दोस्तों,
लीजिये हाजिर हूँ सोमवार की चर्चा के साथ्…………उम्मीद है ये अन्दाज़ भी पसन्द आयेगा।
कविता का सफ़र चल निकला
और हम भी साथ चल पडे .
लीजिये हाजिर हूँ सोमवार की चर्चा के साथ्…………उम्मीद है ये अन्दाज़ भी पसन्द आयेगा।
कविता का सफ़र चल निकला
और हम भी साथ चल पडे .
पुरुष वेश्याएं , आधुनिकता की नयी उपज--------मिथिलेश दुबे--------------
अब इतना मोल तो आधुनिक बनने का चुकाना ही पडेगा ना ?
अब इतना मोल तो आधुनिक बनने का चुकाना ही पडेगा ना ?
तुम ख़ुशी जो अगर चाहो तो कोई बात बने
बिल्कुल जी ………क्यों नही चाहेंगे.
भारतीय काव्यशास्त्र में सम्प्रदायों का विकास
गज़ब की जानकारी.
बिल्कुल जी ………क्यों नही चाहेंगे.
भारतीय काव्यशास्त्र में सम्प्रदायों का विकास
गज़ब की जानकारी.
अगर कहो तो ना छूयें?
प्रेम किससे? मुझसे या
पता नही जी, सबसे मुश्किल सवाल?
कभी कभी शब्द ही नहीं होते आभार प्रकट करे के
तो क्या हुआ------दिल मे तो है ना वो ही काफ़ी है.
मुझको जला के खुशबु की वो बारिश सा कर गया
अब ये तो हद हो गयी!
जरूर किया गया होगा आखिर इंद्रधनुष के रंग जो ठहरे.हकलाहट : दिल पे मत ले यार . . . !
बिल्कुल नही लेंगे जनाब!
कोई साथ नहीं देगा
ये तो बिल्कुल पक्की बात है.
ख्यालों को ज़हन से जुबां पर लाओ
उससे क्या होगा?
अवधिया जी, आखिर रहोगे आप पुरातनपंथी ही
और क्या अपना पंथ नही छोड्ना चाहिये.
मैनें एक परी को मित्र बनाया
जरूर बनाना चाहिये.
जीवन साथी या ढांचा बंद पत्नी
ये भी कोई पूछने वाली बात है!
अविवाहित के संतान परित्याग को अपराध न माना जाए
तो क्या माना जाये?
वाह! क्या कहने
बेलफास्ट कवि सम्मलेन के कुछ वीडिओ क्लिप
आपके आदेश पर------>>>दीपक मशाल
बडे फ़रमाबरदार हो…………शुक्रिया।भगवाधारी या खादीधारी ...>>> संजय कुमार
पता नही जी ---------आजकल तो सभी लूट्धारी दिखाई देते हैं।भारत में भूत-हिन्दी हास्य कविता (bharat men bhoot-hindi hasya kavita)
भागो भागो……………………
एंजेल तो होते है मानो या न मानो
हमे तो पता नहीं…………देखे जो नहीं
ये नकाबपोश लड़कियाँ !---आखिर कब सुधरेंगी ?
कभी नहीं-----------ये कैसे हो सकता है?
इन शहरो में
क्या है?अब आप क्या कहेंगे?
ऐसी हिमाकत हम कैसे कर सकते हैं?प्रकृति से पंगा?
अंजाम के लिये तैयार रहो फिर……………चलती फिरती ब्लोगिंग !!!
कैसी होती है?प्यार क्या है ज़रा सोचकर देखिए, ढाई अक्षर
बस आज तक यही तो समझ नही आया !वो रिश्ता......(कविता)...कुंवर जी!
कौन- सा जी ?
यही तो मुश्किल है………बच के रहिये।
पत्थर हो गयी हूँ ...... क्यों…………क्या हुआ?
सबकी उम्र जानने के लिए हम आज एक मजेदार ट्रिक लेकर आए हैं !!
बताइये बताइये जल्दी से…………
पत्थर हो गयी हूँ ...... क्यों…………क्या हुआ?
सबकी उम्र जानने के लिए हम आज एक मजेदार ट्रिक लेकर आए हैं !!
बताइये बताइये जल्दी से…………
जरूर जी जरूर्………ये भी जरूरी है।
मुशायरे की एक झलक....(पुनर्प्रकाशित) बिल्कुल जी ।
१९५७ की क्रांति की वीरांगनाएँ ! स्वतंत्रता दिवस पर लेख प्रतियोगिता ,REKHA SRIVASTAVA , KANPUR, UTTAR PRADESH
मुशायरे की एक झलक....(पुनर्प्रकाशित) बिल्कुल जी ।
१९५७ की क्रांति की वीरांगनाएँ ! स्वतंत्रता दिवस पर लेख प्रतियोगिता ,REKHA SRIVASTAVA , KANPUR, UTTAR PRADESH
मेरा देश महान्………वीरांगनाओं को नमन
चलिये दोस्तों अब आज्ञा दीजिये। अगले हफ़्ते फिर मिलती हूँ नये- नये अन्दाज़ लेकर्।
चलिये दोस्तों अब आज्ञा दीजिये। अगले हफ़्ते फिर मिलती हूँ नये- नये अन्दाज़ लेकर्।
अब आप अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत करा कर होसला अफ़ज़ाई कीजियेगा।
अच्छा है ये अंदाज़ भी अच्छा है.
ReplyDeleteचर्चा का यह अंदाज निराला है |यहाँ रचना का महत्व
ReplyDeleteहै ,जिसे पढ़ कर ही रचनाकार को जाना जा सकता है |केवल सतही तौर से नाम देख कर कमेन्ट
नहीं किये जा सकते | बहुत अच्छी चर्चा ,बधाई |
मुझे आपने ब्लॉग में स्थान दे कर जो प्रसन्नता दी है
मैं आपकी बहुत आभारी हूं |
आशा
अच्छे लिंक से सुसज्जित चर्चा ,आभार ।
ReplyDeleteआज की चर्चा का यह अन्दाज बहुत ही बढ़िया है!
