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चलते हैं चर्चा की ओर

मौसम हुआ खराब

दया हम माँगते तेरी सदा भगवन यहाँ पर

सुंदर

वह फब्ती अच्छी लगी

ओम वर्मा द्वारा लिखा गया पर्चा

मौसम हुआ खराब

दया हम माँगते तेरी सदा भगवन यहाँ पर

सुंदर

वह फब्ती अच्छी लगी

ओम वर्मा द्वारा लिखा गया पर्चा

रिश्तों की महक को बरकरार रखता कहानी संग्रह
सर्द रिश्ते

तन्हा

इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा

बूंदों का दिलासा

झील की तलहटी

हत्यारे की आँख का आंसू और तुम्हारा चुम्बन
अति वृष्टि का कहर

कत्लेआम का दिन था वो

तुमसे अलग

बहकता तो बहुत कुछ है

समय मुसाफिर

बलवा कहीं हुआ
हमे कुछ नहीं चाहिये मुफ्त का

मुझे भी कुछ दान करना है

धन्यवाद
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