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नमस्कार मित्रों! |
अनामिका जी कह रहीं हैं वीरता को अपरिहार्य करो। खुद ही भैरवी |
संगीता स्वरूप जी ने क्षणिकाओं से आज़ादी के अवसर पर अपना पैग़ाम दिया है। इस जश्ने-ए-आज़ादी पर आज़ादी…… अनेक दृश्य .. के द्वारा जहां वो जहां एक ओर विसंगतियों पर प्रहार करती हैं वहीं दूसरी ओरसंदेश भी देती हैं। आम आदमी को इन क्षणिकाओं में व्यवस्था की विसंगतियों से आहत कवयित्री ने विषम स्थितियों का प्रभावी चित्रण किया है । |
Hindi Blog Tips पर आशीष खण्डेलवाल जी बता रहे हैं ब्लॉगर पर कमेंट्स से जुड़ीं दो नई सुविधाएं ! ये बड़े काम की जानकारी है। जिस तरह से आप अपने जीमेल अकाउंट में किसी मेल को स्पैम या नॉट स्पैम के रूप में चिन्हित करते हैं, वही तकनीक अब ब्लॉगर में भी काम करेगी। इसके लिए अब ब्लॉगर के डैशबोर्ड पर आपको “Comments” टैब दिखेगा। इस टैब के तहत आपको तीन तरह की सुविधाएं नजर आएंगी। बड़े काम की जानकारी देते हुए आशीष जी कहते हैं अब आप ब्लॉगर के डैशबोर्ड पर अपने सभी कमेंट्स एक ही जगह पर पा सकते हैं। Comments में Published नामक सब-टैब दिया गया है, जो बिल्कुल किसी ई-मेल इनबॉक्स की तरह दिखता है। इस सुविधा के जरिए आप पुरानी पोस्ट पर आए नए कमेंट्स को आसानी से ढूंढ़ सकते हैं। यहां भी आप किसी कमेंट को स्पैम के रूप में चिन्हित कर उसे तुरंत अपने ब्लॉग से हटा सकते हैं। आप किसी कमेंट को डिलीट भी कर सकते हैं और चाहें तो किसी कमेंट की सामग्री को निकाल कर (Remove Content) उसे अपने रिकॉर्ड में बरकरार रख सकते हैं। |
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सम्वेदना के स्वर सुनिए, कहते हैं स्वतंत्रता दिवस की डिस्काउंट सेल? बताते हैं
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छत्तीसगढ़ पर 'उदय' जी कह रहे हैं ए वतन मेरे वतन, क्या करूं मैं अब जतन ! देश के हालात पर चिंता जताते हुए कहते हैं ए वतन मेरे वतन
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नुक्कड़ पर और ज्ञान दर्पण पर Ratan Singh Shekhawat बता रहें कि फैशन में पगड़ी खूब आगे होते-होते यहां तक पहुंच गया है कि देखिए ग्लोबल होता राजस्थानी साफा। कहते हैं पगड़ी का इस्तेमाल हमारे देश में सदियों से होता आया है | प्राचीन काल से ही हमारे यहाँ पगड़ी को व्यक्तित्व,आन,बान,शान और हैसियत का प्रतीक माना जाता रहा है | पगड़ी हमारे देश में चाहे हिन्दू शासक रहें हों या मुस्लिम शासक सभी की प्रिय रही है | आज भी पगड़ी को इज्जत का परिचायक समझा जाता है | पगड़ी को किसी के आगे रख देना सर झुकाना व उसकी अधीनता समझना माना जाता है | महाराणा प्रताप ने वर्षों में जंगल में रहना पसंद किया पर अकबर के आगे अपनी पगड़ी न झुका कर मेवाड़ी पाग (पगड़ी )की हमेशा लाज रखी |
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बना रहे बनारस पर शैलेन्द्र नेगी सुना रहे हैं बागी फौजियों का कौमी गीत। सुनिए … हम हैं इसके मालिक हिंदुस्तान हमारा। ऊपर बर्फीला पर्वत, पहरेदार हमारा। इसकी खानें उगल रहीं सोना, हीरा, पारा। आज शहीदों ने है तुमको अहले वतन ललकारा। |
ज़ख्म…जो फूलों ने दिये से वन्दना जी का आह्वान है वन्दे मातरम कहते जाओ। सुनाती हैं वन्दे मातरम कहते जाओ
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शुरुआत हिंदी लेखन से करने वाले अंकुर द्विवेदी कहते हैं नाग पंचमी औऱ सांपो की आफत!! इस दिन सपेरे जंगलों से एक से बढकर एक प्रजाति के साँपों को पकङकर लाते है और भक्तों की भक्ति की आङ में इनका प्रयोग अपने पेट-पालन के लिए करते हैं। ये दिन संपेरों के लिए विशेष कमाई का दिन होता है। संपेरों को इस बात की बिल्कुल भी फिक्र नहीं होती है कि वो जिस जानवर का प्रयोग करके अपना पेट-पालन के लिए कर रहे है, वास्तव में उस जानवर को भी पेट की भूख मिटाने के लिए कुछ मिला है या नहीं।
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सरोकार है arun c roy की पोस्ट में सुख की कल्पना से। स्वप्न सारे हे मनु !
