जाय लटक सरकार, चुनावी शंख-नाद हो |-
माते मत वाले मगर, नेता नातेदार |
मारे मिलकर मछलियाँ, जाय लटक सरकार |
जाय लटक सरकार, चुनावी शंख-नाद हो |
बाँध जमुन-जलधार, कालिया से विवाद हो |
लौट द्वारिका जाय, जरासँध जरा सताते |
'आप' इधर बलखाय, जोर रविकर अजमाते ||
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Ten Reasons why one should not vote for Congress Party Lok Sabha Elections 2014
SM
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Bamboo flower ,Shillong meghalaya ,बांस के फूल,शिलांग , मेघालय
Manu Tyagi
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राखी सावंत के बाद मीका भी?
IRFAN
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मित्रों तीन दिनों के प्रवास पर
देहरादून जा रहा हूँ।
कल से "अद्यतन लिंक"
हमारे सहयोगी
आदरणीय रविकर या
भाई दिलबाग विर्क जी लगा ही देंगे।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
--
जांच के आदेश .....
Mera avyakta पर राम किशोर उपाध्याय
--
''कोहरा सूरज धूप'' लोकार्पित
Voice of Silent Majority पर Brijesh Neeraj
--
आपका ब्लॉग
पुरूष की मूंछ----
रहम मेरे खुदा अब तो पुरूष की मूंछ खो गई
ज्यों संख्या मूंछहीन पुरूषों की बढती जाती हैं...
पथिक अनजाना
--
अफगान में मिला महाभारतकालीन विमान !
५,००० साल पुराना अभी तक हम धर्म ग्रंथों में ही पढ़ते रहें हैं कि
रामायणकाल और महाभारत काल में विमान होते थे
वीरेन्द्र कुमार शर्मा
--
रह गया है परिंदा तो...
पर तो सय्याद ने सब दिये हैं कतर
रह गया है परिन्दा तो अब नाम भर..
डॉ. हीरालाल प्रजापति
--
तेरी कहाँनी का होगा ये फैसला
नही था कुछ पता
इधर भी और उधर भी
उल्लूक टाईम्स पर सुशील कुमार जोशी
--
हम की महती भावना, मानव की पहचान
मैं मैं मैं करते रहे, रखकर अहमी क्षोभ
स्वार्थ सिद्धि की कामना , भरती मन में लोभ
भरती मन में लोभ, शोध कर लीजे मन का
मिले ज्ञान सा रत्न, मान कर लें इस धन का ...
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर मधु
--
लम्हा-लम्हा झरती तुम्हारी याद .…
सुनो, वो जो धनिया के बीज बोये थे न, जिनके उगने का कबसे इंतज़ार था, वो उग आये हैं. इस बार घर लौटा हूँ तो वो मुस्कुराते हुए मिले, जाने क्यों उन्हें मुस्कुराते हुए देख तुम्हारी मुस्कुराहट याद आयी....
प्रतिभा की दुनिया ...पर Pratibha Katiyar
--
बड़े अच्छे लगते हो---
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राजस्थान के बाल साहित्य लेखक :
डॉ. नीरज दइया
बाल साहित्य लेखक पर डॉ. नागेश पांडेय संजय -
देहरादून जा रहा हूँ।
कल से "अद्यतन लिंक"
हमारे सहयोगी
आदरणीय रविकर या
भाई दिलबाग विर्क जी लगा ही देंगे।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
--
जांच के आदेश .....
Mera avyakta पर राम किशोर उपाध्याय
--
''कोहरा सूरज धूप'' लोकार्पित
Voice of Silent Majority पर Brijesh Neeraj
--
आपका ब्लॉग
पुरूष की मूंछ----
रहम मेरे खुदा अब तो पुरूष की मूंछ खो गई
ज्यों संख्या मूंछहीन पुरूषों की बढती जाती हैं...
पथिक अनजाना
--
अफगान में मिला महाभारतकालीन विमान !
५,००० साल पुराना अभी तक हम धर्म ग्रंथों में ही पढ़ते रहें हैं कि
रामायणकाल और महाभारत काल में विमान होते थे
वीरेन्द्र कुमार शर्मा
--
रह गया है परिंदा तो...
पर तो सय्याद ने सब दिये हैं कतर
रह गया है परिन्दा तो अब नाम भर..
डॉ. हीरालाल प्रजापति
--
तेरी कहाँनी का होगा ये फैसला
नही था कुछ पता
इधर भी और उधर भी
उल्लूक टाईम्स पर सुशील कुमार जोशी
--
हम की महती भावना, मानव की पहचान
मैं मैं मैं करते रहे, रखकर अहमी क्षोभ
स्वार्थ सिद्धि की कामना , भरती मन में लोभ
भरती मन में लोभ, शोध कर लीजे मन का
मिले ज्ञान सा रत्न, मान कर लें इस धन का ...
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर मधु
--
लम्हा-लम्हा झरती तुम्हारी याद .…
सुनो, वो जो धनिया के बीज बोये थे न, जिनके उगने का कबसे इंतज़ार था, वो उग आये हैं. इस बार घर लौटा हूँ तो वो मुस्कुराते हुए मिले, जाने क्यों उन्हें मुस्कुराते हुए देख तुम्हारी मुस्कुराहट याद आयी....
प्रतिभा की दुनिया ...पर Pratibha Katiyar
--
बड़े अच्छे लगते हो---
न जाने क्यों तरसते हो
रह-रह कर मचलते हो
कभी कटु कभी मृदु
कौतूहल से भरपूर सत्य ---तुम---
बड़े अच्छे लगते हो---
Tere bin पर Dr.NISHA MAHARANA --
राजस्थान के बाल साहित्य लेखक :
डॉ. नीरज दइया
बाल साहित्य लेखक पर डॉ. नागेश पांडेय संजय -
सुप्रभात, बेहतरीन सार्थक पठनीय लिंकों के चयन के साथ बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतिकरण,आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंचर्चा हमेशा ही सुंदर होती है । आज भी है । उल्लूक भी है । उसका सूत्र "तेरी कहाँनी का होगा ये फैसला
जवाब देंहटाएंनही था कुछ पता इधर भी और उधर भी" भी है । आभार भी है ।
सुंदर चर्चा..आभार रविकर जी
जवाब देंहटाएंबढ़िया सूत्र व प्रस्तुति , आ० रविकर सर व मंच को धन्यवाद
जवाब देंहटाएं॥ जय श्री हरि: ॥
bahut sundar thanks nd aabhar ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंसाथियों 3 दिन के लिए बाहर जा रहा हूँ।
चर्चा मंच आपके हवाले है।
आभार।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमेरी कविता के चर्चामंच में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार रविकर जी ....
जवाब देंहटाएंआदरणीय बेहतरीन लिंकों के चयन के साथ बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंमेरी ग़ज़ल '' रह गया है परिंदा तो................'' को शामिल करने का धन्यवाद ! मयंक जी !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर है आज की चर्चा! मुझे स्थान तथा मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार!
जवाब देंहटाएंबड़े ही रोचक और सुन्दर सूत्र।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र, सुन्दर चर्चा...मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएं