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मंगलवार, मई 22, 2012

चर्चा--(887)

राजेश कुमारी की आप सब को नमस्कार
आपका दिन मंगल मय हो
सूत्र सूत्र को खोज कर ,चर्चा दियो सजाय 
   मोती सरस चुन चुन कर ,माला दियो बनाय 

                                            लिंक (१)
मिलता नहीं है कोई भी गमख्वार की तरह..... -*मिलता नहीं है कोई भी गमख्वार की तरह* *पेश  रहे हैं यार भी अय्यार की तरह* * * *मुजरिम तुम्ही नहीं हो फ़क़त जुर्म--इश्क के* *हम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की ...


 लिंक (२ ) 

कुछ क्षणिकायें उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी--संजय भास्कर - *( 1.) सफ़रदोस्ती का सफ़र लम्बा हुआ तो क्या हुआ ? थोडा तुम चलो थोडा हम चलेंगे और फिर रिक्शा कर लेंगे ....! *( 2.) फिल्मे * आजकल चल रही फिल्मे कर...
लिंक (3 )
 
सच्चा दोस्त 
सच्चा दोस्त मिले मुश्किल सेकभी व्यर्थ  झगड़ा करनामिलजुल कर के साथ खेलनाकभी  अपना तेरा करनाधनीगरीबधर्म का अंतरकभी  तुम दीवार बनानाहो गरीब..
लिंक (4 ) 
बुजुर्गों का मनोविज्ञान ! - * *चित्र गूगल के साभार .* *मन है तो मनोविज्ञान भी रहेगा , इसके सीमायें और स्वरूप उम्र साथ बदलती रहती है। मैंने मनोविज्ञानं पढ़ा तो उस समय इसकी सभी ...
लिंक (5 )
 
कृष्ण लीला ……भाग 49 -जैसी क्रीडा मनमोहन ग्वालों संग करते थे हे राजन अब उसका वर्णन करता हूँ जब ग्रीष्म ऋतु उठान पर होती है ज्येष्ठ आषाढ़ केमास में जीव दग्ध होते हैं सारा संसार...
लिंक (6 ) 

शायद जीवन को मिले एक नया विस्तार

लिंक (7 )
एहसास तुम्हारे होने का तुम चली गयी, पर गयी नहीं, एहसास तुम्हारे होने का। दिल के खाली उस कोने का, वो दर्द तुम्हारे खोने का। गुमशुम हूँ,चुप हूँ,खोया हूँ, एकाकीपन में रोया हूँ, कभी श...
लिंक (8 )
जीवन के रंग ....(संस्मरण ) -हे भगवान् !..आज फिर देर हो जायेगी .. भईया ज़रा जल्दी करना ...मैंने रिक्शे वाले से कहा ..वो भी बुदबुदाया ..रिक्शा  है मैडम हवाई जहाज नहीं...और मैं मन ही मन ...
आँगन सूना घर हुआ, बच्चे घर से दूर। 
मजदूरी करने गया, छोड़ यहाँ मजबूर।। 
जल्दी से जल्दी बनें, कैसे हम धनवान। 
हम कुदाल बनते गए, दूर हुई संतान।।
लिंक (10 )
 