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काव्य तरंग पर रानीविशाल की प्रस्तुति है चलो ऐसा हिन्दुस्तान बनाए........... और एक वीडियो। ये वक्त नया है
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राजभाषा हिंदी पर संगीता स्वरुप ( गीत ) जी पूछ रहीं हैं आज़ादी के इतने सालों में , क्या खोया क्या पाया हमने। आज़ादी के इतने सालों में क्या खोया क्या पाया हमने करें ज़रा हम लेखा जोखा देश संभाला क्या सच हमने ? आज़ादी के दीवाने तो देश की कश्ती थमा गए अपने स्वर में वो हमको यह गाना भी सिखा गए थे . आज़ादी के इन सालों में बीच भंवर में फंसी हुई इस कश्ती से हम ये सोचें तट को क्या पाया हमने
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समयचक्र पर महेन्द्र मिश्र जी बता रहे हैं आजादी के साठ वर्षो के बाद भी आमजन मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं ...
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उत्सव के रंग पर आकांक्षा जी बता रही हैं नागपंचमी पर भिन्न-भिन्न परम्पराएँ! बताती हैं नागपंचमी का त्योहार यूँ तो हर वर्ष देश के विभिन्न भागों में मनाया जाता है लेकिन उत्तरप्रदेश में इसे मनाने का ढंग कुछ अनूठा है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को इस त्योहार पर राज्य में गुडि़या को पीटने की अनोखी परम्परा है. नागपंचमी को महिलाएँ घर के पुराने कपडों से गुड़िया बनाकर चौराहे पर डालती हैं और बच्चे उन्हें कोड़ो और डंडों से पीटकर खुश होते हैं।
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उच्चारण पर डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक की प्रस्तुति है “वन्दना : स्वर-अर्चना चावजी” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”) मेरी गंगा भी तुम, और यमुना भी तुम, गीत-गजलों का तुम ही तो आधार हो। गीत-गजलों का तुम ही तो आधार हो।। |
न दैन्यं न पलायनम् पर प्रवीण पाण्डेय दिखा रहे हैं फूलों का मुस्कराना। कहते हैं जब भी भावों को व्यक्त करने के लिये माध्यमों की बात होती है, फूलों का स्थान वनस्पति जगत से निकल कर मानवीय आलम्बनों की प्रथम पंक्ति में आ जाता है। प्रकृति के अंगों में रंगों की विविधता लिये एक यही उपमान है, शेष सभी या तो श्वेत-श्याम हैं या एकरंगी हैं।
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काव्य मंजूषा पर 'अदा' जी की प्रस्तुति है आधी रात का सवेरा ...! स्वतंत्रता यूँ अवतरित हुई थी, जैसे... धरती पर आधी रात को तीन लाख ने सुर मिलाया था, 'जन-गण-मन', 'वन्दे मातरम्' का जयघोष लगाया था, पहली बार... 'शस्य-श्यामला' 'बहुबल-धारिणी' 'रिपुदल-वारिणी' शब्दों ने... स्वयं ही पुकार कर अपना सही अर्थ इस दुनिया को बताया था
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teekha bol है soni garg जी का “आज़ादी या सरकारी छुट्टी ???” कहती हैं आज हमारे भारत को फिर से आज़ादी की ज़रूरत है और वो आज़ादी हमें भ्रष्टाचार, आतंकवाद , घोटालो , बड़ते अपराध , बढती हुई महगाई कश्मीर और राम मंदिर जैसी और भी कई समस्याओं से तो चाहिए लेकिन उस सबसे पहले हमें अपनी छोटी मानसिकता से आज़ादी चाहिए ! जो इन सियासतदारो को अपनी गन्दी सोच और अपनी घटिया सियासत चलाने का मौका देती है तो उठाईये आज़ादी कि तरफ कदम माना की मुश्किल है लेकिन नामुमकिन तो नहीं ! कब तक बैठे के इन मंत्रियो के सहारे ?? आपकी मान्यता पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। |
