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Sunday, March 16, 2014

"रंगों के पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा मंच-1553)

सभी पाठकों और ब्लॉगरों को
रंगों के पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
देखिए मेरी पसंद के कुछ लिंक
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अबकी होरी ....(हाइकु ) 

प्रेम की बोली , 
रंग रंगीली होली 
चन्दन रोली...
anupama's sukrity पर Anupama Tripathi 
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खेलें होली 

मस्त मस्त नाचे अलबेली 
रंगरेजों की आई टोली...
तितली पर vandana 
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नहि कर बरजोड़ी 

ओ बांके छोरे तू, छोड़ मोरी बहियाँ 
नहि कर बरजोड़ी, नहि गलबहियाँ 
पिया नहि पास मोहे, कैसे खेलूँ होरी...
हालात-ए-बयाँ पर अभिषेक कुमार अभी
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“मिष्ठान नही हम खाते हैं” 
1806mawa248 
मधुमेह हुआ जबसे हमको, 
मिष्ठान नही हम खाते हैं।
बरफी-लड्डू के चित्र देखकर,
अपने मन को बहलाते हैं...

उच्चारण
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प्रेम रंग 

*सुनो !* 
*होली आने वाली है * 
*और * 
*तुमने पूछा है मुझसे * 
*मेरा प्रिय रंग * 
*चाहते हो रंगना मुझे...
बावरा मन पर सु..मन(Suman Kapoor)
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जियूंगी मैं... 
लिखूंगी मैं... 
मुझे दुनियाभर में तलाशते हुए 
जब थक जाओ तुम 
तब शांति से बैठकर 
मन के कोने में यादों के दरवाजों से कदम रखना 
मैं वहीं मिलूंगी 
एक नई कविता गुनगुनाते हुए 
या लिखते हुए 
और हां तब भी 
यकीनन कविता का विषय तुम ही रहोगे...
swatikisoch पर swati jain 
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"खेतों में शहतूत लगाओ" 
आँगन-बगिया में उपजाओ।
खेतों में शहतूत लगाओ।।
हँसता गाता बचपन
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होली 

होली का पर्व है अलबेला है मस्ती भरा!! 
जब भी आती है ये मनभावन होली 
आता है याद गाँव का कीचड़, 
साथ में गोबर, मिट्टी राख़ भी ... 
जिंदगी की राहें पर 
Mukesh Kumar Sinha 
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----- ॥ दोहा-पद॥ ----- 
*जँह सुमिरन मैं हो मगन, भजमन भगवन नाम । * 
*भाब भगति में हो लगन, तँह धन के काम ।
NEET-NEET पर Neetu Singhal 
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Junbishen 159 
रूबाइयाँ हर सम्त सुनो बस कि सियासत के बोल, 
फुटते ही नहीं मुंह से सदाक़त के बोल...
Junbishen पर Munkir -
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एक गीत : 
छेड़ गईं फागुनी हवाएं..... 
छेड़ गईं फागुनी हवाएँ 
रंग चलो प्यार का लगाएँ 
आई है कान्हा की टोली 
राधा संग खेलन को होरी...
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक
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सिखाया अनुभवों ने—  
मेरे यार तुम एतबार बच्चों पर न करो 
उनको जीवन पथ पर चलाने हेतू 
तुम सच्चे मार्गदर्शक व सचेतक जरूर बनो ...
पथिकअनजाना आपका ब्लॉग
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दूरी 

Love पर Rewa tibrewal 

होली पर दुनिया गुझिया बना रही है और हम यह -
सुनिये.... सुनिये..... ज़रा 
अपने देश से होली की फुआरें आ रही थीं 

कभी फेसबुक पे तो कभी व्हाट्स एप पे 
गुझियायें परोसी जा रही थीं 
कुछों ने तो फ़ोन तक पे जलाया था 
और आज कहाँ कहाँ क्या क्या बना
सबका बायो डाटा सुनाया था... 
स्पंदन  पर shikha varshney 

13 comments:

  1. विविध रंगों से सजी आज की चर्चा , बढ़िया सूत्र व प्रस्तुति , आदरणीय शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद
    ॥ जय श्री हरि: ॥

    ReplyDelete
  2. सुप्रभात
    आज होली पर चर्चामंच के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभ कामनाएं |
    उम्दा लिंक्स से सजा, आज का चर्चा मंच |
    होली के रंग में रंगा, चढ़ा न दूजा रंग ||
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    ReplyDelete
  3. सुप्रभात ...सभी को होली की शुभकामनायें .....हृदय से आभार शास्त्री जी होली के अवसर पर सुंदर लिंक्स के साथ आपने मेरे हाइकु को भी स्थान दिया ....!!

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  4. रंगों से सराबोर होली की शुभकामनायें...

    ReplyDelete
  5. रंग बरसाती रंगीन होलीमय चर्चा में उलूक की होली की उड़ान को शामिल करने पर आभार ।

    ReplyDelete
  6. रोचक व पठनीय सूत्र। होली की ढेरों शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  7. बेहतरीन चर्चा....
    हमारे आलेख को चर्चा मंच में स्थान देने का शुक्रिया.
    आपको और आपके परिवार को होली की ढेरों शुभकामनाएं.

    सादर
    अनु

    ReplyDelete
  8. बहुत सुन्दर और रंगीन चर्चा...होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  9. बहुत ही सुन्दर होलीमय चर्चा, होली की हार्दिक शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  10. सार्थक, सुन्दर व पठनीय सूत्रों से सुसज्जित रंगबिरंगा चर्चामंच ! सभी पाठकों को रंग पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !

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  11. सुंदर सार्थक सूत्र ...!
    चर्चामंच परिवार को रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाए ....
    RECENT पोस्ट - रंग रंगीली होली आई.

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  12. सुंदर चर्चा.
    होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !

    ReplyDelete

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