कुरुक्षेत्र .... सप्तम सर्ग ... भाग -- 1 / रामधारी सिंह दिनकर रागानल के बीच पुरुष कंचन - सा जलने वाला तिमिर-सिंधु में डूब रश्मि की ओर निकलने वाला , ऊपर उठने को कर्दम से लड़ता हुआ कमल सा , ऊबडूब करता , उतराता घन ... 
लिंक (11 ) 
चुहुल - 23 (१) एक थे खान साहब. वे बहुत ज्यादा उम्र होने के बावजूद नई दुल्हन पाने के लिए एक दलाल के चक्कर में पड़े, और दलाल ने एक जरूरतमंद महिला के साथ निकाह भी प...
लिंक (12 ) 
"वट सावित्री" Sushil at "उल्लूक टाईम्स " 
श्रीमती की बात से , बाढ़े मन अनुराग | 
वट-सावित्री की कथा, बाग़-बाग़ बड़-भाग | 
लिंक (13 ) 
- बब्बरझब्बर उस जंगल का राजा -------
 बहुत वीर हिम्मत वाला था बब्बरझब्बर उस जंगल का राजा एक दहाड़ में नन्हे मुन्नों काँप उठ...
लिंक (14 ) 
अग़ज़ल - 40 उदास मत होना इतना कि दिल धडकना छोड़ दे क्या कीमत है फूल की गर वो महकना छोड़ दे । माना कि बहुत जालिम है सैयाद यहाँ का मगर इतनी ब...
लिंक (15 )
posted by रश्मि प्रभा... at मेरी भावनायें...
कृष्ण की लीला कहते हो गीता को उधृत करते हो पर खाली क्षणों में बैठकर उल्टे सवाल करते हो * * * .... राधा अकेली ! तुम कहाँ हो कृष्ण ? * लीला उसकी , रचना उसकी - फिर कैसा है यह प्रश्न ? ब्रह्मांड जिसके ...
लिंक (16 )
posted by धर्मेन्द्र कुमार सिंह at ग्रेविटॉन 
भीड़ भरे इस चौराहे पर आज अचानक उसका मिलना जैसे इंटरनेट पर यूँ ही मिले पाठ्य पुस्तक की रचना यूँ तो मेरे प्रश्नपत्र में यह रचना भी आई थी पर इसके हल से कभी न मिलते मुझको वे मनचाहे नंबर सुंदर सरल कमाऊ भी था तुल...
   लिंक (17 )
                                           गृहणी .....
posted by निवेदिता श्रीवास्तव at झरोख़ा 
गृहणियों के बारे में जब भी सोचा है वो एक लता सरीखी ही लगीं हैं ! आर्थिक और सामाजिक आधार के लिए साथी पर आश्रित सी होती हैं | परन्तु जैसे ही अनुकूल साथ मिल जाता है वो सशक्त रूप में निखर अपने परिवार पर छा सी...
 लिंक (18 )
posted by अनुपमा पाठक at अनुशील 
हे जीवनतुम्हें लिखने के लिएअगर कई लिपियों का सहारा लेना पड़े... कई भाषाओँ की दहलीजों सेउपमाएं चुननी पड़े... तोदुनिया की किसी भी एक भाषा में लिख देंगे तेरी मुस्कराहटकिसी भी भाषा का दरवाज़ा खटखटा कर चुन...
लिंक (19 )
posted by kshama at simte lamhen 
पार्श्वभूमी बनी है , घरमे पड़े चंद रेशम के टुकड़ों से..किसी का लहंगा,तो किसी का कुर्ता..यहाँ बने है जीवन साथी..हाथ से काता गया सूत..चंदधागेकुछ डोरियाँ और कढ़ाई..इसे देख एक रचना मनमे लहराई.. एक ही... 
लिंक (20 )
posted by कुमार राधारमण at स्वास्थ्य 
टहलना एक श्रेष्ठ व्यायाम है। इससे हृदय शक्तिशाली होता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। रक्तचाप सामान्य हाता है और दिल का दौरा पड़ने की आशंका कम होती है। हानिकारक कॉलेस्ट्रॉल होता है। शर...
   लिंक (21 )
*कैसा मधुर स्वर था,* *जब तुमने हौले से * *किया था वादा..* *मुझसे मिलने का.* *मानों बज उठें हों,कई जलतरंग एक साथ....* *मानों झील में खिला कोई सफ़ेद झक **कमल..* *मानों तारों भरा आकाश टिमटिमाने लगा हो...द्विगु... 
लिंक (22 )
posted by ZEAL at ZEAL 
जात-पात का जिम्मेदार कौन है ?---किसने बढ़ावा दिया इस जाति आधारित जनगणना को ? ------------------- भारत की जाति आधारित जनगणना [Census] में घरेलु काम करने वाली महिलाओं [ Housewives] को वैश्या , भिखारी तथा कैद...

लिंक (23) 
नदी और नारी - नदी और नाला बहता है पानी दोनों में. एक में स्नान करके समझते हैं मुक्त हो गये सभी पापों से और दूसरे के पास से गुज़र जाते हैं ज़ल्दी ज़ल्दी नाक पर रूमाल रख...

