हम भी शीशे में उतरना जानते
हैं
कौन रोकेगा भला उनकी उड़ानें
वो सभी के पर कतरना जानते
हैं
खैंचते रहिए लकीरें जा-ब-जा
हम किसी हद से गुजरना जानते
हैं
इसलिए लम्बे सफ़र पे चल सके
आप चल-चलकर ठहरना जानते हैं
खूब वादों के पिटारे खोलिए
आप वादों से मुकरना जानते
हैं
गैर मुमकिन है समेटे जा
सकें
टूटने वाले बिखरना जानते
हैं
(साभार : देवेन्द्र गौतम)
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मैं, राजीव कुमार झा,
चर्चामंच : चर्चा अंक : 1538 में, कुछ चुनिंदा लिंक्स के साथ, आप सबों का स्वागत करता हूँ. --
एक नजर डालें इन चुनिंदा लिंकों पर...
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अरूण देव
'मिलकर वे दोनों प्राणी
दे रहें खेत में पानी'. (त्रिलोचन)
जैसी प्रेम, दाम्पत्य और वासंती बयार की अनगिन अभिव्यक्तियाँ कविता में बिखरी पड़ी है. नवगीत की एक मजबूत धारा हिंदी में रही है. ऋतुओं और रोमांस की संधि बेला में खिले ऐसे ही मनोहर पुष्पों को संजो कर यह लेख तैयार किया गया है.
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तुमने मुझे आखिरी चिठ्ठी कब लिखी थी? क्या कहा, सुसाईड लेटर? बेईमान कहीं के...उसमें तो सबका नाम था...तुम्हारी मां का, बहन का, एक आध पुरानी प्रेमिकाओं का भी कि तुम शादी का वादा नहीं निभा पाये |
माधवी शर्मा गुलेरी
जैसे चींटियां लौटती हैं बिलों में
कठफोड़वा लौटता है
काठ के पास
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नीरज कुमार नीर
आँख धरती की भरी होने लगी
बादलों को तिश्नगी होने लगी.
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१)स्ट्राबेरीज में मौज़ूद रहता है एक पिगमेंट (रंजक )एंथोसायनिंस (anthocyanins ).बहुत उपयोगी साबित होता है यह रंजक एलडीएल कोलेस्टेरोल (दिल के मुफीद न आने वाला बैड कोलेस्टेरोल ),ट्राइग्लिसराइड्स को असरदार तरीके से कम करने में।
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Reenu Talwar
तुमसे बात करता हूँ मैं शहरों के पार
मैदानों के पार तुमसे बात करता हूँ मैं
मेरे होंठ तुम्हारे तकिये पर हैं
दीवार की दोनों सतहें किये हुए हैं अपना मुख
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दार्जिलिंग में सुबह सवेरे जब हम टाइगर हिल पर पहुंचे तो वहां पर हमें कंचनजंगा का नजारा तो देखने को नही मिला पर और कई रोचक बाते देखने को मिली जैसे सुबह के 4 बजे जब हम टाइगर हिल जा रहे थे तो रास्ते में कई जगह औरते मिली जो कि गाडियो को हाथ भी दे देती थी । |
इंद्रियों का फैलता जाल
भीतर तक चीरता |
मीनाक्षी मिश्रा तिवारी
सब कुछ साबुत जब दिखता है ऊपर से ,
बहुत कुछ टूटा होता है अन्दर !! |
The old man
on the seashore
fathoming
the depth of life.
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बहुत कनफ्यूजन होता है शिव जब कोई तीसरी आँख की बात करता है
सुशील कुमार जोशी
कितनी कथाऐं
कितनी कहाँनियाँ शिव सुनी थी तेरे बारे में |
जिनको माँ घर में बोझ लगे, वे नाकारा क्या समझेंगे !
