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नमस्कार प्रिय ब्लॉगर मित्रों , चर्चामंच के इस अंक में मैं आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ , व हम सबके लिए अच्छाई व सफल मार्ग के लिए ईश्वर से कामना करता हूँ , क्योंकि -
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नमस्कार प्रिय ब्लॉगर मित्रों , चर्चामंच के इस अंक में मैं आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ , व हम सबके लिए अच्छाई व सफल मार्ग के लिए ईश्वर से कामना करता हूँ , क्योंकि -
हर स्थिति को ईश्वर का वरदान तथा आशीर्वाद समझो , आने वाली हर स्तिथि ,तुम्हे शक्ति देने वाली बन जायेगी !
~ दिव्य शक्ति माँ श्रद्धेया जी ~
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- अब बढ़ते हैं लिंक्स की ओर -
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आवाज़ मौन की - आ. कैलाश शर्मा जी की प्रस्तुति
जीवन के अकेलेपन में
और भी गहन हो जाती
संवेदनशीलता,
होता कभी अहसास
घर के सूनेपन में
किसी के साथ होने का,
शायद होता हो अस्तित्व
सूनेपन का भी
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कभी कभी बेचारा मन - आ. सतीश सक्सेना जी की प्रस्तुति
माँ का रहा, दुलारा मन !
उन आँखों का तारा मन !
कितनी मायूसी में सोया
उनके बिन बेचारा मन !
चंदा सूरज से लड़ आया
ऐसे कभी न हारा मन !
~ मेरे गीत ! ~
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ये रिश्ता ....( दोस्ती का ) - श्री प्रवीन मलिक जी की प्रस्तुति
यूँ तो सब रिश्ते
खुदा की दें हैं
एक दोस्त ही हम
अपने अनुरूप चुनते हैं
~ दिल की आवाज ~
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प्रेम-पाती - श्री मधुरेश जी की प्रस्तुति
मन की अवनि पर धूप खिला,
नव जीवन को आधार मिला,
बीता तम घन, बीती रातें,
जब प्रीत मिला, मनमीत मिला।
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महादेव का कोप है या कुछ और ....? - आ. श्री कालीपद प्रसाद जी की प्रस्तुति
महाराष्ट्र में पुणे जिले के मालन गाँव में प्राकृतिक आपदा आई है | इस प्रलय में ७१ लोग मारे गए ,१०० से ज्यादा लोगों की मलवे में दबे होने की आशंका है | ८ लोगो को बचा लिया गया है| टी वी चनेलो में ,समाचार पत्रों में यह प्रचार किया जा रहा है कि यह महादेव का प्रकोप है |
~ अनुभूति ~
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मन की चाह - आ. श्री आशा सक्सेना जी की प्रस्तुति
मन क्या चाहता
व्यक्त न कर पाता
अपलक निहारता रहता
क्रम सृष्टि का निश्चित
सुबह होते ही जीवन में रवानी
धीरे धीरे रफ्तार बढ़ना
~ Akanksha ~
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एक लहर शिव व सुंदर की - आ. श्री अनीता जी की प्रस्तुति
स्पृहा सदा सताती मन को
बढ़ जाता तब उर का स्पंदन,
सदानीरा सी मन की धारा
कभी न लेने देती रंजन !
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रिश्तों की बुनियाद पुरानी हो न हो ! - श्री प्रभात कुमार जी की प्रस्तुति
रिश्तों की बुनियाद पुरानी हो न हो
यादों की बुनियाद डालनी इनसे सीखो
महफिल में अपना कोई हो न हो
बातों से अपना बनाना इनसे सीखो
फूलों का गुलदस्ता हाथों में हो न हो
प्यार जताना इनसे सीखो
यादों की बुनियाद डालनी इनसे सीखो
महफिल में अपना कोई हो न हो
बातों से अपना बनाना इनसे सीखो
फूलों का गुलदस्ता हाथों में हो न हो
प्यार जताना इनसे सीखो
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हाँ मैं जिन्दगी हूँ .......!!! - श्री शुष्मा जी की प्रस्तुति
हाँ मैं जिन्दगी हूँ...
तुम्हे जीना सीखा दूंगी.....
घुल गयी जो..
तुम्हारी सांसो में तो....यक़ीनन..
तुम्हारी सांसो को महका दूंगी.....
