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मंगलवार, दिसंबर 15, 2015

यह कैसा विरोध प्रदर्शन, कहाँ गए सहिष्णुता के ठेकेदार; चर्चा मंच 2191


Anita 


RAJEEV KULSHRESTHA 


pramod joshi 


udaya veer singh 



डा0 हेमंत कुमार 


ई. प्रदीप कुमार साहनी 


Virendra Kumar Sharma 


 (सतीश पंचम) 
रश्मि शर्मा 


udaya veer singh 


हम चन्दा की क्या बात कहें,
सूरज को भी तम ने घेरा।
आशाओं के गुलशन में अब,
कुण्ठाओं ने डाला डेरा।।

गंगा-यमुना, भूषा-भाषा,
सबकी बदली हैं परिभाषा,
दूषित है वातावरण आज,
लाचार हुआ सारा समाज,
रब का बँटवारा कर कहते,
ये है तेरा, ये है मेरा

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