आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
रंगों का त्योहार बीत गया है जीवन में रंग भरकर हालांकि चुनाव-परिणाम आने पर फिर रंगों की बौछारें होंगी लेकिन उस समय एक तरफ जीत तो दूसरी तरफ हार होगी जबकि हर तरफ ख़ुशी देने वाली होली का त्यौहार फिर लौटेगा नए रंग लेकर अगले वर्ष |
चलते हैं चर्चा की ओर
आभार
"अद्यतन लिंक"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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खेल खेल में
Akanksha पर Asha Saxena
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कार्टून :-राजनीति में दाग़ अच्छे हैं.
काजल कुमार के कार्टून
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GPRS-EDGE-3G और 4G में क्या अंतर है !
Computer Tips & Tricks पर Faiyaz Ahmad
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लहर दर लहर बहा सके बहा ले अपना घर
ना पानी की है
लहर ना हवा की है
लहर बस लहर है
कहीं किसी चीज की है
कहीं से कहीं के लिये चल रही है...
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
--
यह भी तो ज़रूरी है न !
स्पंदन SPANDAN पर shikha varshney
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लहर दर लहर बहा सके बहा ले अपना घर
ना पानी की है
लहर ना हवा की है
लहर बस लहर है
कहीं किसी चीज की है
कहीं से कहीं के लिये चल रही है...
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
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यह भी तो ज़रूरी है न !
स्पंदन SPANDAN पर shikha varshney
बड़े ही सुन्दर सूत्र, होली की प्रतीक्षा रहेगी।
जवाब देंहटाएंThanks a lot, Shri Dilbag Virk sahab.
जवाब देंहटाएंunlimited-potential
जवाब देंहटाएंसुंदर लिक्स
आभार
बढ़िया प्रस्तुति व सूत्र संकलन , विर्क साहब व मंच को धन्यवाद
जवाब देंहटाएं॥ जय श्री हरि: ॥
बहुत बढ़िया सूत्र संकलन ...दिलबाग जी बधाई ..मेरी रचना को शामिल करने के लिया हार्दिक आभार .
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक संकलन |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |
जवाब देंहटाएंआज की चहकती महकती चर्चा का जवाब नही।
जवाब देंहटाएंभाई दिलबाग विर्क जी आपका आभार।
सुन्दर, व्यवस्थित सूत्र . आभार .
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा सुंदर सूत्र दिलबाग । आभार उलूक का भी "लहर दर लहर बहा सके बहा ले अपना घर " को जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा सूत्र...मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति चर्चा मंच की श्रेष्ठ सेतु चयन एवं हमें भी पनाह दी शुक्रिया आपका तहे दिल से।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंनशा मत छानो
अतिसुन्दर भाव संयोजन ,अर्थच्छटा शानदार रचना।
बढ़िया शब्द चित्र होली का।
जवाब देंहटाएंनशा मत छानो
अच्छी है रचना ,बिम्ब भी आज का अभी का है।
जवाब देंहटाएंलहर दर लहर बहा सके बहा ले अपना घर
ना पानी की है
लहर ना हवा की है
लहर बस लहर है
कहीं किसी चीज की है
कहीं से कहीं के लिये चल रही है...
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी