आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
IPL शुरू हो गया है देश अब सारी चिन्ताएं छोड़कर क्रिकेट देखेगा । मीडिया को भी अब न बुराई दिखेगी, न महंगाई , दिखेगी बस गेल, धोनी की धुलाई । लगता है सब मर्जों की दवा है ये क्रिकेट ! क्यों , क्या कहते हैं ?
चलते हैं चर्चा की ओर
उच्चारण ब्लॉग पर है एक आह्वान
तरुण जी की चिंता
गाँव के बारे में रश्मि स्वरूप जी का मत
बच्चों में मोटापे का आंकड़ों सहित वर्णन कर रहे हैं वीरेंद्र जी
उच्चारण ब्लॉग पर है एक आह्वान
तरुण जी की चिंता
गाँव के बारे में रश्मि स्वरूप जी का मत
बच्चों में मोटापे का आंकड़ों सहित वर्णन कर रहे हैं वीरेंद्र जी
मेरा एक प्रयास
ठंडी औरत
एक साक्षात्कार
होनहार बच्चे और उनके माँ-बाप को मशविरा
UGC NET हिंदी वालों को शायद लाभ हो
बेटे का बे का सवाल गोदियाल जी को
नीम निम्बौरी पर है अलंकारों से सजी कुंडलिया
मूर्ख दिवस को बहाना मानती हैं सुमन जी
इंस्टाल कीजिए विंडो ८
उम्र बीत रही है ख्यालों में
प्रवीन पाण्डेय जी की तत्सम शब्दावली की कविता
सीमान्त गांधी का वंशज ? इदरीस मर गया
मिस काल की महिमा
मंजिल मिल ही गई
सलाम विभा जी के हौंसले को
उम्र बस एक शाख है
रिदा और अदा की बात है काव्य मंजूषा पर
आज की चर्चा में बस इतना ही आखिर मैंने भी IPL का मैच देखना है
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
ठंडी औरत
एक साक्षात्कार
होनहार बच्चे और उनके माँ-बाप को मशविरा
UGC NET हिंदी वालों को शायद लाभ हो
बेटे का बे का सवाल गोदियाल जी को
नीम निम्बौरी पर है अलंकारों से सजी कुंडलिया
मूर्ख दिवस को बहाना मानती हैं सुमन जी
इंस्टाल कीजिए विंडो ८
उम्र बीत रही है ख्यालों में
प्रवीन पाण्डेय जी की तत्सम शब्दावली की कविता
सीमान्त गांधी का वंशज ? इदरीस मर गया
मिस काल की महिमा
मंजिल मिल ही गई
सलाम विभा जी के हौंसले को
उम्र बस एक शाख है
रिदा और अदा की बात है काव्य मंजूषा पर
आज की चर्चा में बस इतना ही आखिर मैंने भी IPL का मैच देखना है
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआभार विर्क जी आपका!
वाकई कुछ कुछ लागे नया नया !
जवाब देंहटाएंसुंदर !
सुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लिंक्स पिरोये है आपने इस चर्चा रूपी माला में।
जवाब देंहटाएंपधारिये आजादी रो दीवानों: सागरमल गोपा (राजस्थानी कविता)
बहुत बढ़िया है आदरणीय-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें स्वीकारें-
बहुत ही बेहतरीन सुन्दर चर्चा की प्रस्तुति,आभार दिलबाग जी.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया लिंक्स संजोये हैं ………सार्थक चर्चा
जवाब देंहटाएंdhanyvad .....badhiya links....
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया……सार्थक चर्चा
जवाब देंहटाएंधरनी दोहे तौ मिलै जल जलावन ज्वाल ।
जवाब देंहटाएंजे तिन्ह अप ब्यय करै घिरै आपदा काल ॥
भावार्थ : --
धरती के दोहन के फलस्वरूप ही हमें जल, ईंधन, और बिजली मिलती है ।
जो इनको व्यर्थ में व्यय करेगा वह प्राकृतिक आपदाओं में घिर जाएगा ॥
अर्थात : -- 'जल है तो कल है'
'ज्वाल में ही काल है'
'ईंधन में भी धन है'
Neetu ji ki baat se poorntah sahmat...
जवाब देंहटाएंbabhut acchi charcha ki hai aapne Dilbag ji ..Dil baag baag ho gaya :)
कौड़िन जोड़न छोड़ दे जोडू जोड़ सँभार ।
जवाब देंहटाएंबरत बल गाँठ गोड़ दे फिर ते कर बैपार ॥
बरत = व्रत, रस्सी
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार.
जवाब देंहटाएंहर हाल में पानी बचाने की कोशिश कीजिये, पानी का दुरूपयोग अपराध है।
जवाब देंहटाएंसुन्दर व्यवस्थित चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा।
जवाब देंहटाएं