प्रिय पाठक गण !!
१७-लिंकों से सजी कुंडलियां चर्चा
आज आपको लेखक/कवि के नाम
और उनके ब्लॉग का नाम भी बताना है --
प्रवासी रविकर
और उनके ब्लॉग का नाम भी बताना है --
प्रवासी रविकर
हर हर हर मोदी लहर, बायाँ दायाँ पक्ष ।
समाचार आरोग्य, करे यह चर्चा रविकर ।
खले खोखले खाद्य, हुई सठियाई दुपहर ॥
--
अब देखिए कुछ अन्य लिंक
(1)
जहां अन्यों के साथ ऐसा नहीं होता
वहाँ भी गुस्सैल लोगों को
लाल रंग की प्रतीति होती है
लाल रंग ही नज़र आता है ...
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
(2)
"विद्यालय लगता है प्यारा"
विद्या का भण्डार भरा है जिसमें सारा।
मुझको अपना विद्यालय लगता है प्यारा।।
(3)
चर्चित की मानो
नशा मत ही छानो......
Vishaal Charchchit
(4)
धतूरे की टोकरी...
उन्नयन पर udaya veer singh
(5)
लिख ग़ज़ल हैं रहे
हालात-ए-बयाँ पर अभिषेक कुमार अभी
(6)
बैंगलोर के लाल बाग़ की लाली
और हरियाली दोनो देखने लायक हैं ---
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल
(7)
देश अपना है शरम छोड़
"उलूक"
कोई हर्ज नहीं हाथ आजमाने में
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जो
(8)
मृत्यु
जिंदगी की राहें पर Mukesh Kumar Sinha
(9)
दास्ताँ ...
प्रेम राधा ने किया, कृष्ण ने भी ...
मीरा ने भी, हीर और लैला ने भी ...
पात्र बदल्ते रहे समय के साथ प्रेम नहीं .....
स्वप्न मेरे... पर Digamber Naswa
(10)
रंगों का इंद्रधनुष
बेचैन आत्मा पर देवेन्द्र पाण्डेय
(11)
कहीं हम भी सठिया तो नहीं रहे हैं?
आप लोग न जाने किस किस से डरते होंगे लेकिन मुझे तो अब स्वयं से ही डर लगने लगा है। हँसिये मत और ना ही आश्चर्य प्रकट कीजिए, बड़े-बूढ़ों ने कहावत ऐसे ही नहीं बनायी थी - साठ साल में सठिया गया है बुढ्ढा। साठ साल पूरा होते ही मन बेचैन रहने लगा है, अपनी हर बात पर शंका होने लगी है कि ये सठियाने के लक्षण तो नहीं है? ...
अजित गुप्ता का कोना पर
smt. Ajit Gupta
(12)
एक बूँद मीठे जल की
Akanksha पर Asha Saxena
(13)
पंछी बावरा
Sudhinama पर sadhana vaid
(14)
ग़ज़ल.....कि आज होली है ....
(15)
रोंपा एक नया अफसाना
एक थी सोन चिरैया ....पर
Vandana KL Grover
(16)
"माँ शब्द सरल भर दो"
--
अब देखिए कुछ अन्य लिंक
(1)
जहां अन्यों के साथ ऐसा नहीं होता
वहाँ भी गुस्सैल लोगों को
लाल रंग की प्रतीति होती है
लाल रंग ही नज़र आता है ...
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
(2)
"विद्यालय लगता है प्यारा"
विद्या का भण्डार भरा है जिसमें सारा।
मुझको अपना विद्यालय लगता है प्यारा।।
(3)
चर्चित की मानो
नशा मत ही छानो......
Vishaal Charchchit
(4)
धतूरे की टोकरी...
उन्नयन पर udaya veer singh
(5)
लिख ग़ज़ल हैं रहे
हालात-ए-बयाँ पर अभिषेक कुमार अभी
(6)
बैंगलोर के लाल बाग़ की लाली
और हरियाली दोनो देखने लायक हैं ---
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल
(7)
देश अपना है शरम छोड़
"उलूक"
कोई हर्ज नहीं हाथ आजमाने में
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जो
(8)
मृत्यु
जिंदगी की राहें पर Mukesh Kumar Sinha
(9)
दास्ताँ ...
प्रेम राधा ने किया, कृष्ण ने भी ...
मीरा ने भी, हीर और लैला ने भी ...
पात्र बदल्ते रहे समय के साथ प्रेम नहीं .....
स्वप्न मेरे... पर Digamber Naswa
(10)
रंगों का इंद्रधनुष
बेचैन आत्मा पर देवेन्द्र पाण्डेय
(11)
कहीं हम भी सठिया तो नहीं रहे हैं?
आप लोग न जाने किस किस से डरते होंगे लेकिन मुझे तो अब स्वयं से ही डर लगने लगा है। हँसिये मत और ना ही आश्चर्य प्रकट कीजिए, बड़े-बूढ़ों ने कहावत ऐसे ही नहीं बनायी थी - साठ साल में सठिया गया है बुढ्ढा। साठ साल पूरा होते ही मन बेचैन रहने लगा है, अपनी हर बात पर शंका होने लगी है कि ये सठियाने के लक्षण तो नहीं है? ...
