हाइकु हुआ
आज का चर्चामंच
..सुस्वागतम..
शुभम दोस्तो
मैं सरिता भाटिया
हाजिर हूँ जी..
बहनों से है
सबला बनो
आइए बढ़ें
करते हुए
सभी सूत्रों को
अपना स्नेह दोगे
ये है विश्वास
सुमित कहे
भेजा फ्राई हो
नारी ब्लॉग का
सशक्तिकरण है
रचना द्वारा
आमिर अली
मयंक जी को
मयंक जी को
की है बधाई
पुरुषोतम पांडे
जी के जाले में
कराई रथयात्रा
जगन्नाथ की
यशोदा जी की
इतिहास में
तीन ही छाया
साधना वैद
से है चलाया
मंजिलें मिलें
देश अवाक
में यादों का मौसम
बस तू ही तू
अजीज ने ही
मुठभेड़ में
नजरिया ये
मासूमों की अस्मत
है तार तार
है स्त्रिओं के हिस्से में
जे. शबनम
जे. शबनम
रंजना कहे
कन्या पूजन कर
शर्मिंदा हैं क्यों
भारत की स्थिति क्या ?
विरेंदर जी
पाखी बताए
मानवाधिकार की
न्याय व्यवस्था
हमारी शान
है अपमान
अब दीजिए
सरिता भाटिया को
भी इजाज़त...
सुनते हुए
एक सुंदर गीत
नमस्कार जी..
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
वीर चले है देखो लड़ने, दुश्मन से सरहद पर भिड़ने,
“तिरंगा” शान से लहराता, शुभाशीष दे रही भारतमाता...
(2)
इंडिया बनाम भारत जैसी गरमागरम बहसों के बीच एक भारतीय धार्मिक विचारक के एक शताब्दी से अधिक पुराने शब्दों पर एक नज़र यह कथन असंगत है कि अमेरिकावासी डालर (लक्ष्मी) के दास हैं। सच तो यह है कि लक्ष्मी तो स्वयं सरस्वती के पीछे लगी रहती है। जो लोग यह आरोप मढ़ते हैं कि अमेरिकनों का धर्म नक़द धर्म नहीं वरन नक़दी धर्म है, वे या तो अमरीका की सही स्थिति का ज्ञान नहीं रखते अथवा...
(3)
(4)
(5)
महिलाओं के साथ बलात्कार का इतिहास बड़ा पुराना है और समाज के सख्त कानून द्वारा इस्पे रोक लगाने की कोशिश हमेशा से होती रही हैं | कभी किसी देश ,समाज या धर्म के कानून इस गुनाह को कम करने में कामयाब हो जाते हैं और कभी अचानक ऐसी शर्मनाक घटनाओं में बढ़ोतरी होने की खबरें आने लगती हैं | और धर्म में भी बलात्कार को शर्मनाक बयाता गया है लेकिन ...
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जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा प्रस्तुत की आपने ..... आभार
जवाब देंहटाएंविविधा चर्चा, धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंअभी कुछ रचनाएं पढीं |बाकी सूत्र दोपहर के लिए |वैसे सशक्त सूत्र अपनी और खीच रहे हैं |
जवाब देंहटाएंआपकी महानत को मानना पड़े|विविधता लिए चर्चा के लिए आभार |
आशा
सरिता जी आपकी गुजारिश रंग ला रही है। आज सोमवार (22-04-2013) को आपने बहुत बढ़िया 'एक ही गुज़ारिश' :चर्चामंच 1222 सजाया है।
जवाब देंहटाएंआप तो चर्चा करने में पारंगत हो गयी है। मगर मैं जानता हूँ कि चर्चा लगाने में चर्चाकार को कितना श्रम करना पड़ता है!
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
आपका आभार!
बहुमूल्य सूत्रों से सुसज्जित बहुत सुंदर चर्चामंच सजाया है आपने सरिता जी ! मेरी रचना को इसमें स्थान दिया आभारी हूँ आपकी !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा -
जवाब देंहटाएंआभार -
हाइकु शैली में शानदार प्रस्तुति. आभार सहित...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा रही। लेकिन हर चर्चा में अंदाज़ बदलकर करने की कोशिश करें ,हमेशां नयी और बेहतरी आएगी।
जवाब देंहटाएंआमिर भाई आज कि चर्चा का अंदाज बिलकुल अलग था शायद आप जल्दी में आकर चले गए
हटाएंसुझाव के लिए शुक्रिया
पठनीय सूत्रों से सुसज्जित सुन्दर चर्चा एवं शानदार प्रस्तुतिकरण हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया सरिता जी बहुत ही श्रम किया है आपने.
जवाब देंहटाएंNice post.