ReplyDeleteक्योंकि -
1- कम स्थान में ही इसमें चर्चा के विस्तार की बहुत सम्भावनाएं हैं!
2- टिप्पणीकार को टिप्पणी करने के लिए प्रत्येक लिंक को खोलना आवश्यक हो जाता है!
--
बहुत-बहुत बधाई!
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteहिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।
हर पाठक को,इन लिंक्स में से अपनी पसंद का कोई न कोई पोस्ट मिलना तय है। देखने में ये महज लिंक प्रतीत होते हैं,मगर इन्हें जुटाने के लिए आपने घंटों सर्फिंग की होगी। आभार।
ReplyDeleteबहुत बढिया अंदाज में की गयी है आज की चर्चा .. बधाई आपको !!
ReplyDeleteचर्चा का यह अंदाज निराला है ...!
ReplyDeleteआभार...!
स्वीट और कॉम्पैकट. नया और निराला अंदाज़. एक अच्छी बात कि पोस्ट पढना जरूरी है कमेंट्स के लिए. बहुत बढ़िया लगा पोस्ट का चुनाव भी अच्छा लगा. आपकी मेहनत ne पाठकों को बहुत suvidha pradan क़ी है aapko बहुत dher shubkamnayen.
ReplyDeleteRachana
Vandan ji bahut hi acchi rahi aapki charcha. Majedar tippaniyon ke sath ye link aur bhi wazandar ban jate hain.
ReplyDeleteaur aapka bahut dhanywad ki aapne meri post ko bhi charcha me shamil karne ke kabil samjha.
Dhanywad
Roshani
बहुत बढ़िया और विस्तृत चर्चा ....अच्छे लिंक्स मिले ..कुछ देख लिए कुछ अभी बाकी हैं ...आभार
ReplyDeletecharchamanch nirantar pad rahi hoon...
ReplyDeletenischit roop se yah andaz nirala hai.. rachna ki link ke saath ek ek pankti mein aapne jo likha hai ..wah link khol padhne ko badhya karta hai...
vastutah har rachna ko naye aayam mile hain is charcha mein shamil ho kar...
still reading the gems that u have collected...:)thanks for including me too:)
subhkamnayen!!!!
prastuti prashansniya hai!
आज की चर्चा का यह अन्दाज बहुत ही बढ़िया है!
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई!
वंदना जी,
ReplyDeleteबहुत अच्छी चर्चा रही, एक अलग ही अंदाज़ में।
बढ़िया लिंक्स मिले। कुछ पोस्टों पर जा चुकी, कुछ पर जाना बाकि है।
आपका आभार ।
वंदना जी
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद इतनी खुबसूरत चर्चा के लिए |सबसे सुखद पहलू है की आपने संक्षिप्त किन्तु सार्थक जवाब देकर बिना नाम दिए सबसे परिचय करवाया है |आभार
mujhe is chrcha me sthan dene ka bahut bahut dhnywad
बहुत पसंद आया अंदाज़, और चर्चा भी।
ReplyDeleteबहुत ही ख़ूबसूरत लिंक्स...चर्चा के नए अंदाज़ के साथ...शुक्रिया
ReplyDeleteचर्चा का ये अन्दाज भी खूब भाया!
ReplyDeleteआभार्!
वन्दना दीदी नमस्कार! आपका चर्चा करने का अंदाज अनूठा है। चर्चा पढ़ कर लगता है जैसे ब्लोग की बगिया से सुगन्धित फूलोँ को चुनकर चर्चामंच पर सजा दिया हैँ। बधाई! -: VISIT MY BLOG :- गमोँ की झलक से जो डर जाते है।..........गजल को पढ़कर अपने विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित है। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकती है।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletevandana ji meri kavita shamil karne ke liye abhaar . aapka ye naya andaaz bahut hi vicharpurn hai .
ReplyDeletenice
ReplyDeleteअच्छी लगी चर्चा शैली..बढ़िया.
ReplyDeleteबहुत ही ख़ूबसूरत लिंक्स...चर्चा के नए अंदाज़ के साथ...शुक्रिया
ReplyDeletehttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
अच्छी लगी आपकी ये चर्चा कई अच्छे लिंक मिले और मेरे ब्लॉग को अपनी इस चर्चा में शामिल करने के लिए आपका आभार !
ReplyDeleteVery witty annotations and commendable collection of links.
ReplyDeleteThanks
वंदना जी ,
ReplyDeleteमेरी पोस्ट को चर्चा के लिए चुनने के लिए बहुत बहुत आभार. वैसे मैं समझती हूँ कि हमारे इतिहास को भी कभी विषय बनाना अच्छा होता है. बहुत सी बातों से हम वाकिफ नहीं होते तो पढ़ कर अच्छा लगताहै.
दिलचस्प अंदाज़ में पेश की गई चर्चा, लिंक्स पर जाने की उत्सुकता जगाती हुई.
ReplyDeleteवंदना जी आप को इस सार्थक पहल के लिए बार बार धन्यवाद.
ReplyDeleteअच्छा लगा च्रर्चा का ये अंदाज भी ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चर्चा वन्दना जी ! चर्चा का यह स्वरुप बहुत ही सार्थक और न्यायपूर्ण है ! बहुत प्रसन्नता हुई इसे देख कर ! मेरी बधाई एवं अभिनन्दन स्वीकार करें !
ReplyDeleteचुनिन्दा लिंक लगाने के लिए शुक्रिया मैम..
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