श्री राम की सहोदरी : भगवती शांता
"रविकर"
शांता सुता दशरथ पिता है मातु कौशल्या रही।
श्रृंगी मिले पति रूप में पर है नहीं वर्णन कहीं ।
श्री राम की भगिनी मगर तुलसी महाकवि मौन हैं।
विद्वान-विदुषी पूछते अथ देवि शांता कौन है ।
समगोत्र थे माता-पिता, इक अंग टेढ़ा हो गया ।
ले गोद लेती वर्षिणी देती दिखा मौसी मया ।
जो अंग की रानी रही, औलाद नहिं कोई जिसे।
परिवेश फिर पाई नया, वह अंग में जाकर बसे ॥
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Sanjay Jha
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Ravishankar Shrivastava
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DR. ANWER JAMAL
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राजेश उत्साही
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अनुपमा पाठक
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udaya veer singh
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Ravishankar Shrivastava
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Virendra Kumar Sharma
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सज्जन धर्मेन्द्र
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रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
सम्बन्धों के चक्रव्यूह में,
सीख रहा हूँ दुनियादारी।
जब पारंगत हो जाऊँगा,
तब बन जाऊँगा व्यापारी।।
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