शुरुआत करते है बचपन के बाल-गीत
अहा ! बालपन, बहुत निराला |
सीधा – सादा, भोला - भाला ||
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गोल गोल ये बनती जाती
चकले बेलन पर घुमाती
जो अपनी है भूख मिटाती
माँ कहाँ से आई चपाती ??
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चार परिभाषाएं -- (४) जिंदगी की
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सांझ ढले,आसमान से
परिंदों का जाना और तारों का आना अच्छा नहीं लगता गति से स्थिर हो जाना सा अच्छा नहीं लगता.....
अनु..अनुलता राज नायर
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यह तो
वही शहर है
जिसमें गंगा बहती थी |
एक गुलाबी -
गंध हवा के
संग -संग बहती थी ...
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नम हवा फुलवारियों की, खूब भाती है मुझे।
हौसलों के पंख दे, उड़ना सिखाती है मुझे।..
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गर्मी से होने वाली बीमारियों के कुछ मुख्य कारण:-
१.गर्मी के दिनों में खुले शरीर धुप में चलना और भाग-दौड करना,
२.तेज गर्मी में घर से खाली पेट यानि भूखा-प्यासा बाहर जाना,
३.धुप से आकर तुरंत ठण्डा पानी या अन्य ठन्डे पेय का सेवन करना,
४.तेज धुप से आकर सीधे AC कूलर में बैठना या यहाँ से सीधे उठकर धुप में जाना,
५.तेज गर्मी में भी सिंथेटिक वस्त्रों का पहनना,
६.तैलीय,गरिष्ठ,तेज मसाले,बहुत गर्म खाना खाने,अधिक चाय,शराब का सेवन करना,
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रास हमको आ रहे हैं, अब मुखौटे मोम के
कुर्सियों को भा रहे हैं, अब मुखौटे मोम के...
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‘धन की तृष्णा’ दानवी, हाथ में ‘पाप-मशाल’ |
‘आग’ लगाने को चली, बन् कर आयी ‘काल’..
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हरि शर्मा जी का संक्षिप्त परिचय
नाम हरि प्रसाद शर्मा
उम्र : ४७
लिंग: पुरुष
खगोलीय राशि: मीन
उद्योग: बैंक अधिकारी भा.स्टेट बैंक
व्यवसाय: प्रबन्धक
स्थान: सोमेश्वर,जिला अल्मौड़ा (उत्तराखण्ड)भारत
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कुछ पाया ..सब कुछ खोयातुम-तुम हीं रहे ..मैं -मैं न रही...
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अपना घर बना के क्यों सजाते है लोग
यादों के सहारे क्यों जिए जाते है लोग...
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डॉ•ज्योत्स्ना शर्मा
सुन सखी ! कहाँ विश्राम लिखा !
मैंने तो आठों याम लिखा ।
पथ पर कंटक, चलना होगा,
अँधियारों में जलना होगा ।
मन- मरुभूमि सरसाने को
हिमखंडों- सा, गलना होगा ।
शुभ, नव संवत्सर हो सदैव ,
संकल्प यही सत्काम लिखा।।...
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यहाँ नव वर्ष कैसे मनाया जाता है देखिये...
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सुनो!!! यु तनहा रहने का शउर सबको नही आता
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मित्रों! आज मेरी प्रथम चर्चा के लिए शगुन के तौर पर मात्र 21 लिंक ही..
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आगे देखिए "मयंक का कोना"
(3)
--------शशि पुरवार |
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बुधवार, अप्रैल 10, 2013
"साहित्य खजाना" (चर्चा मंच-1210)
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आज भी धनवान है चर्चा मंच, कई सूत्रों को समेटे है |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
शशि पुरवार जी सबसे पहले आपके प्रथम चर्चा मंच के लिए आपको बधाई |अच्छे लिंक्स देने के लिए दुबारा आपको बधाई |
जवाब देंहटाएंशशि पुरवार जी!
जवाब देंहटाएंआपने पहली चर्चा बहुत सुन्दर ढंग से सजाई है।
21 का अंक वाकई मे शुभ होता है,
मयंक का कोना में 4 लिंक मैंने भी जोड़ दिये हैं
और इनकी सूचना सम्बन्धित ब्लॉगों को भी दे दी है।
बहुत-बहुत बधाई के साथ आपका आभार भी व्यक्त करता हूँ!
बहुत अच्छी तरह संजोये हैं सभी लिंक्स...बेहतरीन चर्चा शशि.
जवाब देंहटाएंहमारी रचना को शामिल करने का शुक्रिया..
बस हमारा नाम अधूरा है नायर की जगह नाय है :-)
सस्नेह
अनु
गलती पर ध्यान दिलाने के लिए आपका आभारी हूँ!
जवाब देंहटाएंअब आपका नाम सही कर दिया गया है अनु..अनुलता राज नायर जी!
शशि पुरवार जी!
