Followers


Search This Blog

Tuesday, January 22, 2013

मंगलवारीय चर्चामंच (1132) कुम्भ कैसे नहाऊँगी !!


आज की मंगलवारीय  चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , ,आप सब का दिन मंगल मय हो अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर 

naveen kumar naithani at लिखो यहां वहां -

                           आखिर कितना जलना सीखूँ



वाण , Wan village , uttranchal

MANU PRAKASH TYAGI at yatra http

                                      कलम.....

                यशवन्त माथुर at जो मेरा मन कहे

                                   किशोर कानून

                   प्रेम सरोवर at प्रेम सरोवर 

                       परिवर्तन

       noreply@blogger.com (पुरुषोत्तम पाण्डेय) at जाले 

                                 गंगा को मैली कर के ....

                       Suman at Main aur Meri Kavitayen 
**********************************************************************

                                   आहिस्ता आहिस्ता!!

                        Udan Tashtari at उड़न तश्तरी ..

                          शरद जोशी: आज की जरूरत

        noreply@blogger.com (विष्णु बैरागी) at एकोऽहम् 

                             किस्मत टूटी नाव चढ़ी है

                    मनोज कुमार at मनोज -



                                  अज़्मत--मीर कहाँ

                     Suresh Swapnil at साझा आसमान - 

 



                                      maa

                        Kirti Vardhan at samandar -



             "चिन्तन-मन्थन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

          डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) 


                        "प्रभुता पाहि ना काय मद नाहीं "

                                  ZEAL at ZEAL - 




                                        meri hoor

                  विश्व दीपक at अंतर्नाद 


                            कुम्भ कैसे नहाऊँगी !!

    Rajesh Kumari at WORLD's WOMAN BLOGGERS   ASSOCIATION 

                         आज रात इतनी खट्टी क्यूँ पकाई है ...

                               swati at swati



                      हिन्दु-वाद-आतंक, शब्द लगते हैं मारक-

                  रविकर at रविकर-पुंज -



 आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ  फिर चर्चामंच पर हाजिर होऊँगी  कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय ||

24 comments:

  1. बढ़िया लिनक्स मिले ......आभार

    ReplyDelete
  2. बड़े प्रभावी सूत्रों से सजी चर्चा।

    ReplyDelete
  3. मनभावन चर्चा!
    आभार बहन राजेश कुमारी जी!

    ReplyDelete
  4. एक मेल मुझे मिला है!
    varun kumar
    8:55 pm (9 घंटे पहले)

    मुझे
    शास्त्री जी आज मैने एक सबाल उठाया हैँ जो काँपीराईट विक्लप के अर्न्तगत
    आता हैँ और इसके साथ ब्लाँगजगत मेँ खिलवार होता हैँ आप सनातन ब्लोगर
    वर्ल्ड की पोस्ट क्या उचित हैँ किसी ब्लाँग वेबसाईट या कमेँट का फोटो
    पोस्ट कर मजाक उडाना को कल की चर्चा मे शामिल करे मैँ जानता हुँ आप चर्चा
    नही लगा रहे हैँ जो चर्चा लगा रहे हैँ आप उससे संर्पक कर ले या उसका मेल
    पता भेज दे धन्यवाद

    ReplyDelete
  5. वह मेल मुझे भी मिला है मैं समझ नहीं पाई किस पोस्ट के सन्दर्भ में बात कर रहे हैं किसने किसकी पोस्ट को चर्चा में लेकर मजाक बनाया है कृपया वरुण जी स्पष्ट करें

    ReplyDelete
  6. श्रीमती राजेश जी!
    वरुणकुमार जी कह रहे हैं कि सम्बन्धित चर्चाकार उनकी इस पोस्ट को आगामी चर्चा में ले लें!
    सादर!
    मज़ाक किसी ने नहीं बनाया है। यह उनकी पोस्ट का कुछ भाग है!

    ReplyDelete
  7. बहुत अच्छे चर्चा और लिँक संयोजन ..जख्म जो फुलोँ ने दिये ब्लाँग की प्रविष्टी बहुत कमाल की हैँ ।

    ReplyDelete
  8. बहुत अच्छे चर्चा और लिँक संयोजन ..जख्म जो फुलोँ ने दिये ब्लाँग की प्रविष्टी बहुत कमाल की हैँ ।

    ReplyDelete
  9. बहुत अच्छे चर्चा और लिँक संयोजन ..जख्म जो फुलोँ ने दिये ब्लाँग की प्रविष्टी बहुत कमाल की हैँ ।

    ReplyDelete
  10. तालिबान-अफगान से, भाजप-संघी लोग |
    यत्र-तत्र विस्फोट कर, केवल करते ढोंग |
    केवल करते ढोंग, डरें पर बा-बा-शिंदे |
    कह हिन्दू आतंक, जलाते रविकर जिन्दे |
    बैठे आलू छील, रहे क्यों बड़े ध्यान से |
    करो काल-आपात, चले तलवार म्यान से ||

    ReplyDelete

  11. "चिन्तन-मन्थन"
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
    उच्चारण

    शांतचित्त गुरुवर व्यथित, गीदड़ की सरकार |
    कुत्ते इज्जत लूटते, नारी करे पुकार |
    नारी करे पुकार, गला सैनिक का रेता |
    धारदार हथियार, किन्तु बैठा चुप नेता |
    इनकी जय जय कार, देश भक्तों को गाली |
    सारी जनता आज, खड़ी बन यहाँ सवाली ||

    ReplyDelete
  12. शहनवाज-गडकरी, पार्टी यह आतंकी-
    माधौ संघी करें ट्विट, दिग्गी करें कमेन्ट ।
    साहब हाफिज सईद जी, ईष्ट सेंट-पर-सेंट ।

    ईष्ट सेंट-पर-सेंट, हमारे स्वामी आका ।
    पार्टी लाइन यही, खींचते जाएँ खाका ।

    शहनवाज-गडकरी, पार्टी यह आतंकी ।
    प्यादे ऊंट वजीर, करे रानी नौटंकी ।।

    ReplyDelete
  13. माँ ने कहा सत्ता जहर की तरह है, और भारत के लोग मेरी जान है:- राहुल गांधी

    अंधड़ !
    जहरखुरानी में मरें, होवे एक्सीडेंट |
    जोखिम में यह जान है, उखड़े तम्बू टेंट |
    उखड़े तम्बू टेंट, रेंट की खातिर बन्दे |
    बिन मांगे मिल जाए, झोलियाँ भर भर चंदे |
    जनता माँ की जान, जहर सी सत्ता रानी |
    दे बेटे को सौंप, होय ना जहर-खुरानी ||

    ReplyDelete
  14. सुन्दर लिंक्स से सजी व्यवस्थित चर्चा

    ReplyDelete
  15. इतनी महत्‍वपूर्ण प्रविष्टियों के बीच अपनी प्रविष्टि को पाकर अच्‍छा लगा। कृपा है आपकी। कोटिश: धन्‍यवाद और आभार।

    ReplyDelete
  16. सुन्दर चर्चा बढ़िया लिंक्स
    बहुत बहुत आभार मुझे स्थान देने का !

    ReplyDelete
  17. राजेश जी, आज की चर्चा बहुत अच्छी रही है, मुझे भी इसमें शामिल करने के लिए आभार !

    ReplyDelete
  18. अच्छे लिंक्स
    मंच को सजाया भी बढिया है
    बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  19. इसे महात्मा गांधी की एक त्रुटी कहे या कमजोरी या
    समय की अनुपलब्धता की वे अपने जीवन काल में कांग्रेस
    का विघटन नहीं कर सके, इस दल की स्थापन स्वतंत्रता प्राप्ति
    हेतु हुई, किन्तु कांग्रेस जनों ने सत्ता हथियाने के लिए इस दल
    का खुल कर दुरुपयोग किया एवं करते आ रहें है.....

    ReplyDelete
  20. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार

    ReplyDelete
  21. राजेश जी , मुझे आपकी चर्चा में सबसे सुंदर उसका प्रस्तुतिकरण लगता है । आप इसी तरह से चित्रो के साथ लगाया करिये बल्कि मै तो सभी चर्चाकारो से कहूंगा कि वो समय की कमी को ना देखें बल्कि हर आदमी को इतना स्पेस तो दें

    धन्यवाद सहित
    मनु प्रकाश त्यागी

    ReplyDelete
  22. चर्चा मंच पर उपस्थिति हेतु आप सब का हार्दिक आभार

    ReplyDelete
  23. हमारी ब्लॉग पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद!


    सादर

    ReplyDelete

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।