मनु बिटिया की शादी राम के साथ
सम्पन्न
अब पुन: चर्चा मंच पर हाजिर हूँ-रविकर
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नीरज जाट
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Asha Saxena
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Kajal Kumar
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अकविता "झेलना जरूरी है"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
कुहासे की चादर
मौसम ने ओढ़ ली,
ठिठुरन से मित्रता,
भास्कर ने जोड़ ली।
निर्धनता खोज रही,
आग के अलाव,
ईंधन के बढ़ गये
ऐसे में भाव...
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