हाँ मैं जिन्दगी हूँ.....
तुम्हे जीना सीखा दूंगी.....!
तुम्हे जीना सीखा दूंगी.....
घुल गयी जो..
तुम्हारी सांसो में तो....यक़ीनन..
तुम्हारी सांसो को महका दूंगी.....
हाँ मैं जिन्दगी हूँ.....
तुम्हे जीना सीखा दूंगी.....!
~ 'आहुति' ~
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भीगा सावन - श्री सुमन कपूर जी की प्रस्तुति
भीगा भीगा सा है मौसम
भीगी भीगी सी रुत बहार है
भीगा भीगा सा है 'मन' मेरा
भीगी भीगी सी सावन की फुहार है !!
~ अर्पित 'सुमन' ~
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तेरे लिए - श्री स्मिता सिंह जी की प्रस्तुति
तेरे साथ हमकदम थे, तेरे लिए सनम थे
तुझसे थी मेरी हस्ती, तेरे बिना ना हम थे
तेरे साथ ही चले हम, तेरे लिए ठहर गए
दिल में कसक लिए हम बेसाख्ता बिखर गए
कहते थे तेरा जाना जाएगा, जाएगा भूल दिल ये
तूं दूर हो भले ही, तेरी याद में संवर गए
~ बेपरवाह लहरें ~
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वक़्त को आज़मा के देखो तो ... - आ. श्री दिगंबर नसवा जी की प्रस्तुति
दर्द में मुस्कुरा के देखो तो
गीत खुशियों के गा के देखो तो
जीत लोगे तमाम दुनिया तुम
दाव खुद पे लगा के देखो तो
हौंसला है तो साथ देता है
वक़्त को आज़मा के देखो तो
~ स्वप्न मेरे ~
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ब्लॉग पोस्ट में लिंक डाले जो अपने आप खुलेगा - श्री मोती जी की प्रस्तुति
आज हम आपको Anchor Text के बारे मे बताते है । Anchor Text उस highlite लिंक को कहते है जिसे हम किसी शब्द के पीछे छुपा देते है जिसे क्लिक करने से हम एक निर्धारित जगह पहुच जाते है ।
~ Hindi gk ~
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मेरा व हम सबका जानकारियों का ब्लॉग - I.A.S.I.H - ब्लॉग
वैसे मेरे तीन ब्लॉग हैं , लेकिन इस ब्लॉग की बात कुछ अलग है क्योंकि ये हिंदी जानकारी व समाधान को समर्पित है - आपसे भी अनुरोध है की हो सके तो इस ब्लॉग के सदस्य बनकर हिंदी जानकारियों के प्रसार में मेरी मदद करें , और अगर आप हमारे ब्लॉग की तरफ से हिंदी कहानियाँ व जानकारी आदि लिख सकते हैं तो आपका स्वागत है , आप सभी को बहुत-बहुत प्यार और धन्यवाद !
~ Information and solutions in Hindi ~
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फूँक-फूँक चलती न जवानी - श्री मधु सिंह जी की प्रस्तुति
जब गिर- गिर दहाड़ते शैल-श्रिंग भूचाल धरा पर आता है
पड़ गए जिधर दो डग पग ज्वाल विवर फट जाता है
फूँक- फूँक चलती न जवानी * झंझा तूफानों से बचकर
जब साहस अपनी ऊँगली पर पौरुष का भार उठता है
~ Benakab ~
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चित्र देख कर हाइकु ...... कितना सार्थक नहीं जानती - आ. श्री विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति
1
शिशु तोषित
मिली त्रासक मुक्ति
माँ से पोषित।
2
जी बेखटक
झूमे नाचे व गाये
माँ गोद मिले।
3
जी निष्कंटक
अमृत डोर बँधी
आँचल तले।
~ सोच का सृजन ~
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"पिता जी और मैं" संस्मरण शृंखला-1 ( आ. डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी की प्रस्तुति)
~ उच्चारण ~
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अब आप सबसे आज्ञा _/\_ चाहता हूँ , ईश्वर की कृपा से अगर सही सलामत रहा तो अगले सोमवार , एक बार फिर से --- मंच पर मिलूंगा कुछ नवीन रचनाओं के साथ , तबतक के लिए मंच व मेरी तरफ से आप सबको धन्यवाद !
