दोस्तों
एक तरफ़ राम नवमी की धूम
दूजी तरफ़ माता का जय जयकार
तीसरी तरफ़ हमारा देश और हमारे सरोकार
और चौथी तरफ़ हमारा ब्लोगजगत
और यहाँ के सरमायेदारों के
झगडे , प्यार और मनुहार की
कुछ झलकियों के साथ हाजिर हूँ
आज की चर्चा में
या फिर बस हम मनाते रहें प्रतीक स्वरूप तुम्हारा जन्म राम नवमी को
क्योंकि सिर्फ़ यही तो हमारे अख्तियार में है
तुम्हारी लीला अनन्त
रहना ही पडेगा और चारा ही क्या है :)
जो मूँह में गया और गप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प :)
फिर भी ना बदलती इसकी तस्वीर
क्या कहा था ?
और क्या होना था ?
अंतरिक्ष मे जीवन की संभावना : दो नये पृथ्वी के आकार के ग्रहो की खोज
चलो चलें आसमाँ के पार एक आशियाँ बना लें :)
एक शुभ मुहुर्त
आओ बजावें सब मिल ढोल मृदंग और थाल
बरसातें कैसे होती हैं
हार्दिक बधाइयाँ
इसमें क्या शक है ?
एक पहचान
औरत तो शुरु से ही अजीब दिखी है
पहला पडाव तय कर ही लिया
मुझे परदे बहुत पसंद हैं - कुँवर रविन्द्र
ताकि दूसरी तरफ़ उसका घर हो
उम्मीद है आप सभी खबरों और चर्चाओं से रु-ब-रु हो गये होंगे अगले
हफ़्ते फिर मिलते हैं तब तक के लिये शुभ विदा
(1)
face recognition software
(अपने चेहरे को कम्प्यूटर का पासवर्ड बनाइये)
क्या आप चाहते हैं कि आपका Computer बिना password डाले केवल आपको पहचाने...
(2)
डोयिचे वेले बनाम सोते की भैंस का पाडा.
(3)
ऐ मेरे नादान दिल
बावरा मन
(4)
रिश्ते .........
नाम -- शशि पुरवार/जन्म तिथि -- २२ जून /जन्म स्थान--- इंदौर ( म. प्र.)/शिक्षा -स्नातक उपाधि ---- ,बी. एस सी ( विज्ञानं )/स्नातकोत्तर उपाधि - एम . ए ( राजनीती शास्त्र )/ हानर्स डिप्लोमा इन कंप्यूटर साफ्टवेयर /भाषा ज्ञान -- हिंदी ,अंग्रेजी , मराठी ./ पारिवारिक परिचय /माता -- श्रीमती मंजुला गुप्ता /-श्री महेश गुप्ता /प्रकाशन - कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओ ,अंतर्जाल एवं कई रास्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशन होता रहता है ./लेखन विधाए - कहानी , कविता ,लघुकथा, काव्य की अलग अलग विधाए और लेखों के माध्यम से जीवन के बिभिन्न रंगों को शब्दों में ढालना पसंद है . जीवन भर विद्यार्थी रहना ही पसंद है . लिखने की प्रेरणा मुझे मेरी माँ से मिली है .भावो को और विचारो को शब्दों में ढालना बहुत पसंद है , बचपन से अपने विचारो की अभिव्यक्ति कर रही हूँ .रचनात्मकता और कार्य शीलता ही पहचान है . संपर्क -email - shashipurwar@gmail.com
रिश्ते तांका --
1 दोस्ती के रिश्ते पावन औ पवित्र हीरे मोती से महकते गुलाब जीवन के पथ पर ....
(5)
निर्भया के साथ हुई दरिंदगी से कम नहीं है यह हैवानियत
Ek laghu kintu sampoorn blog agrigator hai charchamanch
जवाब देंहटाएंachhe sutr aapne jode hain badhai
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त टिप्पणियों के साथ सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार वन्दना जी आपका!
सुन्दर चर्चा,वन्दना जी आपका आभार।
जवाब देंहटाएंविस्तृत चर्चा. आभार.
जवाब देंहटाएंbahut sundar charcha , sabhi link acche lage , aapka yah andaaj bhi shashtri ji bahut pasand aaya , tahe dil se abhaar hamen bhi shamil karne ke liye
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स को संजोये रोचक चर्चा...आभार
जवाब देंहटाएंचर्चामंच का बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंखुद को चर्चा मंच पर देखकर कैसा लग रहा है कि इसका आभार शब्दों में नहीं किया जा सकता है, चर्चामंच में मुझे शामिल करने के लिये कोटि कोटि धन्यवाद
चर्चामंच में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : प्यार में दर्द है,
बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंवाह... चर्चा का यह अंदाज़ ज़बरदस्त है....
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
आने वाला है समय, जल्दी ही अनुकूल।
जवाब देंहटाएंसुमन सलोने खिलेंगे, सूख जायेंगें शूल।।
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या फिर बस हम मनाते रहें प्रतीक स्वरूप तुम्हारा जन्म राम नवमी को
क्योंकि सिर्फ़ यही तो हमारे अख्तियार में है
राम जगत में रम रहे, सबके पालनहार।
जवाब देंहटाएंसमय आ गया अब प्रभो,लो फिर से अवतार।।
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तुम अनन्त
तुम्हारी लीला अनन्त
छोटे ब्लॉगर क्या करें, वो हैं आज अनाथ।
जवाब देंहटाएंबड़ों-बड़ो के शीश पर, बडे-बड़ो का हाथ।।
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कार्टून:-छोटे ब्लॉगर इस रेस से दूर रहें
पुरस्कारों की चर्चा :गोलगप्पे वडा पाव की तरह
जवाब देंहटाएं--
पुरस्कार के वास्ते, जाओ मित्र विदेश।
बना हुआ है ईनाम का, आज भव्य परिवेश।।
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आपका-
वाह बहुत ख़ूब!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे सूत्र...शशि जी के बारे में जानना अच्छा लगा...मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंसुरुचिपूर्ण और सामयिक -आभार!
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