अजित गुप्ता का कोना पर
smt. Ajit Gupta
(12)
एक बूँद मीठे जल की
Akanksha पर Asha Saxena
(13)
पंछी बावरा
Sudhinama पर sadhana vaid
(14)
ग़ज़ल.....कि आज होली है ....
बहारों की लहर डोली कि आज होली है ।
रंग उडाती घूमे टोली कि आज होली है ।
रंग बिखराए थे सब और ही फिजाओं ने,
फगुनाई पवन बोली कि आज होली है ।
डा श्याम गुप्त ...सृजन मंच ऑनलाइन(15)
रोंपा एक नया अफसाना
एक थी सोन चिरैया ....पर
Vandana KL Grover
(16)
"माँ शब्द सरल भर दो"
माँ मेरी रचना में, कुछ शब्द सरल भर दो।
गीतों के सागर से, सब दूर गरल कर दो।।
दिन-रात तपस्या कर, मैंने पूजा तुमको,
जीवन भर का मेरा, संधान सफल कर दो...
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंहोली का रंग अभी बरकरार है सूत्रों में |
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
आशा
पेश है रविकर जी आपके प्रश्न का उत्तर
जवाब देंहटाएंनम्बर देना अब हमें साठ में से जरूर सत्तर
हर हर सरिता की हर मोदी लहर मिश्रा जी की , बायाँ दायाँ पक्ष इंदू कालखण्डे बनाई।
बाबा की ऐनक अजब नित्या शेफाली दिखाई , जली होलिका दक्ष श्याम जी की।
जली होलिका रोहितश दक्ष की, बचा प्रह्लाद अंजाना हमारा ।
हुदहुद मनोज दिखाये अभयारण्य संदीप बताये , बूँद मीठी आशा ने दी मनु-धारा गीता ने पी।
समाचार आरोग्य वीरू का , करे यह रविकर चर्चा रविकर की।
खले खोखले खाद्य अमित का , हुई सठियाई अजित का दुपहर अदिति पूनम की ॥
साथ में उलूक के सूत्र :
देश अपना है शरम छोड़
"उलूक"
कोई हर्ज नहीं हाथ आजमाने में
को बुधवारीय चर्चा में
स्थान देने पर आभार ।
vaah vaah vaah-- aabhaar bhaii-puure 100 marks
हटाएंबेहतरीन लिंक्स संयोजन एवं प्रस्तुति ....आभार
जवाब देंहटाएंआपकी छंद चर्चा का जवाब नहीं ...
जवाब देंहटाएंआभार मुझे भी जगह देने का ...
बढ़िया सूत्र व प्रस्तुति , मंच को धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनया प्रकाशन -: बुद्धिवर्धक कहानियाँ - ( ~ अतिथि-यज्ञ ~ ) - { Inspiring stories part - 2 }
सुंदर लिंक्स
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट का लिंक नहीं दिखा?
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट का लिंक नहीं दिखा?
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट का लिंक कही नहीं दिखा महोदय....
जवाब देंहटाएंअदिति आपने मेरा उत्तर नहीं पढ़ा जो मैंने रविकर जी के प्रश्न का दिया वहीं पर छिपा है आपका लिंक :) देखिये तो जरा ।
हटाएंलाजबाब लिंकों सुंदर कुण्डली ...!बधाई ,रविकर जी ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT पोस्ट - रंग रंगीली होली आई.
शानदार चर्चा जानदार सेतु शुक्रिया हमें बिठाने का।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबहुत खूब रविकर जी
हर हर हर मोदी लहर, बायाँ दायाँ पक्ष ।
बाबा की ऐनक अजब, जली होलिका दक्ष ।
जली होलिका दक्ष, बचा प्रह्लाद हमारा ।
हुदहुद अभयारण्य, बूँद मीठी मनु-धारा ।
समाचार आरोग्य, करे यह चर्चा रविकर ।
खले खोखले खाद्य, हुई सठियाई दुपहर ॥
मोदी लहर
जवाब देंहटाएंमोदी लहर है एक अफवाह
हिटलर के कुत्तों की वाह वाह
उठेगी बनारस से जो चिंगारी
खाक करदेगी नगपुरिया मक्कारी
सिखलायेगी सबक इनको काशी
बनेगी जो मोदियापे की सत्यानाशी
नमो नमो स्वाहा, संघी जहालत स्वाहा
अंबानी की दलाली स्वाहा
अदानी की दीवानगी स्वाहा
टाटा की सेवा स्वाहा
काली टोपी स्वाहा
खाकी निक्कर स्वाहा
(ईमिः17.03.2014)
POSTED BY ISH MISHRA AT 10:24 AM
हसीं खाब है एक दीवाने का
मोदी को धकियाने का।
पग पग ठोकर खाने का।
खुद को ही ठगियाने का
सुन्दर सूत्रों से सजी रोचक चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंचर्चा में नया प्रयोग।
जवाब देंहटाएंलोग तो अपने लिंक ढूँढते ही रह गये।
जबकि कुण्डलिया उन सभी लोगों के लिंक समाहित हैं
जिनको सूचना दी थी रविकर जी ने।
--
आभार रविकर जी।