मित्रों।
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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मधु सिंह :
कब अश्रु मेरे सम्मानित होंगें
कब अश्रु मेरे सम्मानित होंगे,
कब मुझको याद किया जाएगा
जीवन के इस महातिमिर में,
कब नव घृत-दीप जलाया जाएगा ...
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मधु सिंह :
कब अश्रु मेरे सम्मानित होंगें
कब अश्रु मेरे सम्मानित होंगे,
कब मुझको याद किया जाएगा
जीवन के इस महातिमिर में,
कब नव घृत-दीप जलाया जाएगा ...
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कहाँ पता
चल पाता है
आदमी को
कि वो
एक माला
पहने हुवे
फोटो हो
जाता है
अगरबत्ती
की खुश्बू
भी कहां आ
पाती है उसे
तीन पीढ़ियों
के चित्र
दिखाई देते हैं
सामने कानस में...
चल पाता है
आदमी को
कि वो
एक माला
पहने हुवे
फोटो हो
जाता है
अगरबत्ती
की खुश्बू
भी कहां आ
पाती है उसे
तीन पीढ़ियों
के चित्र
दिखाई देते हैं
सामने कानस में...
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फुलबाड़ी
फुलबाड़ी में
खिलते गुलाब
चटकती कलियाँ
प्रातः काल का
अभिनन्दन करते
आदित्य की
प्रथम किरण का ...
Akanksha पर Asha Saxena
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वक़्त का दर्द.....!!!!
धर्म की लड़ाई आये दिन हो रहें बलात्कार खून ख़राबा हमे सब दिखता है हम सबको लिखने का मौका मिलता है.इन हादसों के कब्रों पर हमे हमारी पहचान स्थापित करने का स्वर्ण अवसर मिलता है....
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मेघ आया देर से ...
आषाढ़ गया सूखा-सूखा,
किसान हुआ बेहाल
मेघ आया देर से पर,
सावन को कर दिया निहाल...
कालीपद प्रसाद
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अंतराल कहानी.. स्वाति तिवारी की
पुरस्कृत कहानी
जिसका आकाशवाणी इंदौर ने
नाट्यरूपांतर किया था
"अंतराल"
हम और हमारी लेखनी पर गीता पंडित
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नादाँ !
थाम लो उम्मीद का दामन, छूट न जाए,
रखो अरमाँ सहेजकर, कोई लूट न जाए...
अंधड़ ! पर पी.सी.गोदियाल "परचेत"
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कुछ नहीं है
....तुम जहाँ थे
जहाँ हो
जहाँ रहोगे
भेद विभेद की परिसीमा में
प्रवेश क्रिया हुई वर्ज्य
बस खुद का क्षरण हुआ त्याज्य...
एक प्रयास पर vandana gupta
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औचित्यहीन होती संस्थाएं और साक्षरता
*देश* में साक्षरता के नाम पर खोले गए राज्य संसाधन केन्द्रों का अब क्या ओचित्य बचा है। बेहतर होगा कि यहाँ तबले बजा रहे लोगों और मोटी तनख्वाह पा रहे लोगों को स्कूलों और दीगर काम करनेवाली जगहों पर लगा दिया जाए। फ़ालतू के कामों, अनुपयोगी सामग्री और साक्षरता के नाम पर कार्यशालाएं और देश भ्रमण पर अब रोक लगानी चाहिए...
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राखी के वचन महान
राखी के हैं वचन महान
मिल के बचायें इसकी आन
रिश्तों का सौन्दर्य ना टूटे
प्यार का माधुर्य ना छूटे
होठों पर छाये मुस्कान ..
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सुप्रभात
जवाब देंहटाएंपठनीय सूत्र |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |
सुन्दर, सार्थक, सशक्त सूत्रों से सुसज्जित आज का मंच ! आज की चर्चा में मेरे संस्मरण को भी स्थान दिया आपका बहुत-बहुत आभार शास्त्री जी ! सभी दोस्तों एवं पाठकों को रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र सुंदर चर्चा । 'उलूक' की नासमझी 'नासमझ' को स्थान देने के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सार्थक लिंको के साथ बहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति, धन्यबाद।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स मिले.... चैतन्य की पोस्ट शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर व सार्थक चर्चा
जवाब देंहटाएंखूबसुरत चर्चा, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सर
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स संयोजन-सह- सार्थक प्रस्तुति .... आभार !
जवाब देंहटाएं* आभारी हूँ कि आपने आज मेरी नई पोस्ट को को यहाँ साझा किया और उसे टैगलाइन भी बनाया
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