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Anita
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RAJEEV KULSHRESTHA
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pramod joshi
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udaya veer singh
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डा0 हेमंत कुमार
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ई. प्रदीप कुमार साहनी
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Virendra Kumar Sharma
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(सतीश पंचम)
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रश्मि शर्मा
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udaya veer singh
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हम चन्दा की क्या बात कहें,
सूरज को भी तम ने घेरा।
आशाओं के गुलशन में अब,
कुण्ठाओं ने डाला डेरा।।
गंगा-यमुना, भूषा-भाषा,
सबकी बदली हैं परिभाषा,
दूषित है वातावरण आज,
लाचार हुआ सारा समाज,
रब का बँटवारा कर कहते,
ये है तेरा, ये है मेरा
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