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23 दिसंबर डबवाली इलाके के लिए एक बेहद मनहूस दिवस है, क्योंकि आज से 20 वर्ष पूर्व इस दिन डी. ए. वी. स्कूल के वार्षिक समारोह में लगी आग ने सैंकड़ों मासूमों और उनके अभिभावकों को लील लिया था । वह कुदरत का कहर था, या मानवीय भूल का नतीजा मगर जो भी था उसके जख्म डबवाली सीने पर अभी तक हरे हैं ।
चलते हैं चर्चा की ओर
23 दिसंबर डबवाली इलाके के लिए एक बेहद मनहूस दिवस है, क्योंकि आज से 20 वर्ष पूर्व इस दिन डी. ए. वी. स्कूल के वार्षिक समारोह में लगी आग ने सैंकड़ों मासूमों और उनके अभिभावकों को लील लिया था । वह कुदरत का कहर था, या मानवीय भूल का नतीजा मगर जो भी था उसके जख्म डबवाली सीने पर अभी तक हरे हैं ।
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ठिठुरा सकल समाज
सर्दी में वर्षा
तेरा ज़िक्र होगा अब इबादत की तरह...
एक और दामिनी
नारी इंसान है पहचानो
हरियाली बन्ने ! दुल्हन करे है इंतजार
मन्त्र कितना सार्थक
यादें
क्यों दर्द हमें बेजार मिला
कभी तू लौंग की खुश्बू
प्रेम के औजार
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