मित्रों!
चौंसठवाँ गणतन्त्र भी बीत गया! आइए! इस अवसर पर यह प्रेरणा लें कि हम संविधान का न केवल देश में पालन करेंगे अपितु अपने निजी जीवन में भी नियम कानूनों का पालन करेंगे।
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" इतिहास में 26 जनवरी" |
सोने पे सुहागा जानिये कि राष्ट्र गान का अर्थ क्या है ? जलियाँवाला बाग के नर संहार के बाद रवीन्द्रनाथ टैगोर ने सम्मान में मिली अपनी ‘सर’ की उपाधि लौटा दी थी ! अपने देश की महिमा में उन्होंने बेमिसाल गीतों की रचना... |
एक प्रयास योगक्षेम वहाम्यहम तुमने ही तो कहा ना . जब आत्मज्ञान मिल जाये उसमे और खुद में ना कोई भेद नज़र आये बस तब साक्षी भाव से दृष्टा बन जाओ और देखो उसकी लीला... |
रूप-अरूप गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई हो मित्रों...... गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई हो मित्रों...... उम्र हमें कुछ देता है तो हमसे हमारा बहुत कुछ छीन भी लेता है....बचपन और उसकी मस्ती... गणतंत्र दिवस हो या... |
न दैन्यं न पलायनम् ठंड में स्नान शरीर से उठती भाप, श्रद्धा का सिन्धु कुम्भ में कई श्रद्धालुओं को स्नान करते हुये देख रहा हूँ, शरीर से भाप का उठना स्पष्ट देखा जा रहा है |
चैतन्य का कोना हमारे राष्ट्रीय चिन्ह -*राष्ट्रीय ध्वज - तिरंगा * *राष्ट्रीय पक्षी - मोर * * **राष्ट्रीय पुष्प - कमल ... | माधव हैपी रिपब्लिक डे - |
Hindi Tools - हिंदी उपकरण - हिंदी टाइपिंग और ब्लॉगिंग | खीरां आई खिचड़ी अर टिल्लो आयो टच्च - *खीरां आई खिचड़ी अर टिल्लो आयो टच्च = मौके पर आना|* गांवों में आज भी शादी हो या अन्य समारोह इंतजाम के लिए गांव वाले मिलकर ही कार्य करते हैं.., |
ई-पण्डित / ePandit - Hindi Tech Blog इंटैल डैस्कटॉप मदरबोर्ड बनाना बन्द करेगा - यह एक युग का अन्त है। इंटैल ने घोषणा की है कि वह अगले तीन वर्षों में डैस्कटॉप के मदरबोर्ड बनाना बन्द कर देगा….. | Hindi Tips how to setup lens flare effect - आप भी दिखाएं Lens Flare Effect अपने ब्लॉग पर बिना फोटोशाप के… |
Computer Tips & Tricks ट्रेन का खाना बासी है? तो डायल करें 800111321 | Hindi4Tech ( Seo Tricks, Tips,Gadjets & Tutorial For Blogger ) Newspaper Premium Blogger Template |
5TH Pillar Corruption Killer क्या है हमारा राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस ??? -भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है और यह भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है… | Cartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA कहाँ गण और कहाँ तंत्र |
ताऊ डाट इन एक गौरैया, फ़ुदकती थी यहां, अब कहां है - *फ़ुदकती थी यहां* *कहां है **अब * * * *2* *सीता व राम* *परिणय के बाद* *झूजते रहे* *3* *शिव शंकर* *महा औघड दानी* *स्वयं बेघर* *4... |
काव्य का संसार मगर टिमटिमा कर के जलते तो है पीने की हमको है आदत नहीं, म गर दारू घर में हम रखते तो है ... |
मैं और मेरी कवितायेँ... गणतंत्र …… संध्या शर्मा झोंपड़ियों से बंगलों तक तहसील से थानों तक अफ़सरों से नेताओं तक गलियों से चौबारों तक जंगल से शहरों तक हर जगह ढूँढा नहीं मिला गणतंत्र… |
" जीवन की आपाधापी " तंत्र ......... जनतंत्र ....... गणतंत्र ...... सभी मित्रों , साथियों एवं देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई , ढेरों अनेकों शुभ-कामनाएं ! इस एक दिन के राष्ट्रीय पर्व पर अपने दिलों में… |
ram ram bhai अतिथि गज़ल :डॉ .वागीश मेहता साँसों पे बंदिश हुई हजरात क्या , दिन क़यामत की हुए सौगात क्या . सूर्य की किरणें जहां हों ,कैद में , चांदनी की वाँ भला औकात... |
Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून कार्टून :- हैप्पी गनतंतर दिवस - | Farishtay jhanda uncha Rahe Hamara - देशप्रेम की अनन्य भावना से ओतप्रोत यह खूबसूरत गीत सुनिये ! इस तिरंगे को कोटिश: प्रणाम ! सभी आत्मीय बंधुओं को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ! |
अविनाश वाचस्पति *क्या इतनी जबरदस्ती ठीक है ? (कविता) -*जबरदस्ती जबर्दस्त मत कहें ईश्वर गलत कहने के लिए भी आपसे हिसाब मांगेगा कहेगा कि करो व्याख्या इस कविता की संदर्भ सहित तब आप बगलें नहीं झांकने लगोगे | yatra (यात्रा ) मुसाफिर हूं यारो ............. लाटू देवता से रनकाधार,रूपकुंड यात्रा , नंदा देवी राजजात का एक हिस्सा घूमिये - |
|| आकाश के उस पार || पतंग - पतंगों का मौसम है | कल गणतंत्र दिवस भी है | एक ख्वाहिश है, जो शायद बहुत सारे दिलों में होगी - मुहोब्बत के मांझे से कसकर बंधी हो, ऐसी पतंग हम उड़ायें.. | कंप्यूटर वर्ल्ड हिंदी Happy Republic Day - गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवम् बधाई। Happy Republic Day! आप सभी को वरुण की तरफ से गणतंत्र दिवस की शुभकामनाऐँ.. |
Vyom ke Paar...व्योम के पार पुकार - हर वर्ष की भांति आज 26 जनवरी को हम अपना गणतंत्र दिवस मना रहे हैं । हम भारतीय कुछ अधिक ही आशावादी हैं,होना भी चाहिए लेकिन इन कुछ सालों में... | Hindi :: MyWebdunia अपनी प्रतिभा पहचानें!सुभाष बुड़ावनवाला अपनी प्रतिभा पहचानें!!! क्या इंटरव्यू के दौरान आपके हाथ-पैर फूल जाते हैं? आपकी कितनी भी जानकारी क्यों न रखें लेकिन जब समय आता है अपनी काबिलियत साबित .. |
साहित्य प्रसून नेताजी सुभाष चन्द्र बोस - कल नेताजी सुभाषचन्द्र बोंस की जयन्ती थी | आज की विषम परिस्थिति में उन जैसा कोई अवतारी पुरुष ही सुधार कर सकता है | 'स्वार्थी भारतीय समाज के कुर्सी के लोभी .. | उल्लूक टाईम्स राम नहीं खोल सकता कोई वैंडर तेरे नाम का टेंडर- *सोच रहा था कल से इस पर कुछ भी नहीं लिखना विखना चाहिये करने वाले को कौन सा इसे पढ़ ही लेना है मुझे भी बस चुप ही रहना चाहिये … |
त्रिवेणी पाया जो तुम्हें - *1* *पाया** **जो** **तुम्हें*** *उमंग** **बनी** **मेरी*** *खुशियों** **की** **बहार*** *गोद** **में** **लिया*** *ज्यों** **बेटे** **का**... |
कबीरा खडा़ बाज़ार में यही है सेकुलरिज्म यही है सेकुलरिज्म समाचार पत्रों में प्रकाशित एक खबर के अनुसार पाकिस्तान की कोटलखपत जेल में जम्मू -कशमीर राज्य के एक गाँव के निवासी चमेल सिंह की पीट पीटकर... |
दिनेश की दिल्लगी, दिल की सगी ऊपर प्रभु निश्चिन्त, बजे जनता का बाजा - *ईश्वर कमज़ोर हो गया है ? आजादी अभिव्यक्ति की, चटुक चुटीले भाव | ईश हुआ उन्नीस है, मत उसको उकसाव | मत उसको उकसाव, भक्त ही बनते ... |
नीम-निम्बौरी मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता -1 दिनेश चन्द्र गुप्ता ,रविकर वरिष्ठ तकनीकी सहायक इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस धनबाद झारखण्ड पिता: स्व. सेठ लल्लूराम जी गुप्ता माता : स्व. मुन्नी देवी... |
Akanksha ऊष्मा प्यार की - रात कितनी भी स्याह क्यूँ न हो चाँद की उजास कम नहीं होती प्यार कितना भी कम से कमतर हो उसकी मिठास कम नहीं होती कितना प्यार किया तुझको यह तक नहीं जता पाया... |
