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शुक्रवार, जून 22, 2018

"सारे नम्बरदार" (चर्चा अंक-3009)

मित्रों! 
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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आज..... 

सुचेतना मुखोपाध्याय 

सुबह खोल रही है,  
अपना लिफ़ाफ़ा हौले से।  
गली से निकल रहे हैं लोग,  
वही कल के काम पर।  
उड़ते हुए परिंदों की चोंचों में,  
वही तिनके हैं कल से।  
फूलों ने पंखुड़ी बिछाई है  
आसमां तलक़  
रोज़ की तरह... 
yashoda Agrawal 
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मुस्लिम बहुल इलाके  

मिनी पाकिस्तान का रुप ले चुके हैं ,  

यह तो सच है 

ओला और एयरटेल के मार्फत जो मामले सामने आए हैं , वह दुर्भाग्यपूर्ण ज़रुर हैं पर सच हैं । मुसलमानों ने अपनी छवि ही ऐसी बना ली है । मुस्लिम बहुल इलाके मिनी पाकिस्तान का रुप ले चुके हैं , इस से अगर कोई इंकार करता है तो वह न सिर्फ़ अंधा है बल्कि मनबढ़ है और कुतर्की भी । अगर यकीन न हो तो किसी भी मुस्लिम बहुल इलाक़े में रहने वाले इक्का दुक्का नान मुस्लिम से बात कर लीजिए । हकीकत पता चल जाएगी । और जो कोई नया सेक्यूलर है और प्याज खाने का बड़ा शौक़ीन है तो उसे बाकायदा चैलेंज देता हूं कि सौ प्रतिशत मुस्लिम बहुल इलाके में ज़मीन या मकान खरीद कर दिखा दे ... 
Dayanand Pandey 
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करती हूँ आह्वाहन मै 

डॉ. अपर्णा त्रिपाठी  
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3 टिप्‍पणियां:

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