शुभम दोस्तों ......
मैं सरिता भाटिया हाजिर हूँ
आज की चर्चा
के साथ
और
आप सबसे
करती हूँ गुज़ारिश..!
बहुत कम सूत्र पिरोए हैं
आज की सोमवारीय चर्चा में
ताकि आप सब सूत्रों तक पहुंचकर
अपना स्नेह दे सकें...!
तो आइए
चर्चा की तरफ बढ़ाएं पहला कदम
के साथ
रेखा जोशी
बांटन बैठे दोस्तो ,बांटो हाथ मिलाए|
जग भला तो सबहि भला ,फिर काहे घबराए ||
पहली चर्चा में काफी त्रुटियाँ होंगी
उन्हें सुधारने की पूरी कोशिश रहेगी
को दीजिए
इजाज़त
शुक्रिया
बड़ों को नमस्कार
छोटों को प्यार...!
आगे देखिए...
"मयंक का कोना"
(1)
पेरेंटिंग का एक छोर यह भी है (II)+(I)
कबीरा खडा़ बाज़ार में
(2)
भारत में शिक्षा की सही तस्वीर -- एक भिन्न दृष्टिकोण
(3)
चले डूबने कॉंग्रेसी
(4)
दलालों की दलाल हो गई है मीडिया !
(5)
आगे देखिए...
"मयंक का कोना"
(1)
पेरेंटिंग का एक छोर यह भी है (II)+(I)
कबीरा खडा़ बाज़ार में
(2)
भारत में शिक्षा की सही तस्वीर -- एक भिन्न दृष्टिकोण
(3)
चले डूबने कॉंग्रेसी
(4)
दलालों की दलाल हो गई है मीडिया !
(5)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंवाह-वाह..सरिता भाटिया जी ''पहली गुज़ारिश '' : चर्चा मंच 1208 पहली ही चर्चा में आपने अपने श्रम का कौशल दिखा दिखा दिया।
दोहों मं यद्यपि कुछ मात्राओं का हेर-फेर है मगर आपने अच्छा प्रयास किया है।
कालान्तर में सुधार होता जायेगा।
आपका बहुत-बहुत आभार और मेरी ओर से साधुवाद!
नये अंदाज में लिंक्स की सुंदर प्रस्तुति अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंपहली चर्चा भी काफी लकदक है !
जवाब देंहटाएंसरिता जी के अंदाज़ के क्या कहने ! बहुत ही शानदार चर्चा मंच सजाया है उन्होंने और अपनी पहली चर्चा से ही सिक्का जमा दिया है ! मेरे आलेख को आपने अपने कोने में हिस्सा दिया आभारी हूँ शास्त्री जी ! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंbadhiya charcha ...
जवाब देंहटाएंनए अंदाज़, नए कलेवर और नयी सोच के साथ चर्चा पेश की है सरिता जी, बहुत बहुत बधाईयाँ.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को आपकी इस पहली चर्चा में स्थान देने के लिये धन्यबाद. एक एक कर सारी रचनाएँ पढ़ने जा रही हूँ.
सरिता जी आपका स्वागत! बहुत सुन्दर लिंक संयोजन और लाजवाब प्रस्तुति! बधाई आपको।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर सहयोग देने के लिए आपका स्वागत है.बहुत ही बेहतरीन अंदाज में सुन्दर पठनीय लिंकों की प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा चर्चा प्रस्तुत ..... अच्छे लिनक्स मिले
जवाब देंहटाएंपहली ही चर्चा में कमाल कर दिया। बहुत अच्छी कोशिश।
जवाब देंहटाएंसरिता जी की पहली चर्चा का अंदाज भिन्न है।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स के साथ ही शानदार प्रस्तुति
आपको ढेर सारी शुभकामनाएं
आद. शास्त्री जी के मयंक का कोना में मुझे शामिल करने के लिए आभार..
सरिता जी ,बहुत बढ़िया प्रस्तुति चर्चा मंच की ,,मेरी रचन ko स्थान देने के लिए हार्दिक आभार ,भजन सुन कर बहुत आनंद आया ,हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसरिता जी पहली चर्चा और वो भी सुन्दर और पठनीय लिंकों के संयोजन के साथ प्रस्तुत करनें के लिए सहर्ष आभार !!
जवाब देंहटाएंपहली चर्चा आपकी, बड़ी सुहानी लाग ।
जवाब देंहटाएंअच्छे अच्छे सूत्र से, सजी सजी है बाग़ ।।
आदरणीया सरिता जी चर्चा मंच पर आपका स्वागत है पहली चर्चा में ही आपने खूब मेहनत की है और आपकी मेहनत रंग भी लाई है. निःसंदेह आप एक अच्छी चर्चाकार साबित होंगी चर्चामंच के लिए. आप बधाई की पात्र हैं मेरी ओर से ढेरों बधाई स्वीकारें....
प्रिय सरिता जी पहले तो आपका हार्दिक स्वागत है दूसरे आपकी सुन्दर व्यवस्थित दोहात्मक चर्चा के लिए हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति -
जवाब देंहटाएंस्वागत है आपका आदरेया-चर्चा मंच पर-
सादर ||
बहुत बढ़िया। इस हेतु आपका धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर सरिता जी एवं शशि जी का हार्दिक स्वागत।
जवाब देंहटाएंहमारी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
सादर
सरिता भाटिया जी ने तमाम सेतुओं को दोहावली में पिरोके नया अंदाज़ नया तेवर दिया है चर्चा मंच को .काव्यात्मक चर्चा मंच और भी निखर संवर गया है .
जवाब देंहटाएंघूरा ते घूर बिनिया मीलो माल बनाए ।
जवाब देंहटाएंउड़न खाट बौराए ते धरनी दे पटकाए?॥
बहुत बढ़िया अंदाज़..सार्थक चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार....
सुन्दर प्रस्तुति, ....................बधाई
जवाब देंहटाएंmost welcome sarita ji and thanks mayank ji to take my post here.
जवाब देंहटाएंसरिता जी ,बहुत बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदोस्तो आप सब ने जो दिल खोल कर स्वागत किया एवं स्नेह दिया वो अतुलनीय है ,
जवाब देंहटाएंगुरु जी के चयन को मैं कुछ हद तक साबित कर पाई उसकी प्रसन्नता है
ऐसा ही साथ एवं स्नेह देते रहें
तहेदिल से आप सबकी आभारी हूँ
मिलती हूँ अगली सोमवारीय चर्चा का साथ
शुभरात्रि ...शब्बा खैर ....
बहुत बेहतरीन सुंदर सूत्र संयोजन ,,,के लिए सरिता जी बहुत२ बधाई !!!
जवाब देंहटाएंRECENT POST: जुल्म
बहुत ही सुन्दर सूत्र।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपधारें "आँसुओं के मोती"
सरिता जी ....
जवाब देंहटाएंआपका इस उत्कृष्ट प्रस्तुति एवं लिंक्स संयोजन का आभार