लिंक (24) 
"शीशे सा नाजुक दिल" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') - *दिल है शीशे सा नाजुक हमारा प्रिये! *** *ठेस लगते ही यह तो चटक जायेगा।*** *प्रीत का खाद-पानी पिलाओ इसे**,* *प्यार पाते ही यह तो मटक जायेगा।।*** *फूल सा ...
     लिंक (25)
 नारी  ब्लॉग पर मेरी   कहानी पढ़िए 
posted by Rajesh Kumari at भारतीय नारी 
चादर डाल दी (एक सत्य कथा ) पड़ोस में गुमसुम लोगों का आने का तांता लगा थातेरह दिन पहले ही उनका बड़ा बेटा केंसर की भेंट चढ़ चुका था अतः माहौल बहुत ग़मगीन था|कम उम्र होने के कारण कुछ समझ नहीं  रहा था...
अब अंत में-
इसके साथ ही आज की चर्चा समाप्त करती हूँ,
आशा है आपको पसंद आई होगी, 
फिर अगले मंगलवार मिलूँगी  शुभविदा!
*******  

19 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत शानदार चर्चा!
    दो चर्चा करने के बाद ही आप तो चर्चा लगाने में पारंगत हो गई हैं।
    आभार!

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  2. बढ़िया प्रस्तुति खीर सी, मीठी मेवेदार |
    गरम गरम मत खाइए, जिभ्या जावे जार |

    जिभ्या जावे जार, जरा जम्हाई ले ले |
    मुंह पे छीटें मार, सांस तो भाई ले ले |

    गरम गरम यह खीर, एक चम्मच ले लेना |
    होना नहीं अधीर, कौर पर टाइम देना ||

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  3. पारंगत की संगत में चर्चा लगाने आयेगा
    वो जरुर खुद भी पारंगत हो ही जायेगा
    बेहतर अपनी चर्चा को करता ही चला जायेगा ।

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  4. मोती चुन साहित्य का सजा गई राजेश
    रचनाकारों को सुमन मिला नया परिवेश
    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    http://www.manoramsuman.blogspot.com
    http://meraayeena.blogspot.com/
    http://maithilbhooshan.blogspot.com/

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  5. सभी रसों से भरपूर आपके लिंक आकर्षक व ज्ञान वर्धक हैं. साधुवाद.

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  6. बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. पिछले दिनों प्रवास के कारण कई पोस्टों को पढ़ने से रह गया था। आपने ध्यानाकर्षण किया।

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  8. शानदार लिंक इकट्ठे किए गए हैं। इस परिश्रम के लिए साधुवाद और मुझे शामिल करने के लिए धन्यवाद

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  9. बढ़िया प्रस्तुति ........
    मुझे शामिल करने के लिए धन्यवाद ..:)

    जवाब देंहटाएं
  10. सुन्दर लिंक्स संयोजन...बहुत रोचक चर्चा....आभार

    जवाब देंहटाएं
  11. शानदार लिंक्स. मेरी कविता शामिल करने के लिए शुक्रिया.

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  12. वाह ,,,,बेहतरीन लिंक्स बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,,

    जवाब देंहटाएं
  13. अच्छी चर्चा सजाई ,बधाई हो ,बधाई .....कृपया यहाँ भी पधारें -
    भ्रूण जीवी स्वान
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_22.html
    ram ram bhai .कृपया यहाँ भी पधारें -
    मंगलवार, 22 मई 2012
    ये बोम्बे मेरी जान (भाग -5)
    http://veerubhai1947.blogspot.in/
    यह बोम्बे मेरी जान (चौथा भाग )http://veerubhai1947.blogspot.in/




    कृपया यहाँ भी पधारें -
    दमे में व्यायाम क्यों ?
    दमे में व्यायाम क्यों ?
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_5948.html

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  14. आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत सुन्दर चर्चा रही .. बाल रचनाओं में आप ने मेरे ब्लॉग बाल झरोखा सत्यम की दुनिया को भी शामिल किया बड़ी ख़ुशी हुयी .आभार -जय श्री राधे -भ्रमर ५

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