फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, फ़रवरी 12, 2015

भक्ति अंध ही होती है { चर्चा -1887 }

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है 
दिल्ली में जो सुनामी आई है उससे बड़े दल चिंतित नहीं होंगे, यह संभव ही नहीं । आत्ममंथन जरूर  होगा । बिना कमियों के इतनी बड़ी हार संभव नहीं लेकिन भक्त हैं कि मानने को तैयार नहीं । सचमुच भक्ति अंध ही होती है । 
चलते हैं चर्चा की ओर
 
मेरा फोटो
My Photo
मेरा फोटो
धन्यवाद 

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चर्चा आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
    आज अपने गृहनगर खटीमा आ गया हूँ।
    --
    श्रम के साथ चर्चा प्रस्तुत करने के लिए आभार आपका।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    उम्दा लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर प्रस्तुति दिलबाग जी । आभार 'उलूक' के सूत्र 'क्या धोया है बिना साबुन-पानी के' को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर चर्चा दिलबाग विर्क जी। मेरी रचना को स्थान देने का आभार।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर सूत्र, सुन्दर चर्चा...मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  7. आभार - बहुत से पठनीय 'छोर' पकड़वाने के लिए।
    'दर्शन प्राशन' की डोर यहाँ तक खींच लाने के लिए धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत अच्छे अच्छे links हैं.
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।