जवाब देंहटाएंआपके द्वारा पोस्ट किये गये सभी हाइकू बहुत सुन्दर हैं।
tahe dil se abhaar sashtri ji , aapne hamari post ko shamil kiya .
हटाएंचर्चामंच को सजाने के लिये धन्यवाद
हटाएंसुंदर शुरुआत...
जवाब देंहटाएंशशि जी कार्टून को भी चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें स्वीकारें-
शशि पुरवार जी सबसे पहले आपके प्रथम चर्चा के लिए आपको हार्दिक बधाइयाँ.बहुत ही सुन्दर चर्चा ली प्रस्तुतिकरण.आपके पहली चर्चा में मेरा स्वास्थ्य ब्लॉग को भी स्थान मिला,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा ..अच्छे लिंक्स कई पहले से पढ़ी हुई थी ...मेरी
जवाब देंहटाएंरचना शामिल करने के लिए धन्यवाद .....शशि जी ....
मै चर्चा मंच का पुराना फेन हूँ। और अक्सर यहाँ आता रहता हूँ। नए सदस्यों को इस परिवार से जुड़ने पर स्वागत है। हम आशा करते हैं ,की आप पूरी ईमानदारी से चर्चा करते रहेंगे। आज की चर्चा काबिले तारीफ़ है , लेकिन अभी मेहनत की जरुरत है। चर्चा में सुन्दरता का ख़ास ख्याल रखें।
जवाब देंहटाएंबहुत प्रभावी सुंदर लिंकों की प्रस्तुति !!!
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को मंच में स्थान देने लिए आभार
बहुत आभार शशि जी ....इस मान-सम्मान का !
जवाब देंहटाएंसादर नमस्ते,मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार | नज़्म पर आप की सराहना पा कर अभिभूत हूँ दिल से शुक्रिया. सादर वन्दे.
जवाब देंहटाएंआदरणीया शशि पुरवार जी पहली प्रस्तुति ही बेहद सुन्दर है अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने, आपकी मेहनत सफल हुई. आपको इस शानदार प्रस्तुति पर ढेरों बधाई
जवाब देंहटाएंबेहतर लिंक्स
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति
सच बताऊं तो लग नहीं रही कि आप पहली बार चर्चा लगा रही हैं, कोई कमीं नहीं।
ढेर सारी शुभकामनाएँ
शशि पुरवार जी को पहली सुन्दर चर्चा के लिए बधाई..सुन्दर लिंक्स..बहुत रोचक चर्चा...आभार
जवाब देंहटाएंपहली चर्चा बहुत अच्छी से सजाई है...
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुभकामनाएँ!!
बहुत अच्छे लिंक्स संजोये हैं.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा.
शशि जी, बधाई कुशल संयोजन हेतु
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक शानदार आगाज
मुझे सम्मलित करने का आभार
शशि जी आपका चर्चा मंच पर स्वागत है
जवाब देंहटाएंपहली चर्चा के कुशल संजोजन के लिए बधाई स्वीकारें
aap sabhi mitro aur parivaar ke sabhi sadayon ka tahe dil se abhaar manch par apni anmol tipni ke liye . aur dhnyavad .neh hetu , sneh banaye rakhen .
हटाएंशशिजी बहुत ही सुन्दर लिंक्स शामिल किये हैं आपने ...मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार .....
जवाब देंहटाएंशशि जी ! बहुत सुंदर लिंक्स दिए हैं आपने ! आपको व चर्चामंच की समस्त टीम तथा सभी पाठकों को नव वर्ष एवँ गुड़ी पडवा की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंशशि जी का स्वागत करते हैं हम और पहली चर्चा के लिए बधाई !
जवाब देंहटाएंनव-संवत्सर वर्ष के, पूर्व दिवस पर आज
जवाब देंहटाएंआकर्षक शुरुवात की , सूत्र सजीले साज
सूत्र सजीले साज,सकल इक्कीस शगुन से
चुन-चुन लाये रंग , विदा होते फागुन से
नाम हुआ साकार,चँदनियाँ बिखरी नभ पर
करे कामना पूर्ण , सुमंगल नव-संवत्सर ||
नव-संवत्सर वर्ष के, पूर्व दिवस पर आज
जवाब देंहटाएंआकर्षक शुरुवात की , सूत्र सजीले साज
सूत्र सजीले साज,सकल इक्कीस शगुन से
चुन-चुन लाये रंग , विदा होते फागुन से
नाम हुआ साकार,चँदनियाँ बिखरी नभ पर
करे कामना पूर्ण , सुमंगल नव-संवत्सर ||
बहुत सुन्दर सूत्र।
जवाब देंहटाएंप्रिय शशि जी हार्दिक आभार मेरी रचना को शामिल कर मान देने के लिए बहुत सुन्दर बेहतरीन चर्चा लगाईं है बधाई आपको
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