प्रिय पाठक गण !!
आदरणीय दिलबाग जी के नेट समस्याग्रस्त है, सो पुन: हाजिर हूँ-रविकर
रविकर
अपना हो आवास इक, मुट्ठी में हो वित्त ।
स्नेह-सिक्त वातावरण, सही वात कफ़ पित्त ।
सही वात कफ़ पित्त, चित्त में हर्ष समाये ।
अपने पर विश्वास, सदा यश आयु बढ़ाये ।
रिश्तों से उम्मीद, आज-कल थोड़ी रखना ।
कह रविकर से वृद्ध, जियो खुद जीवन अपना॥
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सुशील कुमार जोशी
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सरिता भाटिया
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सदा
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Anita
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Asha Saxena
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संजय भास्कर
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Jai Sudhir
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सज्जन धर्मेन्द्र
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Naveen Mani Tripathi
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vandana gupta
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shashi purwar
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udaya veer singh
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noreply@blogger.com (विष्णु बैरागी)
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प्रतिभा सक्सेना
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काजल कुमार Kajal Kumar
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Virendra Kumar Sharma
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रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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आभार आदरणीय रविकर जी। आज देहरादून में हूँ। सोलह को खटीमा वापसी होगी।
जवाब देंहटाएंआदरणीय-
हटाएंआज शाम को लखनऊ के लिए निकल रहा हूँ-
मंगलवार को धनबाद वापस आऊंगा-अर्थात आकर बुधवार की चर्चा करूँगा --
सादर-
bahut sundar post , dhanyavad hamen bhi charcha me shamil karne hetu
हटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंनई नई पोस्ट
आज चर्चा मंच पर
मुझे भी स्थान मिला
धन्यवाद इस के लिए |
सुंदर चर्चा रविकर जी । आभार 'उलूक' का सूत्र ' गधा घोड़ा नहीं हो सकता कभी तो क्या गधा होने का ही फायदा उठा' भी दिखा कहीं :)
जवाब देंहटाएंसुप्रभात ! सुंदर चर्चा के लिए बधाई व आभार रविकर जी !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा .........आभार
जवाब देंहटाएंअच्छी कड़ियाँ मिलीं रविकर जी। शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सूत्र
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सूत्र, सुंदर चर्चा के लिए बधाई व आभार रविकर जी !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
कुछ देखें हैं, कुछ देखते है। सुंदर चर्चा सूत्र।
जवाब देंहटाएंबढ़िया बहुरंगी सूत्रों के लिए आपका आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा आदरणीय रविकर जी।
जवाब देंहटाएंहमारी स्वतन्त्रता और एकता अक्षुण्ण रहे।
इसा कामना के साथ।
स्वतन्त्रतादिवस की पूर्वबेला पर सभी पाठकों को
आजादी के दिवस की बधायी हो।