बेचैन आत्मा पर बेचैन आत्मा जी की प्रस्तुति है आगे पंद्रह अगस्त कs लड़ाई हौ....... ! कहते हैं एक दिन, एक गरीब / अनपढ़ रिक्शे वाले से बातचीत के दौरान मुझे अनुभव हुआ कि यह शख्स, १५ अगस्त का शाब्दिक अर्थ आजादी ही समझता है न यह कि इस दिन देश आजाद हुआ था. वह कहता है कि आगे १५ अगस्त कs लड़ाई हौ.. तो वह यह कहना चाहता है कि आजादी के लिए संघर्ष तो आगे है. आजादी का अर्थ उसके लिए वह दिन है जब उसे भूखा न सोना पड़े, जब उसके बच्चों को शिक्षा आसानी से उपलब्ध हो, फीस-ड्रेस के लिए तड़फना न पड़े, पांच साल पहले बरसात में गिरी एक कमरे के घर वाली छत फिर से बन जाय, अपनी पत्नी को अस्पताल ले जाय तो उसका इलाज उसके द्वारा कमाए जा सकने वाले पैसे में ही हो जाय, उसे कभी कुत्ता काट ले तो इंजेक्शन के लिए मालिक से लिए गए ऊधार को चुकाने के एवज में, महीनों बेगार रिक्शा न चलाना पड़े। अबहिन तs कविता का कथ्य बरछी सी मार करता है..तो भाषा की मधुरता मल्हम लगाती है..रिक्शे वाले की हकीकतबयानी ने आजादी के छै दशकों की सारी प्रगति की कलई खोल कर रखदी है..बस इतनी दूर ही आ पाये हैं हम अब तक..अब तो गद्देदार सरकारी कुर्सियों पे बैठे महापुरुष भी गाँधी जी का मंतर भूल गये होंगे..कोई फैसला लेते वक्त..चीजें बदलती नही ऐसे..किसी रिक्शे वाले का दो वक्त की रोटी और परिवार पालने का संघर्ष ही आजादी की लड़ाई से कम नही रह गया है.. |
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रविवार, अगस्त 15, 2010
रविवासरीय (१५.०८.२०१०) चर्चा
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आज की चर्चा विशेष है....स्वाधीनता दिवस जो है ...सबको स्वाधीनता दिवस की बधाई और शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा के लिए आभार
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! जय हिंद !!
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा के लिए आभार !
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! जय हिंद !!
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंमनोज जी,चर्चा के लिए आभार
सांस का हर सुमन है वतन के लिए
जिन्दगी एक हवन है वतन के लिए
कह गई फ़ांसियों में फ़ंसी गरदने
ये हमारा नमन है वतन के लिए
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वाधीनता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ |
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा के लिए बधाई
आशा
आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंजश्ने आजादी मुबारक हो... जय हिंद
जवाब देंहटाएंआप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! जय हिंद !!
जवाब देंहटाएंवन्दे मातरम्।
आज की चर्चा विशेष ...सबको स्वाधीनता दिवस की बधाई और शुभकामनायें ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंhttp://rimjhim2010.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा,स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सुन्दर चर्चा रहा!
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप सभी को हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ !
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएं--
आज की चर्चा बहुत ही उत्तम है!
विषय के अनुरूप बहुत अच्छे लिंक मिले. आप सब को स्वाधीनता दिवस की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा की है. अच्छे लिंक मिले, आभार.
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल