इमारतें
खंडहर हुई जाती हैं
मुस्कानें
जहर हुई जाती हैं
ये कैसी हवा
है मेरे चमन की
हर सहर कहर
हुई जाती हैं
बदल दो इस
तालाब का पानी
मछलियां मगर
हुई जाती हैं
द्रौपदी
लुटती है आज बाजारों में
अंधी कृष्ण
की नज़र हुई जाती है
पत्थरों के
इस शहर में
मेरी आवाज बेअसर
हुई जाती है
(साभार : अनिता श्रीवास्तव)
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नमस्कार !
रविवारीय चर्चा मंच में आपका स्वागत है.
एक नज़र आज की चर्चा में प्रस्तुत लिंकों पर.....
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विभा रानी श्रीवास्तव
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हिमकर श्याम
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यशवंत 'यश'
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उपासना सियाग
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सुषमा 'आहुति'
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गौतम राजरिशी
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मन के - मनके
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अर्चना चावजी
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राकेश कुमार श्रीवास्तव
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हर लेता हर कंटक पथ का
अनिता
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अन्तहीन है ज्ञानस्रोत
प्रवीण पाण्डेय
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रंगत , अंडमान का सुंदर कस्बा
मनु प्रकाश त्यागी
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अनोखी दवा – The Wonderful Medicine
निशांत मिश्रा
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खुशी के चार रंग............यशोदा
यशोदा अग्रवाल
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धन्यवाद !
अनिता
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अन्तहीन है ज्ञानस्रोत
प्रवीण पाण्डेय
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रंगत , अंडमान का सुंदर कस्बा
मनु प्रकाश त्यागी
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अनोखी दवा – The Wonderful Medicine
निशांत मिश्रा
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खुशी के चार रंग............यशोदा
यशोदा अग्रवाल
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धन्यवाद !
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा सूत्र और उनका संयोजन |
अच्छे लिंकों के साथ पठनीय चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय राजीव कुमार झा जी।
बढ़िया प्रेरक रचनाएँ,'बदल दो इस तालाब का पानी जिसके पानी में मछलिया मगर हुई जाती हैं.'
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात भाई राजीव जी
जवाब देंहटाएंअच्छी रचनाएँ जोड़ी है आज आपने
आभार
सादर
अच्छी रचनाएँ .....उम्दा
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स व बेहतर प्रस्तुति , आ. राजीव भाई , शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
पठनीय सूत्र राजीव जी, बधाई इस सुंदर चर्चा के लिए, आभार !
जवाब देंहटाएंराजीव जी, नमस्कार। सुंदर और सार्थक लिंकों के चयन के साथ बेहतरीन चर्चा. मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!
जवाब देंहटाएंSwasth charcha, badhiya Links.
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