दोस्तों! चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ का नमस्कार! सोमवारीय चर्चामंच पर पेशे-ख़िदमत है आज की चर्चा का-
लिंक 1-
मुझे सतनाम देना -उदयवीर सिंह
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लिंक 2-
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लिंक 3-
अहंकार -काली प्रसाद
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लिंक 4-
मेरी सदा-एक सजा -अनिल कुमार 'अलीन'
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लिंक 5-
बलात्कार पीड़ित की पहचान छुपाएं क्यों? -राजेन्द्र भारद्वाज
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लिंक 6-
आँधियों की इस हवा में, ये दिया जलता है क्यों -नवीन मणि त्रिपाठी
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लिंक 7-
जीवन मृत्यु -निरन्तर
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लिंक 8-
अपने ब्लॉग को सर्चिंग इंजन्स पर सबमिट करें -आमिर दुबई
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लिंक 9-
नाम पट्ट को तरसता : प्राचीन जमवाय माता मंदिर -रतन सिंह शेखावत
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लिंक 10-
राम राम भाई! हाँ देह आगे होती है सम्बन्ध भावना पीछे -वीरेन्द्र कुमार शर्मा 'वीरू भाई'
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लिंक 11-
लल्ला पुराण ५६ -प्रो. ईश मिश्र
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लिंक 12-
आचरण -आशा सक्सेना
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लिंक 13-
इक आस -रजनीश तिवारी
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लिंक 14-
रेत सा रिश्ता -पल्लवी सक्सेना
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लिंक 15-
दिल्ली की दरिंदगी -प्रेम सागर सिंह
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लिंक 16-
म्यानों को तो तलवारें ही मिलेंगी -गिरीश पाण्डेय
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लिंक 17-
अत्याचारी कीट, दूध की धुली नारियाँ -दिनेश गुप्त ‘रविकर’
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लिंक 18-
नए साल का बयान -रामेश्वर काम्बोज हिमांशु
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लिंक 19-
जब जब देखा -शरद सिंह
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आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!
कमेंट बाई फ़ेसबुक आई.डी.
अच्छे लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
अच्छी रचनाओं का संकलन.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा है सजी, शुभकामना प्रणाम |
जवाब देंहटाएंरविकर मन हर्षित हुआ, देखा अपना नाम ||
sundar link sanyojan
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा, सुन्दर लिंक्स । आभार ।
जवाब देंहटाएंक्या बात है वाह! रिकार्डतोड़ कमेंट वाह! वाह! आभार आप सुभेच्छुओं का
जवाब देंहटाएंये तो ब्लॉग जगत का शिष्टाचार है गाफिल जी,कई बड़े ब्लोगर तो कमेंट्स करने के बाद भी पोस्टो पर नही आते,,आपके 9 कमेंट्स में से 5 कमेंट्स तो आपके टीम के ही है,
हटाएंशास्त्री जी,रविकर जी.राजेश कुमारी जी,,के अलावा बाकी लोग दुसरो के पोस्टो में बहुत कम नजर जाते है,,,,मेरे ख्याल शायद यही कारण है,कम से कम जो रेगुलर चर्चामंच के पाठक है उनकी पोस्ट में टीम के सभी लोगो को जाना चाहिए,,,,,ऐसा मेरा मानना,,,
करीब करीब सभी रचनाएँ सामयिक हैं और अच्छे हैं .
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए गाफिल जी आपको धन्यवाद.आभार
चर्चा के सभी लिंक अपने वक्त से बा -वास्ता हैं जीवंत हैं मौजू हैं .बधाई .
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया है गागर में सागर जैसे .
जवाब देंहटाएंलिंक 19-
जब जब देखा -शरद सिंह
aadaraniy sampadak mahoday.............mere article ko is charcha men shamil karane ke liye hardik abhar...........
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