उस शहर की जिंदगी हंसने लगी
हाथ तो अपने शिखर से भी परे
पर धरा ही पांव की,धंसने
लगी
सांप में जब से जगी संवेदना
आस्तीनें ही हमें डंसने लगी
कौन देगा ऋण,ग्रहण के नाम
पर
चांदनी जब चाँद को,ग्रसने लगी
एक शव अर्थी से चिल्लाता
रहा
खोल दो ये डोरियाँ,कसने लगी
जिंदगी तो है खफ़ा,मुझसे ‘महेश’
मौत के भी काम में, टसने लगी
(साभार : महेश सोनी)
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मैं, राजीव कुमार झा,
चर्चामंच : चर्चा अंक : 1559 में, कुछ चुनिंदा लिंक्स के साथ, आप सबों का स्वागत करता हूँ. --
एक नजर डालें इन चुनिंदा लिंकों पर...
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हर साँस से सपने
उर से स्नेह ---
प्रकृति के कण -कण से
सुखों की बरसात हो रही थी
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लगता है ३० वर्ष में ही, ६० वर्ष पूरे होने का घंटा बजा दिया कि अब स्कूल बंद हो गया, आज के बाद अब यहाँ नहीं आना, फीस आदि का रिफंड के लिए चेक घर भेज दिया जाएगा ! :)
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विजयलक्ष्मी
नींद के आगोश में खिलते ख्वाब मुबारक तुमको , उठा हर कदम जानिब ए मंजिल मुबारक तुमको . |
Key to long and healthy life :Eating less
वीरेन्द्र कुमार शर्मा
भूख आदमी की आदिम कुदरती प्रवृत्ति है जिसके चलते शरीर पूरी
खुराक न मिलने पर कोशाओं में बकाया बचे पुष्टिकर तत्वों को ग्रहण करने लगता है |
ललित शर्मा
किसी भी राज्य की पहचान उसकी भाषा, वेषभूषा एवं संस्कृति होती है। संस्कृति लोकपर्वों में दिखाई देती है। लोकपर्व संस्कृति का एक आयाम हैं।
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डॉ.हीरा लाल प्रजापति
सोचा न था वक्त आएगा ऐसा खराब भी
खाएंगे पण्डे गोश्त पियेंगे शराब भी
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मनु त्यागी
प्राकृतिक जडो से बने इस पुल को देखने से मन नही भर रहा था पर जब आप बाहर घूमने जाते हैं तो आपके पास समय भी एक प्वाइंट होता है । ब्रिज के नीचे बह रही नदी का पानी भी ठंडा और बिलकुल क्रिस्टल क्लियर था । हममें से कई ने उस पानी में भी काफी मस्ती की ।
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I walked up to the park
To see the reality that was stark
With a beautiful scenery
And a hallucinating perfume
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गंदगी ही गंदगी को गंदगी में मिलाती है
सुशील कुमार जोशी
होनी तो होनी
ही होती है
होती रहती है अनहोनी होने |
बनकर चाँद मेरे आंगन में!
चली आओ मेरे जीवन में! तुझसे हर एहसास पनपता, वसी है तू ही अंतर्मन में! |
हर्षवर्द्धन श्रीवास्तव
किस्से - कहानियां सुनने और सुनाने का शौक भला किसे नहीं होगा। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक मनुष्य किस्से - कहानियां सुनने के साथ - साथ सुनाता भी आया। किस्से और कहानियों को सुनाने की इस कला को ही किस्सागोई ( Storytelling ) कहते है।
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राजेंद्र शर्मा
छंद से जीवन भरा ,
आनंद से जीवन भरा
स्नेह का यह कन्द ले लो
सदभावना दे दो ज़रा
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यशवंत यश
वक्त के कत्लखाने में
कट कट कर जिंदगी |
हवा हवाई योजना, हवा हवाई बात |
भूला सारी मुश्किलें, यह मानुष बदजात |
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प्रतिभा सक्सेना
कत्थई भूरे रंग की पीली चोंच वाली चिड़िया होती हैं........
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हेमंत कुमार दुबे
समय-समय की बात होती है,
कभी दिन कभी रात होती है |
"हमें संस्कार प्यारे हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उजाला ले के आये हो तो अपने मुल्क में छाँटो, हमें अँधियार प्यारे हैं। निवाला ले के आये हो तो अपने मुल्क में चाटो. हमें किरदार प्यारे हैं।
धन्यवाद !
कबीरा आप ठगाइये और न ठगिये कोय , आप ठगे सुख उपजै ,और ठगे दुःख होय। -- सेहतनामा : (२) कसरत के बाद की पेशीय दुखन को तरबूज़ दूर भगा सकता है। इससे आपको भरपूर मात्रा में मिल जाता है आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma गौरैया Akanksha पर Asha Saxena सहमी हुई सांकलें !! ये पन्ने ........सारे मेरे अपने - पर Divya Shukla सबसे खुबसूरत पल -
ओ ! प्रियतमे
हमारी जिन्दगी का
सब से खूबसूरत पल
हमारे इंतजार में
बेकरार है वहां
जहाँ पे
फलक और जमी
आलिंगनबद्ध
होते हैं...
सुधीर मौर्यकलम से.. जड़ कोमल घास जीवंत है मानो कह रही हो सीधे-साधे मजदूर कभी नहीं खोदते हैं काटते हैं किसी की जडें... Vijay Kumar Shrotryia "विविध दोहावली"
माँ के कोमल हृदय को, सुत देते संताप।
अपशब्दों को बोलकर, भर देते अवसाद...
उच्चारण |
बहुत अच्छे लिंकों के साथ मनभावन चर्चा।
जवाब देंहटाएं--
आभार आदरणीय राजीव कुमार झा जी।
खूबसूरत शनिवारीय चर्चा । उलूक की गँदगी "गंदगी ही गंदगी को गंदगी में मिलाती है " दिखाने के लिये आभार राजीव ।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंश्री खुशवंत जी को नमन और श्रद्धांजलि |
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |
सुन्दर, रोचक व पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे पठनीय लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा। आभार राजीव कुमार झा जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा ... सादर..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद सर!
जवाब देंहटाएंसादर
बढ़िया सूत्र व प्रस्तुति , राजीव भाई व मंच को धन्यवाद
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी मे जानकारियाँ )
धन्यवाद... मयंक जी..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ! राजीव झा जी ! मेरी रचना ''सोचा न था वक्त आएगा ऐसा खराब भी'' को मंच पर स्थान देने का ..................
जवाब देंहटाएंबहुत खूब....!!
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