"कुछ कहना है" अनुशंसा-तारीफ़, तनिक करना भी जानो- विद्वानों की टोलियाँ, *बतर बोलियाँ बोल । करें कलेजा तर-बतर, पोल-पट्टियाँ खोल । पोल-पट्टियाँ खोल, … |
BALAJI कर भला हो भला | - अरे कलुआ ( बदले हुए नाम ) ...कहाँ है रे | तू बाहर आ | क्या कर दिया रे | आज मेरे पुत्र को क्या हो गया ? बहुत कुछ बडबडाते हुए वह औरत आगे बढ़ रही थी... |
अंदाज ए मेरा गण गौण, तंत्र हावी! दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र को बने 63 साल हो गए। इन तिरसठ सालों में काफी कुछ बदला है। एक बड़ा बदलाव यह हुआ है कि 'गण' गौण होता जा रहा है और 'तंत्र' हावी ... |
वटवृक्ष दृष्टिकोण : जिस पथ जाएँ वीर अनेक जिस पथ जाएँ वीर अनेक भारतीय सेना के उच्च नैतिक मूल्य वीरता का पथ विश्वशांति और सौहार्द की ओर जाता है और युद्ध में मानवीयता का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष भी है... |
मोड़-मोड़ पर खड़े हैं लाख इम्तिहां ! देश को बहुत है आस तुमसे नौजवां ! ज़र्रा-ज़र्रा हिंद का निहारता तुम्हें … मां का रोम-रोम ; सुन ! पुकारता तुम्हें … नौजवान आ ! नूरे-जहान आ ! हिंद के मुस्तक़बिल ! रौशन-निशान आ !! गणतंत्र दिवस के अवसर पर मेरी यह पूरी नज़्म इस लिंक पर ज़रूर पढ़-सुन कर अपनी राय दीजिएगा ... शस्वरं: क़तरा-क़तरा ख़ून का तेरा वतन का है ! » आज के लिए इतना ही…! |
बहुत अच्छी सुनियोजित लिँक्स !! गणतंत्र दिवस और गौण तंत्र दोनो का उत्तम संकलन ।
जवाब देंहटाएंस्तरीय सूत्रों से सजी चर्चा..आभार..
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी चर्चा ....चैतन्य को शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंबेहतरीन आलेखों से सजी बहुत ही सुन्दर चर्चा।अतुल जी लेख बहुत ही प्रभावी है।
जवाब देंहटाएंबहुरंगी चर्चा |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
सुन्दर चर्चा लिंक !!
जवाब देंहटाएंएक बेहतरी्न और संयत चर्चा सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित
जवाब देंहटाएंशानदार सूत्रों से सजा मंच आज का हृदय से आभार बारम्बार आपका |
जवाब देंहटाएंबहुर सुन्दर सज्जा है आज के चर्चामंच की ! 'तराने सुहाने' से झंडा गीत के चयन के लिए आपका धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी प्रणाम | एक से बढ़ कर एक | सभी लिंकों पर न जा सका क्यों की ट्रेन की समय हो चली है | एक बार फिर सदर अभिनन्दन आभार |
जवाब देंहटाएंसभी हिंदी प्रेमियों को एक साथ देखकर बहुत हर्ष हुआ
जवाब देंहटाएंsarthak links .aabhar
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा ! आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आदरणीय ।
आदरणीय शास्त्री सर चर्चा मंच का बेहद सुन्दर नजारा है एक से एक अच्छे लिंक्स हैं. आपका आभार. सादर
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआभार!!
बाध्य चर्चा | बहुत से लिंक्स पे हो आया | कुछ बाकी हैं |
जवाब देंहटाएंआभार |
...सभी लिंक्स अपने आप में बेहतरीन है!...मंच बेहद सुन्दर बन पड़ा है!...आभार!
जवाब देंहटाएंसुन्दर सेतु चयन गणतंत्र दिवस के अनुकूल प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंFarishtay jhanda uncha Rahe Hamara - देशप्रेम की अनन्य भावना से ओतप्रोत यह खूबसूरत गीत सुनिये ! इस तिरंगे को कोटिश: प्रणाम ! सभी आत्मीय बंधुओं को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंझंडा झंडा ऊंचा रहे हमारा .....
कदम कदम बढाए जा ,ख़ुशी के गीत गायेजा ....
लयात्मक भाव प्रधान सुन्दर प्रस्तुति .आभार .
सुन्दर सेतु चयन गणतंत्र दिवस के अनुकूल प्रस्तुति .
26 जनवरी 2013: गण का तंत्र से संपर्क टूट गया अब तंत्र अलग है गण अलग .नेताओं की करतूतें उन्हें जेलों के तीर्थ तिहाड़ की तीर्थ यात्रा करवा रहीं हैं .यही हासिल है 64 वें गणतंत्र का .
जवाब देंहटाएं" इतिहास में 26 जनवरी"
सुंदर चर्चा...कुछ पर हो आई..कुछ बाकी रही...रूप-अरूप को शामिल करने का शुक्रिया
जवाब देंहटाएंस्नान ध्यान भारतीय जनमानस में एक दूसरे से संपृक्त अनुगामी क्रियाओं के रूप में देखी गईं हैं .नदी नालों में और इनकी तीर्थ गंगा में स्नान खुले आसमान के नीचे एक तरफ हमें प्रकृति से जोड़ता
जवाब देंहटाएंहै ,मन को मुक्त करता है तन और मन का व्यायाम है सूर्य स्नान है .विटामिन D के बनने की क्रिया को उत्प्रेरित करता है धूप स्नान .कुदरती टेनिंग करता है हमारी चमड़ी की कईयों को ताम्बई चमड़ी
पसंद है .
भारत एक ऐसा देश है जिसने गाय गंगा और जन्मभूमि भारत को माँ की संज्ञा दी है .उस माँ की गोद में निर्वसना हो उतरने का सुख साधू सन्यासी ही समझा सकते हैं आम आदमी उस आनंद की कूट
संकेतों को नहीं बूझ सकता है .
ये भगवा का स्पंदन है .भारत धर्मी समाज की आस्था है इसे भारतघाती समाज जितना जल्दी समझ ले बेहतर है .
माननीय गृह मंत्री जी को कुम्भ का स्नान करवाया जाए तो उन्हें सैफरन शब्द भगवा का मतलब समझ आ जाएगा .कुम्भिया बन जायेंगे वह .जिनका कार्बन फुट प्रिंट बे -तहाशा है वह भगवा आतंकवाद
की बात करते हैं .ज़बान चलाते हैं ये लोग .जन प्रवाह जन शक्ति का इन्हें इल्म नहीं हैं बजाएं गाल जितने बजाते हैं .घगवा जन समूह हिसाब मांगेगा इन सेकुलरों की अम्मा से भी 2014 में
अलबत्ता अगर दिल के मरीज़ हैं शिंदे साहब ,हम फिर भी उनपे रहम करते हुए बतला दें ,शरीर को बिला वजह ठंडा न करें आपकी सेकुलरिज्म भी खतरे में आ जायेगी .दिल भी .
न दैन्यं न पलायनम्
ठंड में स्नान
शरीर से उठती भाप, श्रद्धा का सिन्धु कुम्भ में कई श्रद्धालुओं को स्नान करते हुये देख रहा हूँ, शरीर से भाप का उठना स्पष्ट देखा जा रहा है
दीखते हैं मुझे दृश्य मनहर चमत्कारी
जवाब देंहटाएंकुसुम कलिकाओं से वास तेरी आती है
कोकिला की कूक में भी स्वर की सुधा सुन्दर
प्यार की मधुर टेर सारिका सुनाती है
देखूं शशि छबि भव्य निहारूं अंशु सूर्य की -
रंग-छटा उसमे भी तेरी ही दिखाती है |
कमनीय कंज कलिका विहस 'रविकर'
तेरे रूप-धूप का ही सुयश फैलाती है ||
घनाक्षरी का प्रवाह और शब्दों की थिरकन सम्मोहित करती है इस पोस्ट में .आभार पढ़वाने के लिए चर्चा मंच का .
नीम-निम्बौरी
मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता -1
दिनेश चन्द्र गुप्ता ,रविकर वरिष्ठ तकनीकी सहायक इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस धनबाद झारखण्ड पिता: स्व. सेठ लल्लूराम जी गुप्ता माता : स्व. मुन्नी देवी...
पठनीय,सुन्दर चर्चा ,,,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,
बहुत ही अच्छी चर्चा...स्थान देने के लिए शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंइन अच्छे लिंकों में मेरी पोस्ट भी शामिल करने हेतु बहुत बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
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