भीगा सावन - श्री सुमन कपूर जी की प्रस्तुति
भीगा भीगा सा है मौसम
भीगी भीगी सी रुत बहार है
भीगा भीगा सा है 'मन' मेरा
भीगी भीगी सी सावन की फुहार है !!
~ अर्पित 'सुमन' ~
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तेरे लिए - श्री स्मिता सिंह जी की प्रस्तुति
तेरे साथ हमकदम थे, तेरे लिए सनम थे
तुझसे थी मेरी हस्ती, तेरे बिना ना हम थे
तेरे साथ ही चले हम, तेरे लिए ठहर गए
दिल में कसक लिए हम बेसाख्ता बिखर गए
कहते थे तेरा जाना जाएगा, जाएगा भूल दिल ये
तूं दूर हो भले ही, तेरी याद में संवर गए
~ बेपरवाह लहरें ~
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वक़्त को आज़मा के देखो तो ... - आ. श्री दिगंबर नसवा जी की प्रस्तुति
दर्द में मुस्कुरा के देखो तो
गीत खुशियों के गा के देखो तो
जीत लोगे तमाम दुनिया तुम
दाव खुद पे लगा के देखो तो
हौंसला है तो साथ देता है
वक़्त को आज़मा के देखो तो
~ स्वप्न मेरे ~
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ब्लॉग पोस्ट में लिंक डाले जो अपने आप खुलेगा - श्री मोती जी की प्रस्तुति
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फूँक-फूँक चलती न जवानी - श्री मधु सिंह जी की प्रस्तुति
जब गिर- गिर दहाड़ते शैल-श्रिंग भूचाल धरा पर आता है
पड़ गए जिधर दो डग पग ज्वाल विवर फट जाता है
फूँक- फूँक चलती न जवानी * झंझा तूफानों से बचकर
जब साहस अपनी ऊँगली पर पौरुष का भार उठता है
~ Benakab ~
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चित्र देख कर हाइकु ...... कितना सार्थक नहीं जानती - आ. श्री विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति
1
शिशु तोषित
मिली त्रासक मुक्ति
माँ से पोषित।
2
जी बेखटक
झूमे नाचे व गाये
माँ गोद मिले।
3
जी निष्कंटक
अमृत डोर बँधी
आँचल तले।
~ सोच का सृजन ~
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"पिता जी और मैं" संस्मरण शृंखला-1 ( आ. डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी की प्रस्तुति)
~ उच्चारण ~
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अब आप सबसे आज्ञा _/\_ चाहता हूँ , ईश्वर की कृपा से अगर सही सलामत रहा तो अगले सोमवार , एक बार फिर से --- मंच पर मिलूंगा कुछ नवीन रचनाओं के साथ , तबतक के लिए मंच व मेरी तरफ से आप सबको धन्यवाद !
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों से सजा आज का चर्चा मंच
मेरी रचना शामिल देख मन हुआ प्रसन्न |
आपका आभार आशीष भाई।
जवाब देंहटाएं--
सुप्रभात मित्रों।
--
पूज्य पिता जी की अस्थियाँ आज हरिद्वार में गंगाजी में प्रवाहित कर दीं।
1 अगस्त को शान्तियज्ञ पूर्ण हो गया था। रस्मपगड़ी और ब्रह्मभोज भी 1 अगस्त को ही सम्पन्न हो गया था।
--
मैं हरिद्वार में हूँ। मंगलवार और बुधवार की चर्चा आदरणीय रविकर जी प्रस्तुत करेंगे। उनका भी अग्रिम आभार।
सुन्दर सूत्र ! वृहद् चर्चा !
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा-
जवाब देंहटाएंआभार भाई जी-
आज की चर्चा के सभी सूत्र लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी ग़ज़ल को स्थान देने का ...
बहुत बढ़िया लगे सभी लिंक्स ..कुछ नए ब्लोगेर्स को जानने का मौका मिला |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार | :)
बहुत ख़ूबसूरत लिंक्स...रोचक चर्चा...आभार..
जवाब देंहटाएंउत्तम चर्चा..बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति .......आभार!
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत ही बढ़िया चर्चा प्रस्तुति .......आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया चर्चा प्रस्तुति,सभी सूत्र लाजवाब,आभार!
जवाब देंहटाएंलाजवाब चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत लिनक्स दिए है आपने....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएं