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शुक्रवार, जनवरी 25, 2013

बोलो तो-बा-शिंदे : चर्चा मंच 1135

तो-बा-शिंदे बोल तू , तालिबान अफगान-

 तो-बा-शिंदे बोल तू , तालिबान अफगान ।

काबुल में विस्फोट कर, डाला फिर व्यवधान ।

डाला फिर व्यवधान, यही क्या यहाँ हो रहा ?

होता भी है अगर, वजीरी व्यर्थ ढो  रहा ।

फूट व्यर्थ बक्कार, इन्हें चुनवा दे जिन्दे ।

होवे खुश अफगान, पाक के तो बाशिंदे ।। 

आज ईद-मीलादुन्नवी (बारावफात)!
हज़रत मुहम्मद साहब का जन्म दिन 
मुसलमानों का बड़ा त्योहार  है
सभी मुसलमान भाइयों को
शुभकामनाएँ!

गुलामी का असर,,,

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया 
छोड़ा है कुछ भी नहीं, सबको लिया लपेट |
संस्कार के गाल पर, पड़ते रहे चपेट |

पड़ते रहे चपेट, आज का नकली जीवन |
देखो राधा नाच, तेल बहता है नौ-मन |

परंपरा को तोड़, आधुनिकता तो जोड़ा |
लेकिन भौंड़ी नक़ल, कहीं का नैहै छोड़ा ||

 ग्रीडी बा- शिंदे बहुत, सत्ता से है मोह |
आँके ना बलिदान को, करे हिन्दु से द्रोह |
करे हिन्दु से द्रोह, मगर हे संघी भाई |
नागपुरी-संतरे, यहाँ जो कलम लगाईं |
कांटे उगते देख, भला क्यूँ अपनी हाँके |
जाय गलत सन्देश, देश भी कमतर आँके ||


उद्धव द्वापर में व्यथित, फिर आये कलिकाल ।
चाक़ू पाकर गोपियाँ, काटें कामुक-चाल ।

काटें कामुक-चाल, श्याम भी अब घबराए ।
खुद को रहे सँभाल, नहीं यमुना तट जाए ।

*भौमासुर अपहरित, हजारों बाला माधव 
बंधन से आजाद, कराओगे कब उद्धव ??
*सोलह हजार राजकुमारियों को बंधक बनाने वाला


कृष्ण तुम मोडर्न बन जाओ !

Kalipad "Prasad" 
चाकू रखती गोपियाँ, शिवसेना दे बाँट |
नहीं  जोहती बाट अब, सीधे देती काट |
सीधे देती काट , कृष्ण छल-रूप सुधारो |
छेड़छाड़ अपराध, सीटियों यूँ न मारो |
डाल जींस टी-शर्ट, बनो न कृष्ण हलाकू |
मनमोहन गर मौन, चलाये ममता चाकू ||


शिंदे को बर्खास्त करे कांग्रेस : सुषमा स्वराज 
शिंदे फंदे में फंसे, नाखुश हाइ-कमान |
निकला-तीर कमान से, है मुश्किल में जान |


है मुश्किल में जान, बयानी जान-बूझकर |
कई मर्तबा झूठ, करे गुल बिजली रविकर |


करते रहते बीट, विदेशी ढीठ परिंदे |
लगता वो तो मीठ, बुरे लगते बाशिंदे ||


Virendra Kumar Sharma 

काबुल में करता रहा, तालिबान विध्वंस |
मुख्य विपक्षी है वहाँ, लगातार दे दंश |


लगातार दे डंस, बड़ा आतंकी दल है |  
 लांछित भाजप किन्तु, राष्ट्र का बल-सम्बल है |


फिर भी तुम बेचैन, बहुत हो जाते व्याकुल |  
 अंड-बंड बकवास, बनाना चाहो काबुल ||

गडके-करी समेत धन, पता पता नहिं मित्र-

पैना पड़ता पीठ पर , लेकिन चमड़ी मोट ।
दमड़ी दमड़ी लुट गई, सहता रहता चोट ।
फोटो खिंचा रहा अनशन में ।

पैनापन तलवार सा, कैंची कतरे कान ।
सुन लो बात वजीर की, होता जो हैरान-
आग लगे उस नश्वर तन में ।।







अज्ञातवास.......

  (सतीश पंचम यादव)  











" न्याय करना सीखो ....!! कांग्रेसियों !!

PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh (RAJ.) at 5TH Pillar Corruption Killer  

दुविधा...!!!!

Suman Anuragi 


"ऐसे होगा देश महान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)

उच्चारण 



जब होगा मेरे भारत में  सबसे सुखी किसान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।।

22 टिप्‍पणियां:

  1. मोहम्मद साहब के जन्म दिन पर सभी को शुभकामनाएं |
    आज ईद मुबारक हो |उम्दा लिंक्स दी हैं पढ़ने के लिए |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया चर्चा!
    आज हज़रत मुहम्मद साहब का जन्म दिन है।
    जिसे मुसलमान भाई बारावफात के रूप में मनाते हैं!
    ईद-मीलादुन्नबी की सभी मुस्लिम भाइयों को शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  3. एक से बढ़कर एक पठनीय सुंदर चर्चा ,
    गणतंत्र दिवस की चर्चामंच के पूरी टीम को हार्दिक शुभकामनाए ,,,,,
    आभार ,,,,रविकर जी ,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर चर्चा रविकर भाई सभी पठनीय सूत्र हार्दिक बधाई गणतंत्र दिवस की सभी को बधाइयां

    जवाब देंहटाएं
  5. मेरा कश्मीर यात्रा संस्मरण को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. आभार और शुभकामनायें ! रविकर जी .

    जवाब देंहटाएं

  7. डॉ.चैतन्य और डॉ.रूपम को शुभ-कामनायें
    अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)


    रूपम से चैतन्य हो, संजीवनी समर्थ |
    अरुण-प्रिया सपना सहज, अर्चनीय शुभ-अर्थ |
    अर्चनीय शुभ-अर्थ, करें परमार्थ चिकित्सक |
    ईश्वर का है रूप, दीन-दुखियों के रक्षक |
    रविकर शुभ-आशीष, रहे खुश जोड़ी हरदम |
    सुख-समृद्ध सौहार्द, होय यह युगल निरुपम |

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय रविकर सर प्रणाम, बहुत ही अच्छी चर्चा लगाई है, उपयोगी लिंक्स मिले हैं हार्दिक बधाई सादर.

    जवाब देंहटाएं
  9. आभार और शुभकामनायें ! रविकर जी।

    जवाब देंहटाएं
  10. चिंतन परक पोस्ट .साधारणीकरण के लिए अब अमरीका की ज़रुरत क्यों जबकि भारत में एक नहीं कई कई अमरीका एक साथ पनप रहें हैं .अब अपने देश में सब कुछ अनहोना होता है .यहीं के लिए रूपक गढ़ें .पश्चिम से तुलना छोड़ें .वहां जो है उसके अलग सन्दर्भ हैं आर्थिक और सामाजिक अमरीका की तो सारी अर्थ व्यवथा ही उधारी है सभी देशों का पैसा लगा है विश्व मंच ,मेल्टिंग पॉट कहा जाता है अमरीका को .जहां सब कुछ गल खप के मिश्र रूप ले लेता है मिश्र धातु सा पुख्ता हो आजाता है .उतना ही नहीं है अमरीका जितना गुना सोचा जाता है .

    जीवन के दो मूल शब्‍द - अपमान और सम्‍मान (insult & respect)

    Ajit

    जवाब देंहटाएं

  11. अरुण भाई निगम बहुत बड़ा फलक है इस पोस्ट का .आक्रोश क्रन्दन और काव्य कर्म का चन्दन लगा दिया आपने मस्तक पर हर ब्लोगर के .

    धीरज मन का टूट न जाये.......

    जवाब देंहटाएं

  12. चिंतन परक पोस्ट .साधारणीकरण के लिए अब अमरीका की ज़रुरत क्यों जबकि भारत में एक नहीं कई कई अमरीका एक साथ पनप रहें हैं .अब अपने देश में सब कुछ अनहोना होता है .यहीं के लिए रूपक गढ़ें .पश्चिम से तुलना छोड़ें .वहां जो है उसके अलग सन्दर्भ हैं आर्थिक और सामाजिक अमरीका की तो सारी अर्थ व्यवथा ही उधारी है सभी देशों का पैसा लगा है विश्व मंच ,मेल्टिंग पॉट कहा जाता है अमरीका को .जहां सब कुछ गल खप के मिश्र रूप ले लेता है मिश्र धातु सा पुख्ता हो आजाता है .उतना ही नहीं है अमरीका जितना गुना सोचा जाता है .


    जीवन के दो मूल शब्‍द - अपमान और सम्‍मान (insult & respect)

    Ajit

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..आभार

    जवाब देंहटाएं
  14. बढ़िया लिंक्स.-सुन्दर प्रस्तुति रविकर जी : मेरी रचना को भी सामिल किया :आपका आभार.

    जवाब देंहटाएं
  15. दूसरों के सर्वेक्षण से पूर्व समाचार माध्यम पहले स्वयं का सर्वेक्षण
    करें कि उनके घिसे-घसीटे, फटे-पुराने कार्यक्रम/लेखों को देखता/पढ़ता/
    सुनता कौन है.....

    जवाब देंहटाएं
  16. बाप बना राजा तो उसका,
    बेटा राजकुमार बना,
    प्रजातन्त्र की फुलवारी में,
    उपजा खरपतवार घना,
    लोकतन्त्र में गन्ध आ रही,
    खद्दर के परिधान की।
    नहीं रही अब कोई कीमत,
    वीरों के बलिदान की।।

    मुबारक ये गणतंत्र जैसा भी है ,ईद मिलादुल नबी .

    सहमत आपकी प्रस्तावना से .जय बोल वंश वेळ के खूंटे की जय बोल ,बोल जोर से जय खद्दर में मक्कार की

    "गणतंत्र महान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

    प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच -BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

    जवाब देंहटाएं
  17. स्वर भर कर इतिहास सुनाता ,
    महापुरुषों से इसका नाता ।
    गौतम , गांधी , दयानंद की ,
    प्यारी धरती भारतमाता ।
    यहाँ हुए हैं पैदा नानक , राम , कृष्ण , भगवान ।
    सारे जग से न्यारा अपना , है गणतंत्र महान ॥

    वर्तमान क्यों शर्मिन्दा है इस गणतंत्र महान से ?


    "गणतंत्र महान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

    जवाब देंहटाएं
  18. सराहनीय संकलन !!
    मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    चेतन भगत और भैया जी

    जवाब देंहटाएं

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