घण्टे-घड़ियाल, ताल-खड़ताल लेके अब,
भारत माँ का कीर्तन-भजन होना चाहिए।
देश की सीमाओँ को बचाने के लिए तो आज,
तन-मन प्राण का हवन होना चाहिए...
|
Smart Indian
|
Dr.J.P.Tiwari
|
Virendra Kumar Sharma
|
Priyanka...
|
महेन्द्र श्रीवास्तव
|
Amit Srivastava
|
udaya veer singh
|
kuldeep thakur
|
सुशील कुमार जोशी
|
Madan kumar
|
bhuneshwari malot
|
बतकुचनी
|
Bamulahija dot Com
|
गए गोद में बैठ, मंच पर बैठे सटकर--
गाली देते ही रहे, बीस साल तक धूर्त |
अब गलबहियाँ डालते, सत्ता-सुख आमूर्त |
सत्ता-सुख आमूर्त, देखिये प्यार परस्पर |
गए गोद में बैठ, मंच पर बैठे सटकर |
यह कोसी की बाढ़, इकट्ठा हुवे बवाली |
एक नाँद पर ठाढ़, करें दो जीव जुगाली ||
बहुत सुंदर चर्चा सुंदर सूत्र संयोजन रविकर जी । 'उलूक' के सूत्र ' किसलिये कोई लिखने लिखाने की दवा का बाजार चुनता है' को जगह देने के लिये आभार भी ।
जवाब देंहटाएंविविधता लिए हुए सूत्र.. आभार !
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन, सटीक नीम-निंबौरी, आभार!
जवाब देंहटाएंबढ़िया सूत्र व चर्चा , आ. रविकर सर , शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत बढ़िया लिंक्स-सह-चर्चा प्रस्तुति ...आभार!
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा,
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने के लिए आभार
सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय रविकर जी आपका आभार।
--
चौदह और पन्द्रह अगस्त को देहरादून प्रवास पर हूँ।
सादर!
बढ़िया सेतु लिए आता है चर्चा मंच रविकर की उजास और बोधि तत्व भी।
जवाब देंहटाएंमहेंद्र श्रीवास्तव जी जो रेवड़ी बांटने वाले होते हैं उन्हें ये नहीं पता कि भारत रत्न एक मर्तबा में कितनों को दिए जा सकते हैं इसीलिए मनीष तिवारी जैसे लोग दर्जनों में लिस्ट ले आये हैं। जब कांग्रेस अपने घर में भारत रत्न बाँट रही थी तब इन्हें एक भी क्रांतिकारी की याद नहीं आयी इनमें कई तो ऐसे हैं जिन्होनें चन्द्र शेखर आज़ाद जैसे क्रान्ति वीरों को आतंकी कह दिया था। ये तो
जवाब देंहटाएंजनता ने अपना फैसला दो टूक सुना दिया वरना इस मर्तबा भारत रत्न श्रीमती सोनिया जी को भी दे दिया जाता ,वाड्रा और राहुल का नाम भी सामने आ जाता इन्हें नहीं मालूम रेवड़ी और भारत रत्न में क्या अंतर होता है आपने बड़े मौज़ू सवाल करीने से उठाये हैं। बधाई दो टूक समीक्षा के लिए।
कुपात्रों से वापस हो " भारत रत्न "
महेन्द्र श्रीवास्तव
आधा सच...
यह कोसी की बाढ़, इकट्ठा हुवे बवाली |
जवाब देंहटाएंएक नाँद पर ठाढ़, करें दो जीव जुगाली ||
अरे वह क्या मारा है दो सांडों को दो कथित छद्म सेकुलरों को .
गए गोद में बैठ, मंच पर बैठे सटकर--
गाली देते ही रहे, बीस साल तक धूर्त |
अब गलबहियाँ डालते, सत्ता-सुख आमूर्त |
सत्ता-सुख आमूर्त, देखिये प्यार परस्पर |
गए गोद में बैठ, मंच पर बैठे सटकर |
यह कोसी की बाढ़, इकट्ठा हुवे बवाली |
एक नाँद पर ठाढ़, करें दो जीव जुगाली ||
महेंद्र श्रीवास्तव जी जो रेवड़ी बांटने वाले होते हैं उन्हें ये नहीं पता कि भारत रत्न एक मर्तबा में कितनों को दिए जा सकते हैं इसीलिए मनीष तिवारी जैसे लोग दर्जनों में लिस्ट ले आये हैं। जब कांग्रेस अपने घर में भारत रत्न बाँट रही थी तब इन्हें एक भी क्रांतिकारी की याद नहीं आयी इनमें कई तो ऐसे हैं जिन्होनें चन्द्र शेखर आज़ाद जैसे क्रान्ति वीरों को आतंकी कह दिया था। ये तो जनता ने अपना फैसला दो टूक सुना दिया वरना इस मर्तबा भारत रत्न श्रीमती सोनिया जी को भी दे दिया जाता ,वाड्रा और राहुल का नाम भी सामने आ जाता इन्हें नहीं मालूम रेवड़ी और भारत रत्न में क्या अंतर होता है आपने बड़े मौज़ू सवाल करीने से उठाये हैं। बधाई दो टूक समीक्षा के लिए।
जवाब देंहटाएंकुपात्रों से वापस हो " भारत रत्न "
महेन्द्र श्रीवास्तव
आधा सच...
सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंआदरणीय रविकर जी मै अपनी पोस्ट नहीं ढूढ़ पाया।
जवाब देंहटाएं