आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते आप सभी को लोहड़ी और मकर सक्रांति की शुभ कामनाएं ,आप सब का दिन मंगल मय हो अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
"खिचड़ी खूब पकाओ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
धनु से मकर लग्न में सूरज, आज धरा पर आया।
गया शिशिर का समय और ठिठुरन का हुआ सफाया।।
आलमी स्तर पर हो चुका है मौसम
का बिगडैल मिजाज़
Virendra Kumar Sharma at कबीरा खडा़ बाज़ार में -
हमें शान्ति चाहिए...,(कुँवर जी)
kunwarji's at kunwarji's
कभी अभिमन्यु ...कभी हुसैन की तरह
RAJIV CHATURVEDI at Shabd
Setu
जीने को मुझमें मेरा होना जरूरी तो नहीं
vandana
gupta at ज़ख्म…जो फूलों ने दिये
राष्ट्रीय शर्म है यह!!!
Atul Shrivastava at सत्यमेव जयते ! ... (?)
पुरा व नव का समन्वय एवं स्व -संस्कृति का ज्ञान व मान ही प्रगति है.... डा श्याम गुप्त ..
Dr. shyam
gupta at
बेहद प्रेरणादायी एक सत्य घटना
ZEAL at ZEAL
आ .
Meeta
Pant at ख्वाब बंजारे
मैंने...तेरे लिए रस्ता बिछाया है...
Pratibha
Katiyar at प्रतिभा की दुनिया .
कदाचार मुक्त भारत के लिए आम आदमी पार्टी का प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में आगाज
Surendra shukla" Bhramar"5 at BHRAMAR
KA DARD AUR DARPAN -
चुस्त भूरी लोमड़ी सुस्त कुत्ते पर कूदती है।
Prabodh Kumar Govil at Kehna
Padta Hai/कहना पड़ता है
कश्मीर के भारी बर्फ में ट्रेकिंग का मजा
Rajesh
Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE
VICHAAR –
बहती गंगा
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आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ फिर चर्चामंच पर हाजिर होऊँगी कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय ||
सुंदर लिंक्स से सजा बढ़िया चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंआहा ! कितनी उत्कृष्ट पोस्टो को एक साथ देख पा रहा हु,.
जवाब देंहटाएंऔर इन्ही के बीच अपनी पोस्ट क लिन्क देख कर मन गदगद हो गया,
बहुत बहुत आभार...
कुँवर जी,
हमारी पोस्ट शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसादर
अच्छे लगे लिंक्स ...हमें अपनी चर्चा में शामिल करने का शुक्रिया ...
जवाब देंहटाएंvicharo ke adan pradan ke liye SUNDER PLATFORM he , THANK YOU ! Sahitya , kala , sanskriti ,vigyan ,rajniti etc par sarthak samvad....
जवाब देंहटाएंअच्छे अच्छे लिंकों के चयन के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार चर्चा!
जवाब देंहटाएंसभी लिंको पर हो आया हूँ!
सार्थक लिंकों का समावेश है आज की चर्चा में!
आभार!
जवाब देंहटाएंएक से बढकर एक लिंक्स
बढिया चर्चा
बहुत उम्दा सार्थक लिंकों की प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: मातृभूमि,
बढ़िया चर्चा |
जवाब देंहटाएंदीदी दुनिया दग्ध-मन, दर-दर दम्भी दुष्ट |
दकियानूसी दखल दे, दे *दंदारू कुष्ट |
दे *दंदारू कुष्ट, अपाहिज दुनिया आधी |
करे स्वार्थ की पुष्टि, स्वयंभू बनता गाँधी |
पौरुष-मद मदहोश, आँख भी रहे उनीदी |
नहीं दिखें बेटियां, बहन नहिं माता दीदी ||
*fafola
सुन्दर प्रयास मेरी पोस्ट को यह सम्मान देने हेतु आभार ”ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .”
जवाब देंहटाएंआप भी जाने @ट्वीटर कमाल खान :अफज़ल गुरु के अपराध का दंड जानें .
आज के सारे ही लिंक बहुत ही सुंदर एव सार्थक है,धन्यबाद।
जवाब देंहटाएंभूली-बिसरी यादें
वेब मीडिया
जवाब देंहटाएंसार्थक और सामयिक चर्चा बहुत अच्छी लगी |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार राज कुमारी जी |
आशा
अनुपम लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आभार
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा ! मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंदिवस उत्सव के सभी रंग समेटे है यह रचना .
जवाब देंहटाएं"खिचड़ी खूब पकाओ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
बहुत बढ़िया चर्चा पस्तुति ..
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति पर बढ़िया कुंडली सद्भावना लिए सभी के लिए .आपको भी मुबारक हो यह मंगल पर्व .
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक हैं सेतु हैं लिखाड़ पर .लिखाड़ी,सदा अगाड़ी.
मंगल मंगल तेज, उबारे देश भ्रान्ति से -
रविकर at "लिंक-लिक्खाड़"
देश के सम्मान और सरहद की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले इन रणबांकुरे बहादुर नौज़वानों को शत शत नम
जवाब देंहटाएंअभिनव प्रस्तुति जाँ बाजों के रोजनामचे की .
सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियों पर सुरक्षा में तैनात बहादुर जांबाज़ सैनिकों को नमन --
डॉ टी एस दराल at चित्रकथा
कौन लड़की /महिला /युवती कितनी स्किन खुली रखना चाहती है यह उसका व्यक्तिगत मामला है .किसको क्या फबता है उसे ही सोचना है फैसला करना है .वस्त्र सभ्यता का बाहरी आवरण हैं
जवाब देंहटाएं.असल
बात है आप अपने को कैसे केरी करते हैं समाज में आपकी उठ बैठ व्यवहार आपका योगदान क्या है .बहुत हल्ला मचा चुकें हैं कठ मुल्ले इस देश में सानिया मिर्ज़ा की लिबास पर टेनिस कोर्ट में पहनी
जाने वाली स्कर्ट की ऊंचाई पर .ये
NO PANTS DAY ! का दौर है .13 जनवरी 2002 से इसकी शुरुआत हुई .इस दिन लडकियां सिर्फ केवल ब्रीफ्स और बोक्सर्स पहनती हैं .The day started in 2002 as a prank by US
comedy
group Improv Everywhere that bemused a few embarrassed commuters .The pranksters wanted to cause a stir on the subway .
Bare -legged riders around the globe braved the winter weather and some stares from fellow commuters on sunday for the 13th NO PANTS SUBWAY RIDE an
annual celebration of freedom ,subways-and skivvies.(A MEN'S UNDERWEAR IS KNOWN AS A SKIVVY).
After cities like London ,North Americans followed suit ,donning just their briefs and boxers in New York ,Boston ,Philadelphia and Mexico city ,reports the Daily Mail.
सुविधा के लिए बतलादे prank का मतलब होता है आमोद प्रमोद /उछल कूद /बनना ठनना /तड़क -भड़क दिखाना /क्रीडा कौतुक ,prankster होता है शरारती .
वेलेंटाइन डे बोले तो प्रेम दिवस /मदनोत्सव के रूप ,की तरह यह भी भारत में जल्दी ही 13 जनवरी को मनाया जाने लगेगा .लोहड़ी ,संक्रांति आदि पर्व श्रृंखला के संग .
महिलाओं की कौन सी दशा की आप बात कर रहीं हैं ?कौन सी दशा के लिए वह खुद कुसूरवार है ?
कानून व्यवस्था के लचर लोग बे -ईमान लोग जिनसे शासन नहीं चलता ऐसी बातें करते हैं जैसी कई नेता नुमा इस दौर में कर रहें हैं .बाद में अपने ही थूक को चाटते हुए कहतें हैं -मीडिया ने हमारे
बयान को तोड़ मरोड़ के परोसा है .आप क्या कह रही हैं .प्रवीण शाह के ज़वाब पे आप बगलें झाँक रहीं हैं .कौन सी दुर्दशा के लिए नारी खुद जिम्मेवार है ?कृपया बतलाएं ?
किसकी भैंस खोलके बेच दी उसने ?अपना मंतव्य स्पस्ट करें .
''ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .''
शालिनी कौशिक at ! कौशल ! -
साहसिक रोमांचक रचना और दूधिया गाथा कहती रचना दोनों शुभ्र धवल .बधाई .
जवाब देंहटाएंकश्मीर के भारी बर्फ में ट्रेकिंग का मजा
Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR –
शुभकामनाए भ्रष्टाचार कदाचार रोबोटि शासन मुक्त भारत के लिए .आभार इस पोस्ट के लिए .सरकार की हर स्तर पर नालायकी से आज इधर उधर बिखरे लोग एक जगह आ गए हैं .परिवर्तन की बेला है ये .आम आदमी कुछ करे अपेक्षाओं का केंद्र बने बनी रहे .
जवाब देंहटाएंकदाचार मुक्त भारत के लिए आम आदमी पार्टी का प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में आगाज
Surendra shukla" Bhramar"5 at BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN -
बेहतरीन चित्रण राष्ट्रीय रोबोट का .जिसके चेहरे पे असीम शान्ति है जब की पडोसी हमारे जाबांजों के सरचाक करके साथ ले जा रहा है .
जवाब देंहटाएंMonday, January 14, 2013
सियानी गोठ
सियानी गोठ
जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”
28 - कायर
सुनय बिगुल – ला युद्ध के, खटिया तरी लुकाय
गुर्रावय जे घरे – मां , कायर उही कहाय
कायर उही कहाय , कोल्हिया कहूँ कुदावय
हँफरत - हँफरत लगे – हाँत घर भागत आवय
यही किसम डर डर के करय कलंकित कुल-ला
खटिया तरी लुकाय जुद्ध के सुनय बिगुल-ला.
[ युद्ध का बिगुल सुन कर खाट के नीचे छुप जाता है, जो घर में ही गुर्राता है, वही कायर कहलाता है. उसे यदि सियार भी दौड़ाए तो हाँफते –हाँफते भागता हुआ घर आ जाता है. इस तरह वह डर – डर कर कुल को कलंकित करता है ]
संदेश :- वीर बनो , देश की रक्षा करो. कायर बन कर जीने से कुल कलंकित होता है.
Posted by अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) at 8:34 AM
बेहतरीन चित्रण राष्ट्रीय रोबोट का .जिसके चेहरे पे असीम शान्ति है जब की पडोसी हमारे जाबांजों के सरचाक करके साथ ले जा रहा है .
सुंदर लिंक्स से सजा बढ़िया चर्चा मंच....मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद
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