जवाब देंहटाएंएक खबर के अनुसार दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार पोर्न साइट्स पर पाबंदी लगाने की तैयारी में है। साइबर अपराध शाखा और खुफिया विभाग की जांच टीम ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि इंटरनेट के जरिए 60 प्रतिशत तक अश्लील साइट्स को देखा जाता है। यानी इंटरनेट के जरिए की जाने वाली कुल सर्फिंग में से करीब 60 फीसदी ये साइट्स देखी जाती हैं। लगभग 546 साइट्स को प्रतिबंधित करने के लिए चिह्नित किया जा चुका है। इन साइट्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार गूगल और याहू जैसी इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों की भी मदद लेगी। उल्लंघन करने पर सर्च इंजन पर रोक जैसे कड़े कदम भी उठाए जा सकते हैं।
अब सवाल यही उठता है कि आज की नौजवान पीढ़ी इंटरनेट जैसे साधनों का प्रयोग क्या सिर्फ अश्लील फिल्में देखने के लिए ही करते है?
जवाब काफी हद तक हॉं में ही होगा। लोगों ने एक से बढ़कर एक मोबाइल फोन लिया है, इंटरनेट की गति 2जी से 3 जी और अब अंबानी की कृपा से 4 जी होने वाली है। लेकिन संचार के इन आधुनिक साधनों का प्रयोग जितना सकारात्मक नहीं हो रहा है उसे ज्यादा नकारात्मक होने लगा है। आपको मेट्रो से लेकर सड़क तक पर लोग मोबाइल फोन में उलझे हुए मिल जाएंगे लेकिन ध्यान से देखिए वह कर क्या रहे हैं या तो फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों पर प्यार की गुटर—गू चल रही है या फिर आइटम सांग से लेकर अश्लील मूवियां देखी जा रही है। ऐसे—ऐसे लोग जो कि ठीक से इंग्लिश पढ़ना भी नहीं जानते लेकिन उन्हें आप कहोंगे कि पोर्न मूर्वी देखनी है तो वह एक मिनट में 1760 वेबसाइट आपके सामने खोल देंगे। उनका ज्ञान सिर्फ इतना ही है। मोबाइल, इंटरनेट मतलब अश्लील मूवी, गाने, फिल्में बस।
अब इन बंदरों को तो इंसान नहीं बनाया जा सकता। इसलिए सरकार को पोर्न वेबसाइट बंद करना ही एक विक्लप होना चाहिए। लेकिन यह विकल्प इंटरनेट तक न सीमित होकर इसके प्रसार करने वाले तक पर भी होना चाहिए। हालांकि जब मोबाइल, कम्प्यूटर इंटरनेट शुरु हुए थे तब भी लोगों ने इसे अपनी हवस बुझाने का हथियार बना लिया था। उस समय भी बहुत से सारे लोग पुलिस द्वारा पकड़े जाते थे जो कि घर पर सीडी द्वारा अश्लील फिल्में देखने का मजा लिया करते थे। इस तरह के बढ़ते केसों को देखकर न्यायाधीश ने कहा था कि अगर 'अश्लील फिल्में देखने पर लोग को जेल भेजने लगे तो पूरा देश ही जेल में चला जाएगा'। इसलिए अब यह अपराध नहीं रहा।
जज साहब की इस टिप्पणी से देश के नागरिकों का चरित्र भी सामने आ जाता है.
लेकिन यह विकल्प इंटरनेट तक न सीमित होकर इसके प्रसार करने वाले तक पर भी होना चाहिए।..........पोर्न साइट्स, अश्लील लिंक, साइट्स, बॉलावुड, हॉलीवुड का अश्लील प्रसार सब बन्द होना चाहिए। जो व्यवहार गोपनीय था, वह इतना आम हो गया है कि क्या कहें। इंटरनेट पर केवल पोर्न रिलेटेब मैटीरियल बन्द कर दिया जाए। आपकी बात से सहमत। आपकी यह टिप्पणी अच्छा आलेख भी हो सकती है। इसे विस्तार देने का कष्ट करें। आपकी टिप्पणी बहुत व्यावहारिक लगी समस्या के समाधान हेतु।
हटाएंडॉ अनवर साहिब चर्चा मंच पर पधारने का शुक्रिया
हटाएंअपनी पोस्ट का कमेंट में नाम दे देंगे तो इतना ही काफी है
जो भी पढना चाहे आपके आँगन आ जाएगा
हाइकूमय चर्चा का अन्दाज़ बहुत पसन्द आया …………बधाई
जवाब देंहटाएंनये अंदाज में सुंदर चर्चा मुझे बहुत अच्छा लगा ,,,बधाई सरिता जी,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : प्यार में दर्द है,
very nice presentation.very nice links
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक और बहुत अच्छी चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंMY BIG GUIDE
सुन्दर और पठनीय लिंकों से सजी चर्चा !!
जवाब देंहटाएंशानदार लिंक्स...मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंहाइकुमय चर्चा
मैं हूँ आभारी!!
सरिता जी का सहज सरल अंदाज़ चर्चा मंच का भाया ,नया स्वाद नए रंग लाया .शुक्रिया हमारी पोस्ट को चर्चा में बिठाने का .
जवाब देंहटाएंदोस्तो आज के चर्चा मंच पर आकर मेरा मान बढाया उसके लिए दिल से आभारी हूँ दूसरे सूत्रों के लिए भी समय निकालें शुभविदा
जवाब देंहटाएं