यह आलेख दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण में 10 जुलाई को प्रकाशित हो चुका है)मंजीत ठाकुर"ये एक मज़लूम लड़की है जो इत्तेफ़ाक़न मेरी पनाह में आ गई है" फिल्म पाकीज़ा में यह डायलॉग बोलते
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ज़रा यहाँ भी नज़र घुमाइये एक अलग जी जीवन दर्शन मिलेगा……………
by milandwin Followers : 5 Follow Message Block जीवन शैली » priyankachitranshi.blogspot.com - कौन नहीं ऊबता रुकी ठहरी जिंदगी से. ...बदलाव वो चाहती थी, लाख कोशिशो के बाद भी किस्मत नहीं बदली उसकी .....हाँ किस्मत ....अमूमन तो ऊपर वाला स्टेटस के हिसाब से ही देता है. उसकी खुदाई पर शक ना हो
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ज़िन्दगी के हर दौर मे हिम्मत नही छोड्नी चाहिये वक्त कैसा भी आये इसे बयाँ किया है प्रकाशवरुण ने……………
by prakashvarun Followers : 1 Follow Message Block जीवन शैली » varunprakash0007.blogspot.com - हर रात सोचता हूँ, एक नई सुबह आये, सुबह तो हर रोज़ आती है,पर बैरंग चली आती है फिर सोचा,कि ये रात बदल जाए, पर,ख्वाव वदलकर, सुनसान चली आती है....... अब तो ये दिन-रात, भी अपने न रहे, जैसे,आँखों
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यहाँ तो हर हिन्दुस्तानी के दिल की बात कह दी है……………ज़रा गौर फ़रमाइये………
by ultaseeda Followers : 2 Follow Message Block समाचार » apnasamaj.blogspot.com - मणिशंकर अय्यर ने कॉमनवेल्थ खेलों के पिट जाने की दुआ की है. मैं कहता हूँ आमीन... मणि इन खेलों के फ्लॉप होने की बात दिल से कह रहे हैं या इसके पीछे कोई राजनितिक स्टंट है, ये समझना तो मुश्किल है.
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अब आखिर मे दोस्ती का दिन मनाने का कारण भी तो जान लें क्यूँकि दोस्ती जैसा नायाब रिश्ता बहुत ही किस्मत वालों को मिलता है…………
by virat Followers : 4 Follow Message Block जीवन शैली » balduniya.blogspot.com - आज 1अगस्त को ‘फ्रेण्डशिप-डे‘ है। चलिए, आज इसके बारे में बताती हूँ। पूरी दुनिया में अगस्त माह का प्रथम रविवार फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाया जाता है. इसके इतिहास में जाएँ तो अमेरिकी
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सुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंआज के अंक के लिये चर्चाकारा वंदना जी को बधाइयाँ। बेहतरीन संग्रह - एक मंच पर प्रस्तुती का अपना ही एक अनोखा अंदाज । अच्छा लगा ,सभी ने कहीं न कहीं मर्म को पहचानने की कोशिशें जारी रखीं हैं । इस अंक में आपने मुझे भी शामिल किया , आपको धन्यवाद । चर्चा मंच का हर अंक सार्थक सिद्ध हो , मेरी शुभकामनाएँ आप सभी स्वीकार करें । आभार । - आशुतोष मिश्र ,रायपुर
जवाब देंहटाएंअद्भुत! लाजवाब!! बेहतरीन चर्चा।
जवाब देंहटाएंसोंमवार का चर्चा मंच बहुत सुन्दर ढंग से सजाया है!
जवाब देंहटाएं--
बहुत-बहुत बधाई!
बेहतरीन चर्चा! आभार...
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर मेरी पोस्ट को लाने का हार्दिक आभार !
जवाब देंहटाएंshukriya
जवाब देंहटाएंसभी लोगों को मेरा नमस्कार. मै अशीष मिश्रा ना तो कोई कवि हूँ, ना कोई लेखक हूँ. लेकिन जब किसी बात का प्रभाव मुझ पर पड़ता है तो मै उसे टूटे-फूटे शब्दो मे एक आकार देने की कोशिश करता हूँ. आप लोगों ने मेरी इस रचना को सम्मान दिया, उसे चर्चा मंच का एक हिस्सा बनाया उसके लिये मै आप सभी लोगों का आभारी हूँ. आप लोग इस रचना को जरुर पढीयेगा. मै दोस्ती के संबंध मे सिर्फ इतना हि कहुँगा कि ’इस रिश्ते का कोई मोल नही है, ये रिश्ता तो सभी रिश्तों मे बेजोड़ है.’
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा! आभार...
जवाब देंहटाएंये दोस्ती के रंग खूब खिले ...सुन्दर और बढ़िया चर्चा ....अच्छे लिंक्स मिले ...आभार
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा ब्लॉग चर्चा ..........आपका आभार !
जवाब देंहटाएंदोस्ती के रंगों से सराबोर ये चर्चा तो बेहतरीन रही...
जवाब देंहटाएंआभार्!
बहुत ही बढ़िया और लाजवाब चर्चा रहा!
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
सुन्दर और बढ़िया चर्चा....अच्छे लिंक्स मिले...मेरी पोस्ट भी शामिल करने का शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंHappy Friendship to all.........:)
जवाब देंहटाएंcharcha to asusual achchhi hoti hi hai............
बेहतरीन चर्चा वंदना जी !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंह्रदय को छूती हुई रचनाओं का ऐसा संग्रह.... अद्भुत... अनमोल... वंदना जी, बधाई और ऐसे उत्कृष्ट संग्रह में मुझ अकिंचन को शामिल करने हेतु आभार.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और लाजवाब चर्चा
जवाब देंहटाएंइन रंगों को देख लग रहा है दोस्ती के रंग बहुत मनभावन हैं. अच्छे लिंक्स मिले. बेहतरीन चर्चा.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा..................
जवाब देंहटाएंवंदना जी सभी Blog का कोलाज बहुत लाजवाब है. Thanx.
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
Shukriya Vandana ji ....Meri RAchna ko charcha mein shamil karne ke liye
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