चर्चाकार - डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
अभी-अभी सूचना मिली-
माननिय शाश्त्री जी
सादर अभिवादन
अभी रात्री को प. वत्स जी से फ़ोन द्वारा वार्तालाप हुआ था,
उनका नेट कनेक्शन का वायर टूटा है कहीं से, वह कल शाम
तक दुरूस्त हो सकेगा,
उन्होनें आपको यह संदेश देने के लिये कहा है कि वो कल
की चर्चा नही कर सकेंगे.
सादर
ताऊ
इसलिए फटाफट चर्चा हाजिर है-
जानिए इन नये चिट्ठों को-
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पहचान उन सभी का मंच है जो जिंदगी को जीते नहीं जीने का निर्वाह करते है .वे उन लोगो में नहीं है जिन्हें जीवन मिला है या जीने का मकसद उनके साथ रहता है .बस जीने और घिसटने के बीच दिल वालो की कलम से और दिल से जो निकल जाता है वही कविता है .पहली कविता भी तों आंसू से निकली थी .आंसू अपने दर्द के हो या समाज के ,वे निकलेंगे तों कविता भी निकलेगी और वही दिलवालो की ;पहचान ;है
चिट्ठाकार-
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"यादें"ये कवि..
देश की राजकुमारी का स्वयंवर था रचा
नौजवां देश के कवियों में था कुछ शोर मचा ये शर्त थी की जो कविता को वो पसंद करे उसी कविता के रचयिता से वो शादी भी करे और तारीफ जो पसंद उसे आई नहीं कवि समझे की कभी ज़िन्दगी थी पायी नहीं अपनी तारीफ को सुनने का ढंग निराला था कई कवियों का आज उसने दम निकाला था
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यह ब्लॉग समर्पित है मेरे गुरु दिनेश ऋषि सर को.
प्रथम चिटठा
नमस्कार मित्रो. तकनिकी विश्लेषण एक ऐसा विषय है,जिसपर हिंदी भाषा में बहुत कम पाठ्य पुस्तके उपलब्ध है.हिंदीभाषी होने के कारण मुझे भी प्रारंभ में काफी दिक्कते आयी, इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने नोनिफ्टी हिंदी ब्लॉग प्रारंभ किया है.इस ब्लॉग पर दिनेश ऋषि जी द्वारा निर्मित सार पर आधारित सौदों के बारे में बताया जायेगा ,आप अपने स्टॉक से सम्बन्धी प्रश्न भी मुझसे पूछ सकते है.मै यथा संभव उनका उत्तर देने का प्रयास करूंगा .दिनेश ऋषि सार विधि के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए कृपया www.bankniftytrading.in को देखे.
niftylover
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Aakhiri Ghazal
अहमद फ़राज़ नए दौर के उर्दू शायरों में मुझे सबसे अच्छे लगते हैं| क्यों? इसका जवाब ये ग़ज़ल पढ़ के ही मिल जाएगा| बताने की जरूरत नहीं. ये ग़ज़ल यू-ट्यूब पर खुद उनकी जुबानी भी सुन सकते हैं| सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं सुना है रब्त है उसको ख़राब हालों से सो अपने आप को बरबाद करके देखते हैं.. .. |
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umesh shantikunjआजादी क्या है?
१५ अगस्त २०१०
आजादी क्या है? आजादी एक जश्न है. ख़ुशी है,उल्लास है, एक सुखद एहसास है. पुराना इतिहास है. पर बहुत ही खास है. फिर भी एक प्रश्न है? आजादी क्या जश्न है? umesh yadav
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तेरे नैना
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ye fatafat charcha bhi achhee rahi
जवाब देंहटाएंफटाफट चर्चा से भी अच्छे लिंक्स मिले ..आभार
जवाब देंहटाएंअंदाज एकदम न्या लगा और बहुत अच्छा
जवाब देंहटाएंफटाफट चर्चा और इतनी खूबसूरत
जवाब देंहटाएंमयंक जी बहुत जी तोड़ मेहनत हुई है फिर तो...
और ये पंक्तियाँ .....
१...कुछ तो सोंचा होगा उसने "दीप" तेरे वास्ते
यूँ हि बेमकसद किसी को ज़िन्दगी मिलती नहीं.......
२.. हमने एक शेर में गा ली ये जिंदगी,
लोग कहते हैं गजल लिखना आसान है ....
इन २ लाइनों के सहारे तो उम्र गुजर जाये.......!!!!
बहुत बहुत धन्यवाद ..
kitna khoobsurat hai sab..!
जवाब देंहटाएंफ़टाफ़ट चर्चा मे भी 2 नये ब्लोग मिल गये और उन्हे ज्वाइन भी कर लिया ……………ये अन्दाज़ भी रास आया।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी...साथ में आपको सूचित करने के लिए ताऊ का भी धन्यवाद. अभी शाम को ही नैट ठीक हो पाया....
जवाब देंहटाएंजल्दबाजी में की गई चर्चा भी बहुत उम्दा बन पडी है..
फटाफट में भी यह जलवा ! आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत उत्तम.
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी आप जैसे कुशल लोग ही कर सकते हैं ऐसी फटाफट और उत्तम चर्चा.
जवाब देंहटाएंबधाई.
आजकल हर चर्चा कुछ नया रंग जमा रही है.. आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...बढ़िया लिंक मिले...
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