1पूजनीय हो तुम**************
Aditi Poonam
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5नवसंवत्सर शुभ हो
Chaitanyaa Sharma
| 6युगादि के शुभ अवसर पर मंगलकामनाएं!स्मार्ट इंडियन सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉग सूची |
7आने का शुक्रिया
Rajendra Kumar
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8पुरखों की सीख
सुशील बाकलीवाल
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9बैठे ठाले - ३
(पुरुषोत्तम पाण्डेय)
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10mathura shri krishan janmbhoomi मथुरा , श्री कृष्ण जन्म भूमि
MANU PRAKASH TYAGI
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11गर्व के साथ वोट कीजिए, दुनिया को हिन्दी की स्तरीयता से परिचित कराइए...
अर्शिया अली
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12शहर में जिस तरह कर्फ्यू लगा हो............सुरेन्द्र चतुर्वेदी
yashoda agrawal
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SANDEEP PANWAR
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lokendra singh
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15समंदर में सू-सू करने से सुनामी नहीं आती!
Akhileshwar Pandey
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19" हर दंगों में, निर्दोषों की मृत्यु, का फैसला अदालतों को जल्द करना चाहिए " !!!
PD
SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN
and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of
PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh (RAJ.)
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21डायचे-वेले पर फुरसतिया-चिंतन !
संतोष त्रिवेदी
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प्रमोद ताम्बट
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"मयंक का कोना" (1) खाली दिमाग शैतान का घर ! (2) जात कुजात अज़ीज़ की जात कुजात अज़ीज़ की मत पूछों तुम जात देख कबीरा हँस कहा मिली मुझे सौगात (3) रिक्त पात्र लिये वन्दना (4) बाल गीत/ सूरज देखो देखो आया सूरज नया सवेरा लाया सूरज अंधकार का नाश हो गया जग उजियारा लाया सूरज |
....आभार भाई !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा भाई रविकर जी!
जवाब देंहटाएंशीर्षक भी हकीकत से परिपूर्ण है।
आभार आपका!
आभार ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्र संयोजन! मुझे इस अंक में स्थान देने के लिए आपका आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा ..... चैतन्य को शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंरोचक और पठनीय सूत्र
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा भाई रविकर जी!
जवाब देंहटाएंसुन्दर,रोचक और पठनीय लिंकों से सजी आज की सुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंसादर आभार !!
बहुत बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंदेवी भक्तों के नानवेज प्रेम को भी यहां स्थान मिला है।
बहुत बहुत आभार
आदरणीय रविकर सर सादर प्रणाम जय माता दी बहुत ही सुन्दर चर्चा रोचक और बढ़िया पठनीय सूत्र जोड़े हैं हार्दिक आभार आपका. सभी मित्रों को जय माता दी.
जवाब देंहटाएंहे जग जननी आपको, बारम्बार प्रणाम,
जवाब देंहटाएंश्री चरणों की वंदना, में सुबहा हो शाम..
मन से माँ की वंदना, करो ह्रदय से पाठ,
भर भर के आशीष दें, सभी भुजाएं आठ.
माता तेरे भक्त हम, रखना माते ध्यान,
तुझसे ही संसार है, तुझसे ही है ज्ञान...
.................. 'मत्तगयन्द' सवैया ..................
दूर कलेश विकार करो भय नाश करो विनती सुन माता,
मात निवास करो घर में कर जोड़ तुझे यह लाल बुलाता,
ज्योति जली अरु द्वार सजा अति सुन्दर मइया मोरि लगी है,
पुष्प भरे सब थालि लिए इक साथ चले यह प्रीति सगी है ....
सुन्दर प्रस्तुति सामूहिक वाचन और पाठ के लिए .
जात कुजात अज़ीज़ की मत पूछों तुम जात
जवाब देंहटाएंदेख कबीरा हँस कहा मिली मुझे सौगात
बहुत खूब अज़ीज़ साहब .
बहुत खूब .कला दीर्घा में रखने लायक कला कृति .
जवाब देंहटाएंशहर में जिस तरह कर्फ्यू लगा हो............सुरेन्द्र चतुर्वेदी
yashoda agrawal
मेरी धरोहर
अब ये कैसे हो सकता है रविकर चर्चा लाये और मजा न आये .शुक्रिया हमें चर्चा में लाने का ,अपना बनाने का .
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने . आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें नरेन्द्र से नारीन्द्र तक .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1
जवाब देंहटाएंगंभीर व व्यंगात्मक दोनों प्रकार की रचनाएँ हैं |नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनाओं के साथ-
जवाब देंहटाएंझरीं नीम की पत्तियाँ (दोहा-गीतों पर एक काव्य) (ज)स्वर्ण-कीट)(१) मैली चमक
‘सोने के पिंजर’ फँसी, ‘मैना’ हुई गुलाम |
‘बन्दी’ बन कर भोग सुख, ‘दण्ड’ को समझ ‘इनाम’ ||
उम्दा लिंक्स हैं पढ़ने के लिए |
जवाब देंहटाएंआशा
आदरणीय रविकर भाई जी बहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया चर्चा. मुझे इस अंक में स्थान देने के लिए आपका आभार.
जवाब देंहटाएंरविकर sir नमस्कार
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा सजी है आपने
और गुरु जी के मयंक कोने का तो जवाब नहीं
बहुत बढिया चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ओर पठनीय चर्चा ....धन्यवाद सर ,चर्चा-मंच में शामिल करने के लिए...
जवाब देंहटाएंआभार....
बेहद जानदार चर्चा | वाह!!! बहुत बढ़िया | आनंदमय | आभार
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बहुत बढ़िया उम्दा लिंकों से भरपूर सुंदर चर्चा ,आभार रविकर जी
जवाब देंहटाएंRecent Post : अमन के लिए.
बहुत सुंदर ओर पठनीय चर्चा,आपका आभार आदरणीय.
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