पशुओं कि तरह मारे फिरते, वे आवारा क्या समझेंगे ! |
अज़मे सफ़र सरों पे उठाना है दूर तक
ले ज़िन्दगी को साथ में जाना है दूर तक
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मिश्रा राहुल
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विभा रानी श्रीवास्तव
चक्की जोहती
खनकती चूड़ियाँ
दाल दरती ।
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कितने दिलकश होते हैं वो
उडी नींदों भरी रातें और बेचैनी भरे रंगीले दिन नजरो से नजरो की मुलाकातों भरे नशीले दिन खामोशियों में भी बेइंतहा बातों भरे सजीले दिन |
पारूल चंद्रा
और बाद में पति का कहा सुनती
क्या खुद की कभी सुन पाई है?
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ज्योति-कलश
आवाजाही जारी है ,
फिर हंगामा तारी है ।
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संदेह के बादलों से
भय की हो रही है बारिश चू रही है छत सील रहा है सब कुछ |
"मनुजता की चूनरी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
ज़िन्दगी हमारे लिए
आज भार हो गई!
मनुजता की चूनरी तो
तार-तार हो गई!!
धन्यवाद !
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') ये मेरी मज़बूरी है ये मेरी मज़बूरी है तुझे प्यार करना चाहे सबब मिले हमें इंतज़ार करना हालात-ए-बयाँ पर अभिषेक कुमार अभी आपकी मनोकामना पूरी होगी, ऐसा हमारा वरदान है Blog News पर DR. ANWER JAMAL " थाली के बेंगन " लुढ़कने को तैयार हैं , बस टिकेट और मंत्री की कुर्सी देदो !! - पीताम्बर दत्त शर्मा ( विश्लेषक ) 5TH Pillar Corruption Killer पर PITAMBER DUTT SHARMA पुराना स्कूल कितनों को बनाकर खुद टूट सा गया.....हर बार ये ख्याल मेरे जेहन मे आता जब भी मैं टूटे खंडहर मे रूककर अपने स्कूल के गेट को निहारता हूँ....खुद पर लाल रंग की परत ओढ़े....कराह रहा.... खामोशियाँ...!!! पर Misra Raahul संदीप पवाँर की जीवनी-फ़रवरी २०१४ मार्च माह में आने वाले मुख्य त्यौहार व अवकाश निम्न है। 17 होली 18 रंगों की होली (दुल्हेन्ड़ी) 31 हिन्दी व तमिल नव वर्ष जाट देवता का सफर/journey बदले जो न ढंग.( दोहे ) हाथ गुलाल लिए खड़े,मोहन बहुत उदास , राधा पहुँची डेट पर, और किसी के साथ... काव्यान्जलि पर धीरेन्द्र सिंह भदौरिया वह दौर यह दौर मंजु मिश्रा (माँ-बाप की तरफ से कुछ शब्द अपने बड़े हो गए बच्चों के लिए आजकल घर-घर में ये फिकरे आम हो गए हैं- "you don't know mom/dad or you won't understand it"- बस उसी अनुभव से उपजी यह कविता ) हमें नादाँ समझते हो, और ये भूल बैठे हो हमीं ने उँगलियाँ थामीं तो तुमने चलना सीखा है सहज साहित्य पर सहज साहित्य "ग़ज़ल-नदी का काम है बहना"
बहुत मज़बूत बन्धन है, इसे कमजोर मत कहना
बँधी जो प्यार की डोरी, बहुत अनमोल वो गहना
रिवाज़ों और रस्मों की, यहाँ परवाह है किसको
भले अवरोध कितने हों, नदी का काम है बहना...
