आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , ,आप सब का दिन मंगल मय हो अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
जगा रहे जो मन अपना----तो कभी समस्या ही ना हो
Anita at डायरी के पन्नों से -
कर्म किये जा (छंद त्रिभंगी)---फल की चिंता मत कर ऊपर वाले पर छोड़ दे
Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN
,AAPKE VICHAAR
नन्ही नव्या के लिए---खिलौने या प्यार दुलार
Anita at मन पाए विश्राम जहाँ -
Jain mantra - Mantra gianista - जैन मंत्र--अद्दभुत चित्रों का खजाना आप भी देखिये
sunil deepak at Chayachitrakar - छायाचित्रकार
पद्म विभूषण पाय, मिटाते पद्म मीनिया-सही वक़्त पर सही इंसान को मिले तो कोई गिला नहीं
नारी---सम्मान के लिए लड़ती रही है लडती रहेगी
आलोचना पुरूष---केवल प्रशंसा ही नहीं आलोचना सहने का भी धैर्य होना चाहिए
दिल्ली की सर्दियों में शादी और शादी में खाने की बर्बादी ---हर जगह
देखने को मिल जाती है एक ओर अन्न का अपमान दूसरे छोर पर ही भूख से बिलखते मासूम यही दो चेहरे हैं हमारे देश के
आँखों को वीज़ा नहीं लगता---सही कहा तभी तो कल्पना लोक में हम दुनिया घूम लेते हैं
Ajit
Singh Taimur at Akela Chana
Benaulim beach-Colva beach बेनाउलिम बीच और कोलवा बीच पर जमकर धमाल व केन्सोलिम की ओर ट्रेकिंग---जी हाँ आप भी संदीप भाई के साथ मुफ्त में गोवा घूमने का मजा लीजिये
Jatdevta Sandeep at जाट देवता का सफर
खड़ा शीश पर नौटंकी का कालू---
अभी रसोई में
बाक़ी हैचूल्हा और सिलबट्टा
कल के लिये सुरक्षित
सींके पर
रक्खे दो आलू -----मजेदार कविता पढिये
बदतमीज़ सपने---सच में मुझे भी आते हैं ,दिल में आता है थप्पड़ जड़ हूँ !!
Yashwant Mathur at जो मेरा मन कहे
कैसे तुमसे नैन मिलाऊँ...शर्म आ रही है तो कला चश्मा पहन सकते हैं
Hemant
Kumar Dubey at काव्य-धारा: जीवन मेरी कविताओं के जरिये
तरक्की ने नयी पीढी को बड़ी सीख दी है--इतनी बड़ी की अब हमें ही सिखाने लगे हैं
rajendra tela at "निरंतर" की कलम से
Ramakant Singh at ज़रूरत
सुखदाम् वरदाम् मातरम् - इस्पात नगरी से [62]---वन्दे मातरम
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पृथ्वी के बहुत करीब आया है चाँद - कभी तो मेरे अंगना उतरे एक बार छूना चाहती हूँ तुझे ऐ चाँद
"गद्दारों से गद्दारी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
मक्कारों से मक्कारी हो, गद्दारों से गद्दारी।
तभी सलामत रह पायेगी, खुद्दारों की खुद्दारी।।
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आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ फिर चर्चामंच पर हाजिर होऊँगी कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय ||
नमस्कार राजेश जी.... बहुत सुन्दर चर्चा सजाई है... लिंक में जा रही हूँ... बाई .. :)
जवाब देंहटाएंराजेश जी बॉक्स में चर्चा बहुत अच्छी लग रही है!
जवाब देंहटाएंसभी लिंक पठनीय हैं!
आपका श्रम सराहनीय है!
आभार!
सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा.....आभार
जवाब देंहटाएंपठनीय,सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा.,,,,,आभार राजेश जी,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,
सार्थक एव बेहतरीन सूत्रों से सजी सुन्दर चर्चा,आभार।
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
badhiyaa charcha,badhiya links
जवाब देंहटाएंसुन्दर संयोजन ...
जवाब देंहटाएंवाकिय में सराहनीय प्रयास है ! और इससे चर्चा करने का एक नया अधर मिला है ! जो के इस युग के लिए जरूरी था !
हटाएंयहाँ भी आप अपने मुद्दों को पोस्ट करो ? ये भी मुफ्त है
Easy To Post At Goury
सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार आदरेया ||
इस सुन्दर चर्चा में मेरी कविता को भी शामिल करने के लिए अत्यंत आभार। सरे लिकंक पठनीय और सुन्दर है, बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा सजाई है.
जवाब देंहटाएंbehtareen links ka khajana. meri post ko yahan sthan dene k liye aabhari hun.
जवाब देंहटाएंसुन्दर रंगों से सजी सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंवैसे तो आपकी हर चर्चा ही अच्छी होती है लेकिन आज कि चर्चा तो लाजवाब है !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति विवाहित स्त्री होना :दासी होने का परिचायक नहीं आप भी जाने इच्छा मृत्यु व् आत्महत्या :नियति व् मजबूरी
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार
जवाब देंहटाएंधन्यवाद राजेश जी!
जवाब देंहटाएंआप सभी का हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंराजेश जी, कल किसी व्यस्ततता के कारण नेट पर नहीं आ सकी, आज चर्चा मंच पर आकर खुशी हुई, बहुत बहुत आभार मुझे इस महफिल में शामिल करने के लिए..
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