आज की
मंगलवारीय
चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , ,आप
सब का दिन मंगल मय हो अब चलते
हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
नुसरत मेहदी नये मौसम, नये लम्हों की शायरा -डॉ. बशीर बद्र ( शिवना प्रकाशन की नई पुस्तक 'मैं भी तो हूं' ग़ज़ल संग्रह नुसरत मेहदी )
पंकज सुबीर at सुबीर संवाद सेवा
Dalhousie-
Panjpulla a beautiful place ड़लहौजी में पंचपुला ने दिल खुश कर दिया।
SANDEEP
PANWAR at जाट देवता का सफर, Jatdevta's
journey
उसकी नज़र......
***Punam*** at तुम्हारे लिए
आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ फिर चर्चामंच पर हाजिर होऊँगी कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय ||
(क)
1 शीत काल में केसर औ चन्दन काया दमके .
2 अलसाये से तृण औ लतिकाए चाँदी चमकी...
(घ)
पाकिस्तान से आये हिंदू यात्रियों द्वारा उनके साथ वहाँ पर हो रहे जुल्मों की सच्चाई मीडिया के माध्यम से पता लग रही है वो बहुत ही खौफनाक है ! उनके परिवार के कई सदस्य वहाँ पर है फिर भी वो लोग वापिस उस जहन्नुम जैसे देश में जाने को तैयार नहीं है ! इससे उनके साथ हो रहे जुल्मों का अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि कोई भी आदमी अपने परिवारजनों से बिछड़ने को तैयार हो जाए लेकिन वापिस उस जगह नहीं जाना चाहे तो उस खौफनाक हकीकत को समझा जा सकता है ! "कुछ लम्हों ने गलतियां की और सजा सदियों को मिली" ये वाक्य यहाँ बिलकुल सटीक बैठता है....
इस व्यापक चहकती-महकती चर्चा के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंबहन राजेश कुमारी जी!
नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ!
सुप्रभात मित्रों...!
जवाब देंहटाएंआज मंगलवार है...
आज के दिन
कोई अमंगल न हो...!
प्रसन्न रहिए...
हर हाल में...!
सुन्दर चर्चा आदरणीया-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-
ढेरो ख़ूबसूरत लिंक चर्चा में सजाने और मेरी रचना शामिल करने हेतु आपका आभार शास्त्री जी एवं राजेश कुमारी जी!
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स से सजा चर्चा मंच |
जवाब देंहटाएंआशा
सुंदर चर्चा.......
जवाब देंहटाएंदीदी सुंदर सूत्र पिरोने के लिए आपको हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएं'मैया का चोला'[लखबीर सिंह लख्खा]
राजेश जी, सुंदर चर्चा..बहुत बहुत आभार मुझे इसका हिस्सा बनाने के लिए..
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा राजेश कुमारी जी मगर पता नहीं क्यो मेरे यहाँ कुछ लिंक्स खुल रहे हैं और कुछ पर लिखा आ रहा है पेज नाट फ़ाउंड
जवाब देंहटाएंबढिया, ताजा लिंक्स से सजी शानदार चर्चा
जवाब देंहटाएंअब बारी बारी से लिंक्स पर जाने की कोशिश करता हूं,
देखता हूं कहां तक सफर पूरा कर पाता हूं।
atisundar ... shaandaar ...
जवाब देंहटाएंpyari rajesh sakhi bahut sundar charcha , badhai abhaar shashtri ji hamen bhi charcha me shamil karne hetu , sabhi links sundar hai
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संग्रह
जवाब देंहटाएंशानदार संयोजन
एक से बढ़िया एक लिंक
सभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
पूरी टीम को धन्यवाद
उत्तम लिंक्स का संकलन.
जवाब देंहटाएंआभार.
बहुत अच्छी रही आज की चर्चा भी।
जवाब देंहटाएंआपका आभार !
बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय !!
सुंदर चर्चा....सबसे पहले ही रूप-अरूप को देख मन प्रसन्न हो गया। आभार आपका..
जवाब देंहटाएंविलम्ब के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ राजेश कुमारी जी ! कल सारे दिन सर्वर डाउन था इसलिए था ना कुछ पढ़ सकी ना देख सकी ! आपने मेरी प्रस्तुति को मंच पर स्थान दिया आभारी हूँ ! बाकी के लिंक्स आज देख लूं यही प्रयास रहेगा ! सधन्यवाद !
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर आने पर आप सब का हार्दिक आभार|
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