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सुप्रभात।
जवाब देंहटाएंआपका दिन मंगलमय हो।
शनिदेव सबकी रक्षा करें।
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बहुत सुन्दर चर्चा।
आभार आदरणीय राजीव कुमार झा जी।
सुन्दर पठनीय लिंकों के चयन के साथ सार्थक प्रस्तुतिकरण,आभार राजीव कुमार जी।
जवाब देंहटाएंसबसे पहले बहुत बहुत बधाई श्री राजीव जी और श्री डॉ मयंक जी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही छानबीन के साथ आपने दोनों ने हर क्षेत्र के लिंक्स उठाये हैं और लाज़वाब जानकारियाँ प्रस्तुत किया है।
लिंक्स में मेरी ग़ज़ल को स्थान देने के लिए हार्दिक आभारी हूँ।
सादर
आज की सजी हुई सुंदर चर्चा में उल्लूक के सूत्र " बहुत कनफ्यूजन होता है शिव जब कोई तीसरी आँख की बात करता है" को स्थान दिया । आभार ।
जवाब देंहटाएंbhayi saahib roop ji , saadar namaskaar !! aapka aashirwaad mujhe milta hi rahta hai . dhanywaad meri rachna shaamil karne heto . baaki ke mitron ne bhi sundar likha hai jise padh kar mera gyaan vardhan hua hai . charchaa manch kee kaamyabi isi tarah badhti jaaye yahi meri manokaamna hai !!
जवाब देंहटाएंआपका क्या कहना है साथियो !! अपने विचारों से तो हमें भी अवगत करवाओ !! ज़रा खुलकर बताने का कष्ट करें !! नए बने मित्रों का हार्दिक स्वागत-अभिनन्दन स्वीकार करें !
जिन मित्रों का आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयाँ !!"इन्टरनेट सोशियल मीडिया ब्लॉग प्रेस "
" फिफ्थ पिल्लर - कारप्शन किल्लर "
की तरफ से आप सब पाठक मित्रों को आज के दिन की
हार्दिक बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं
ये दिन आप सब के लिए भरपूर सफलताओं के अवसर लेकर आये , आपका जीवन सभी प्रकार की खुशियों से महक जाए " !!
जो अभी तलक मेरे मित्र नहीं बन पाये हैं , कृपया वो जल्दी से अपनी फ्रेंड-रिक्वेस्ट भेजें , क्योंकि मेरी आई डी तो ब्लाक रहती है ! आप सबका मेरे ब्लॉग "5th pillar corruption killer " व इसी नाम से चल रहे पेज , गूगल+ और मेरी फेसबुक वाल पर हार्दिक स्वागत है !!
आप सब जो मेरे और मेरे मित्रों द्वारा , सम - सामयिक विषयों पर लिखे लेख , टिप्प्णियों ,कार्टूनो और आकर्षक , ज्ञानवर्धक व लुभावने समाचार पढ़ते हो , उन पर अपने अनमोल कॉमेंट्स और लाईक देते हो या मेरी पोस्ट को अपने मित्रों संग बांटने हेतु उसे शेयर करते हो , उसका मैं आप सबका बहुत आभारी हूँ !
आशा है आपका प्यार मुझे इसी तरह से मिलता रहेगा !!आपका क्या कहना है मित्रो ??अपने विचार अवश्य हमारे ब्लॉग पर लिखियेगा !!
सधन्यवाद !!
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मेरा मोबाईल नंबर ये है :- 09414657511. 01509-222768. धन्यवाद !!
आपका प्रिय मित्र ,
पीताम्बर दत्त शर्मा,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
R.C.P. रोड, सूरतगढ़ !
जिला-श्री गंगानगर।
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Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh (RAJ.)
बहुत ही श्रम से संजोयी हुई सूत्रों का संकलन ... आपकी मेहनत की खुशबू हम तक पहुच रही है .. आपका सादर आभार भाई राजीव जी.
जवाब देंहटाएंबड़े ही सुन्दर और पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा...सुन्दर और पठनीय लिंक्स संयोजन...इन्हें प्रस्तुत करने का अंदाज़ बहुत अच्छा लगा... मेरी रचना के चयन के लिए आपका बहुत-बहुत आभार..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा...सुन्दर और पठनीय लिंक्स संयोजन...
जवाब देंहटाएंमेरी रचना के चयन के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद ..
बहुत अच्छे लिंक्स ...मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार :-)
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति राजीव भाई , धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआइये जानते है बुनियादी इन्टरनेट शब्दावली ~ [ Let us Know Basic Internet Terminology ]
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ...शुभ कामनाएं ..हृदय से आभार !!!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा, आप का शुक्रिया.
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